एक नए कथानक का सूत्रपात:
दिल से…
इधर पिछले कुछ दिनों से मेरी पत्नी के मन में गुबार उठ रहा है कि मिट्टी के गुल्लकों की भी भला कोई उम्र होती है, जितने दिन जी गई बस उतनी ही होती है जिंदगी। जिस शरीर से हम इतना प्यार करते हैं जिसके लिये आज स्त्री पुरुष समान रूप से क्या कुछ नहीं करते कि वे जीवन पर्यंत ऐसे दिखें जिनके रूप की दुनिया गुणगान करे। आखिर यह रूप ही तो है जो स्त्री पुरुष के मध्य युग युगांतर से आकर्षण का केंद्र बिंदु रहा है। यह जानते हुए भी शारीरिक सुंदरता से अधिक कहीं आवश्यकता इस बात की होती है कि एक स्वस्थ रिश्ते के लिए स्त्री पुरुष दोनों के मन मिलने चाहिए।
इन्हीं प्रश्नों की तलाश ही इस कथानक की सूत्रधार बनने जा रही है जिसका पूरा श्रेय रमा के नाम।
तनिष्क जिसको अपने तन से इश्क हो उसे कहते हैं ‘तनिष्क’। नहीं जानता हूँ और न ही जानना चाहता हूँ कि शब्द ‘तनिष्क’ का साहित्य कोष में क्या अर्थ लिखा है। ‘तनिष्क’ का शाब्दिक अर्थ संधि विच्छेद कर जो बनता है, वह है ‘तन + इश्क़’।
मेरी पत्नी का मानना है जिसको अपने तन-मन अपने आस-पास की सभी चीजों से इश्क़ हो और वह जिन्दगी ज़िन्दादिली से जीना चाहता हो। इस जीवन में जो इतना घुल मिल जाए जिसे सिर्फ हर चीज से इश्क़ हो और यह कथानक उस लड़की की है जो जिसका नाम है ‘तनिष्का’।
जब मुआमला तन-बदन अपने आस-पास के मसायल से जुड़ा हुआ हो तो कथानक की धमाकेदार शुरुआत करने के लिये भारत में ‘गोआ’ से अच्छी लोकेशन और भला कौन सी हो सकती है? वैसे भी गोआ पर्यटन के आकर्षण के लिहाज़ से मेरा पसंदीदा स्थान रहा है। गोआ की फ़िज़ाओं में कुछ ऐसा है जो और कहीं नहीं है। ….और उस पर तुर्रा यह कि वहाँ एक खूबसूरत लड़की ‘तनिष्का’ आई हो जिसकी माँ उसे और खूबसूरत बनते हुए देखना चाह रही हो तो गोआ से बेहतर दूसरी लोकेशन हो ही नहीं सकती।
बस इन्ही सब विचारों को लेकर आज ही से ‘तनिष्क’ के लेखन का काम अपने हाथों में ले रहा हूँ। वैसे भी कल ही मेरा धारावाहिक ‘मामू सा’ जो कि फेसबुक पर पिछले डेढ़ महीने से कुछ ऊपर ही धूम मचा कर समाप्त हुआ है तो मन कुछ और करने को कर रहा है। मैं एक पल के लिये भी खाली नहीं बैठना चाहता हूँ, चूँकि निठल्ले बैठना न तो मेरी सीरत है और न ही मेरी कैफ़ियत। देखता हूँ कि ‘तनिष्क’ की शुरुआत किस तरह से होती है। अबकी बार मन कुछ तूफानी करने को कर रहा है। यह देखना इंटरेस्टिंग होगा कि इस कथानक की शुरुआत भला कैसी हो? बहरहाल जैसी भी हो यह मेरा दावा है कि अन्य कथानकों की तरह यह कथानक भी ऐसा होने वाला है जिसे आपने अगर एक बार छू भर दिया तो आप उसे अंत तक पढ़ने को बाध्य होंगे।
मुझे बस इस कथानक का पहला एपिसोड लिख लेने भर दीजिये और वह अगर मेरी पत्नी ने अनुमोदन कर दिया तो समझ लीजिए कि कुछ अज़ब-ग़ज़ब ही होने वाला है।
शुभकामनाओं सहित,
26-02-2018 एस पी सिंह।
प्रोमो 1
यही तो है अपनी तनिष्का। चलो चलें उससे मिलें। साथ बैठें कुछ गुफ़्तगू करें....
