फ़लक़ से चाँद तारे लाने की बात करते हैं
हैं भारत की हम सन्तान
सबको साथ लेकर चलने की बात करते हैं
यहाँ घर सबके एक से हैं
इंसान सब यहाँ एक साथ मिलकर रहते हैं
मसालात गरचे कुछ हैं भी
मिल बैठके सुलझाने की बात करते हैं
सिर फिरे हैं कुछ लोग
यदाकदा जो ऊलजलूल बात करते हैं
सुनता है कौन उनकी
जब दिल दो एक साथ रहने की बात करते हैं
इस सरज़मीं की बेहतरी के लिए बहाया है खून साथ साथ
होते हैं कौन वो जो अब अलग रहने की बात करते हैं
हैं भारत की हम सन्तान
सबको साथ लेकर चलने की बात करते हैं
यहाँ घर सबके एक से हैं
इंसान सब यहाँ एक साथ मिलकर रहते हैं
मसालात गरचे कुछ हैं भी
मिल बैठके सुलझाने की बात करते हैं
सिर फिरे हैं कुछ लोग
यदाकदा जो ऊलजलूल बात करते हैं
सुनता है कौन उनकी
जब दिल दो एक साथ रहने की बात करते हैं
इस सरज़मीं की बेहतरी के लिए बहाया है खून साथ साथ
होते हैं कौन वो जो अब अलग रहने की बात करते हैं
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