(Promo's shall determine if it's going to be a success or not. The serial will be aired only when audience is sufficient)
01*03*2018
प्रोमो 2
इनसे मिलिए ये हैं इशिता कोहली। तनिष्का की मॉम। बहुत प्यार करतीं हैं अपनी बेटी से। चाहती हैं कि उनकी बेटी तनिष्का दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की बने और दुनिया वाले उसके हुस्न के दीवाने हों। अभी तो यह हमारी उनसे पहली मुलाकात है जब साथ बैठेंगे तो कुछ और पता लगेगा कि इनके क्या-क्या इरादे हैं। आखिर यह तनिष्का से क्या चाहतीं हैं…
(Promo's shall determine if it's going to be a success or not. The serial will be aired only when audience is sufficient)
प्रोमो 2
इनसे मिलिए ये हैं इशिता कोहली। तनिष्का की मॉम। बहुत प्यार करतीं हैं अपनी बेटी से। चाहती हैं कि उनकी बेटी तनिष्का दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की बने और दुनिया वाले उसके हुस्न के दीवाने हों। अभी तो यह हमारी उनसे पहली मुलाकात है जब साथ बैठेंगे तो कुछ और पता लगेगा कि इनके क्या-क्या इरादे हैं। आखिर यह तनिष्का से क्या चाहतीं हैं…
(Promo's shall determine if it's going to be a success or not. The serial will be aired only when audience is sufficient)
2018-03-02
प्रोमो 3
चौंकिए मत, ये है कनिष्का तेलुगु फिल्मों की उभरती हुई हिरोइन। अब इनके बारे में क्या बताएँ। इस स्टेज पर इतना ही बताना बहुत होगा कि इशिता की बड़ी बेटी हैं और तनिष्का की बड़ी बहन। जैसे-जैसे कथानक आगे बढ़ेगा आप इसके बारे में और भी बहुत कुछ जानेंगे। चलिये फ़िलहाल इतना ही…
कनिष्का और तनिष्का की ओर से रंगोत्सव की हार्दिक बधाई।
2018*03*03
प्रोमो 4
…..और इनसे मिलिए ये हैं मारिया एदुराडा फिजिकल ट्रेनर ऐंड ब्यूटीशियन। यह
साल्वाडोर, ब्राज़ील की रहने वाली हैं। जिनके वर्ल्ड वाइड हेल्थ ऐंड
ब्यूटी क्लीनिक्स हैं और आजकल यह गोवा के फोर्ट अगुआदा होटल में रुकी हुई है जहाँ
इनकी मुलाक़ात इशिता और तनिष्का से होती है। देखते हैं क्या गुल खिलता है जब मारिया
उन दोनों से मिलतीं हैं। इतंज़ार तो करना ही पड़ेगा... अगर इनसे मिलना है तो....
2018*03*04
प्रोमो 5
मिस्टर मनीष कोहली। इतिशा के पति और कनिष्का तथा तनिष्का के पिता। दिल्ली के रहने वाले हैं। हीरे जवाहरात की दुकान है करोल बाग़ में। जीवन में ख़ूब कमाया और ऐशोआराम की जिंदगी बसर करने में विश्वास करते हैं साथ ही साथ राधाकृष्ण के पुजारी हैं। जब दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ते थे उस समय साहित्य से बहुत प्रेम था जो शनै-शनै पैसे की चमक में कहीं खो गया। बीच-बीच में कभी-कभी जब मन उचटने लगता है तो यदाकदा अपने घर की लाइब्रेरी में जाकर उन किताबों में कुछ ढूँढने निकल पड़ते हैं जो कहीं ज़माने की तेज रफ़्तार ज़िंदगी में खो गया हो। जब पढ़ते थे तो ज़िंदगी से प्यार था उसी प्यारी सी ज़िंदगी जीने के ख़्यालात में उनकी मुलाक़त इशिता से क्या हुई जो शीघ्र ही प्रेम में परिणित हो गई और वे दोनों विवाह के बंधन में बंध गए। बड़ा मजा आएगा जब हम इनकी पिछली ज़िंदगी में झाँकेंगे। बस हम लोगों को समय मिलना चाहिए…देखते हैं कि वह मिल पाता है अथवा नहीं।
बस साथ बने रहिएगा..
2018*03*05
प्रोमो 6
इनसे मिलिए ये हैं आचार्य कपिल महाराज जो इशिता तथा मनीष कोहली परिवार के धर्म गुरु हैं। इनकी अपनी एक कंसल्टिंग फर्म भी है जिसका हेड क्वार्टर दिल्ली में है। इशिता ने इन्हें गोवा ख़ासतौर से मिलने के लिये बुलवाया है क्योंकि मारिया ने भारतीय साहित्य में स्त्री सौंदर्य बोध के बारे में जानने की तीव्र इच्छा जो व्यक्त की है। देखिये अब यह कथानक में कब अवतरित होते हैं। देखते ही आप समझ ही गए होंगे कि इनकी कैफ़ियत क्या है जब आप इन्हें सुनेंगे तो इनकी हैसियत का भी गुमान हो ही जाएगा। तब तक ख़ूब न’जॉय कीजिये, मौज मस्ती कीजिए।
PS:
मुझे बिल्कुल बुरा नहीं लगता है कि आप मुझे नहीं पढ़ते हैं। दर्द इस बात का ज़रूर होता है कि लोगों में पढ़ने लिखने की चाहत क्यों मर गई है?😢😢😢 अरे और तो और जो खाली हैं बैठे हुए वे भी नहीं पढ़ते हैं। हम तो आपको फ्री का मसाला दे रहे हैं। एक आप हैं कि मुँह फेर कर बैठे हुए हैं।
मुझे बिल्कुल बुरा नहीं लगता है कि आप मुझे नहीं पढ़ते हैं। दर्द इस बात का ज़रूर होता है कि लोगों में पढ़ने लिखने की चाहत क्यों मर गई है?😢😢😢 अरे और तो और जो खाली हैं बैठे हुए वे भी नहीं पढ़ते हैं। हम तो आपको फ्री का मसाला दे रहे हैं। एक आप हैं कि मुँह फेर कर बैठे हुए हैं।
जय राम जी की।
2018*03*06
प्रोमो 7
इनसे आप पहली बार नहीं मिल रहे हैं ये हैं अपने जाने पहचाने चेहरे मिस्टर एस पी सिंह एवं रमा सिंह। इन दोनों के बारे में अब क्या कहें, मिस्टर एंड मिसेज़ सिंह दोनों ही घूमने फिरने के बेइंतिहा शौक़ीन तबियत की सख्शियत हैं। आधी से अधिक दुनिया घूम चुके हैं और इनकी मानना है कि ‘there are N'number of places to see before you die’
इस कथानक में किसी एक की भूमिका प्रत्यक्ष रूप में तो दूसरा अप्रत्यक्ष रूप में मतलब एक पर्दे के सामने तो एक पीछे की होगी। अब यह दर्शक तथा पाठक तय कर बतादें किसको वे प्रत्यक्ष और किसे अप्रत्यक्ष रूप में देखना चाहेंगे। अगर आप अपनी प्रतिक्रिया नहीं देंगे तो दोनों का इस कथानक में कोई रोल नहीं होगा। आपको इस सवाल पर निश्चित प्रतिक्रिया देनी है जिससे यह पता लग सके कि आप इस कथानक में किस हद तक सहयोगी बनने वाले हैं।
मुझसे पूँछेंगे तो मैं तो केवल इतना ही कहना चाहूँगा कि मैं तो इन्हें इनके युवा रूप में देखना चाहूँगा। बाकी अल्टीमेट डिसिशन आप लोगों का होगा। बताइये कि मुझे अब आगे करना क्या है? आप भी सोच रहे होंगे कि यह किस तरह के कथाकार हैं जो पाठकों की चॉइस के हिसाब से कहानी रचते हैं। क्या करूँ मेरा सारा ध्यान तो आप लोगों की इच्छा और चाव पर लगा रहता है। अगर आप जवानी के दृश्य देखना चाहेंगे तो उस तरह अगर आपको बुढ़ापा अच्छा लगे तो बुढ़ापे और पूजा पाठ के। इस तरह कहानी की दशा और दिशा आपके हाथ में है….वैसे एक बार इनकी ‘घुमक्कड़’, ‘मामू सा तथा 'तमन्ना'’ की भूमिकाओं पर भी आप अपनी नज़र एक बार डाल सकते हैं।
……….अगर आप यह चाहते हैं कि इनकी कोई भी भूमिका न हो तो मेरे लिये वह भी ठीक है।
आगे की योजना तथा कथानक की रचना अब आपकी चाहत के अनुसार। ......तो देखते हैं कि आप क्या कहते हैं…☺️ या 😢???
(Shall be obliged if suggestions are given rather than giving appreciation to the post or pic. Idea behind this post is the to meet your expectations and later measure the success of the story to the scale of 1 to10)
प्रोमो 7
इनसे आप पहली बार नहीं मिल रहे हैं ये हैं अपने जाने पहचाने चेहरे मिस्टर एस पी सिंह एवं रमा सिंह। इन दोनों के बारे में अब क्या कहें, मिस्टर एंड मिसेज़ सिंह दोनों ही घूमने फिरने के बेइंतिहा शौक़ीन तबियत की सख्शियत हैं। आधी से अधिक दुनिया घूम चुके हैं और इनकी मानना है कि ‘there are N'number of places to see before you die’
इस कथानक में किसी एक की भूमिका प्रत्यक्ष रूप में तो दूसरा अप्रत्यक्ष रूप में मतलब एक पर्दे के सामने तो एक पीछे की होगी। अब यह दर्शक तथा पाठक तय कर बतादें किसको वे प्रत्यक्ष और किसे अप्रत्यक्ष रूप में देखना चाहेंगे। अगर आप अपनी प्रतिक्रिया नहीं देंगे तो दोनों का इस कथानक में कोई रोल नहीं होगा। आपको इस सवाल पर निश्चित प्रतिक्रिया देनी है जिससे यह पता लग सके कि आप इस कथानक में किस हद तक सहयोगी बनने वाले हैं।
मुझसे पूँछेंगे तो मैं तो केवल इतना ही कहना चाहूँगा कि मैं तो इन्हें इनके युवा रूप में देखना चाहूँगा। बाकी अल्टीमेट डिसिशन आप लोगों का होगा। बताइये कि मुझे अब आगे करना क्या है? आप भी सोच रहे होंगे कि यह किस तरह के कथाकार हैं जो पाठकों की चॉइस के हिसाब से कहानी रचते हैं। क्या करूँ मेरा सारा ध्यान तो आप लोगों की इच्छा और चाव पर लगा रहता है। अगर आप जवानी के दृश्य देखना चाहेंगे तो उस तरह अगर आपको बुढ़ापा अच्छा लगे तो बुढ़ापे और पूजा पाठ के। इस तरह कहानी की दशा और दिशा आपके हाथ में है….वैसे एक बार इनकी ‘घुमक्कड़’, ‘मामू सा तथा 'तमन्ना'’ की भूमिकाओं पर भी आप अपनी नज़र एक बार डाल सकते हैं।
……….अगर आप यह चाहते हैं कि इनकी कोई भी भूमिका न हो तो मेरे लिये वह भी ठीक है।
आगे की योजना तथा कथानक की रचना अब आपकी चाहत के अनुसार। ......तो देखते हैं कि आप क्या कहते हैं…☺️ या 😢???
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2018*03*7
प्रोमो 08
यह हैं आचार्य विमलेंदु द्विवेदी जी स्वतंत्र विचारक, पत्रकार, शिक्षक, तथा सहित्य प्रेमी।
विमलेंदु जी रीवां, मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। वहाँ रहते हुए शैक्षणिक एवम पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े होने के कारण विशिष्ठ लोगों से भलीभाँति जान पहचान है। फेसबुक पर अक़्सर दिख जाते हैं और बहुत ही मनलुभावन आलेख तथा कविताएं इत्यादि लिखते रहते हैं, जिनमें एक अनूठापन होता है जो पाठकों के हृदय में आसानी से अपना स्थान बना पाने में सफल होता है। इनके चाहने वालों में महिला और पुरुष दोनों ही सम्मिलित हैं। आप एक लोकप्रिय लेखक के रूप में जाने जाते हैं।
विमलेंदु जी को मेरी तरफ से यह छूट है कि इस कथानक में वह अपने लिए कौन सा स्थान चुनते हैं।
नोट: उपरोक्त श्री विमलेंदु जी की सहमति से ही प्रकाशित किया जा रहा है।
(मित्रों, आज सुबह से एक मिनट का भी समय नहीं मिला। बस अभी-अभी इटावा से भतीजी की शादी का कार्यक्रम अटेंड कर दिल्ली पहुँचा हूँ और सबसे पहले अपना फ़र्ज़ निभाते हुए आपकी 'तनिष्का' की ड्यूटी बजा रहा हूँ")
प्रोमो 08
यह हैं आचार्य विमलेंदु द्विवेदी जी स्वतंत्र विचारक, पत्रकार, शिक्षक, तथा सहित्य प्रेमी।
विमलेंदु जी रीवां, मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। वहाँ रहते हुए शैक्षणिक एवम पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े होने के कारण विशिष्ठ लोगों से भलीभाँति जान पहचान है। फेसबुक पर अक़्सर दिख जाते हैं और बहुत ही मनलुभावन आलेख तथा कविताएं इत्यादि लिखते रहते हैं, जिनमें एक अनूठापन होता है जो पाठकों के हृदय में आसानी से अपना स्थान बना पाने में सफल होता है। इनके चाहने वालों में महिला और पुरुष दोनों ही सम्मिलित हैं। आप एक लोकप्रिय लेखक के रूप में जाने जाते हैं।
विमलेंदु जी को मेरी तरफ से यह छूट है कि इस कथानक में वह अपने लिए कौन सा स्थान चुनते हैं।
नोट: उपरोक्त श्री विमलेंदु जी की सहमति से ही प्रकाशित किया जा रहा है।
(मित्रों, आज सुबह से एक मिनट का भी समय नहीं मिला। बस अभी-अभी इटावा से भतीजी की शादी का कार्यक्रम अटेंड कर दिल्ली पहुँचा हूँ और सबसे पहले अपना फ़र्ज़ निभाते हुए आपकी 'तनिष्का' की ड्यूटी बजा रहा हूँ")
2018*03*08
प्रोमो 09
अब इनके बारे में क्या कहें फ़िलहाल इतना ही कि इनसे मिलिए सुगंधा कपिल जी, आचार्य कपिल महाराज जी की धर्मपत्नी हैं और अपने पति के क्रिया कलापों में पूर्णरूपेण साथ निभातीं हैं। सहित्य तथा पूजा पाठ से प्रेम है। पढ़ती लिखती हैं तथा महाराज जी के साथ मिल कर उनका बिज़नेस बढ़ाने में उनकी मदद करतीं हैं। वैसे इनके केकड़े वाले हाथ पाँव हैं। जिधर मन किया उधर हाथ बढ़ा दिया.... किसी को दोस्त बना लिया.... तो किसी से मुँह मोड़ लिया....। जैसी दिखती हैं क्या उसी तरह के क़िरदार निभाती हैं या कुछ और…….। देखते हैं, ये क्या रोल अदा करती हैं, इस कथानक में।
किसी छोटे मोटे रोल में रहेंगी या किसी बड़े किरदार निभाने की तैयारी में हैं मोहतरमा सुगंधा जी, जीजी….
प्रोमो 09
अब इनके बारे में क्या कहें फ़िलहाल इतना ही कि इनसे मिलिए सुगंधा कपिल जी, आचार्य कपिल महाराज जी की धर्मपत्नी हैं और अपने पति के क्रिया कलापों में पूर्णरूपेण साथ निभातीं हैं। सहित्य तथा पूजा पाठ से प्रेम है। पढ़ती लिखती हैं तथा महाराज जी के साथ मिल कर उनका बिज़नेस बढ़ाने में उनकी मदद करतीं हैं। वैसे इनके केकड़े वाले हाथ पाँव हैं। जिधर मन किया उधर हाथ बढ़ा दिया.... किसी को दोस्त बना लिया.... तो किसी से मुँह मोड़ लिया....। जैसी दिखती हैं क्या उसी तरह के क़िरदार निभाती हैं या कुछ और…….। देखते हैं, ये क्या रोल अदा करती हैं, इस कथानक में।
किसी छोटे मोटे रोल में रहेंगी या किसी बड़े किरदार निभाने की तैयारी में हैं मोहतरमा सुगंधा जी, जीजी….
2018*03*09
प्रोमो 10
इनसे मिलिए यह हैं मिस्टर पुनीत चौधरी। गुड़गांव के रहने वाले हैं। एक ज़माने में मिस्टर सिंह और पुनीत साथ-साथ काम करते थे। उस वक़्त और बाद में दोनों ने मिलकर आधी से अधिक दुनिया घूम चुके हैं।
मिस्टर सिंह और पुनीत अभी भी जब मौका मिलता है अपना बैग उठा कर सपरिवार घूमने निकल लेते हैं।
मिस्टर पुनीत का उनका ख़ुद का बिज़नेस है और अच्छी खासी ज़िंदगी जी रहे हैं। खाने पीने और मिस्टर ऐंड मिसेज सिंह की तरह घूमने के बेहद शौकीन हैं। मिस्टर सिंह भी जब कभी घर से बाहर निकलते हैं बतौर टूरिस्ट तो वह इन्हें अपने साथ ले जाते हैं चूँकि उनका मानना है दोस्तों के साथ घूमने का अपना अंदाज़ ही निराला होता है।
जब ये लोग बाहर होते हैं तो कई लोगों से मिलते हैं। कुछ अपनी यादें छोड़ जाते हैं, कुछ इनको अपनी यादों में बसा ले जाते हैं।
देखने की बात यह होगी कि मिस्टर एस पी सिंह पुनीत की किन-किन यादों को इस धरावाहिक का हिस्सा बनाते हैं। तो चलिए आप भी क़मर कस लीजिये इन लोगों के साथ दुनिया घूमने के लिये और यारी दोस्ती के दायरे बढ़ाने के लिए....
......फिर मिलेंगे तो कुछ और बात करेंगे।
2018*03*10
प्रोमो 11
…कुछ छुट भइय्या और बहिनियाँ भी हैं जो इस कथानक में जो आपके समक्ष आती जाती रहेंगी। फ़िलहाल उनके बारे में इतना ही। जो गुज़र गए उनके लिए श्रद्धासुमन। उनका ज़िक्र अभी करना ठीक नहीं लेकिन वे अपना वजूद कथानक में बनाये रहेंगे।
लीजिये आने वाले कल से ही अब आप इस कथानक का आंनद लीजिये जिसका नामकरण हमारे मित्र लोगों की फ़रमाइश पर ‘तनिष्का’ किया गया है।
प्रोमो 11
…कुछ छुट भइय्या और बहिनियाँ भी हैं जो इस कथानक में जो आपके समक्ष आती जाती रहेंगी। फ़िलहाल उनके बारे में इतना ही। जो गुज़र गए उनके लिए श्रद्धासुमन। उनका ज़िक्र अभी करना ठीक नहीं लेकिन वे अपना वजूद कथानक में बनाये रहेंगे।
लीजिये आने वाले कल से ही अब आप इस कथानक का आंनद लीजिये जिसका नामकरण हमारे मित्र लोगों की फ़रमाइश पर ‘तनिष्का’ किया गया है।
"तनिष्का" के बाबत कुछ अपनी बात .....
मैंने कल अपने कुछ चाहने वालों से राय मशवरा किया कि मुझे ‘तनिष्का’ जैसे सेंसिटिव सब्जेक्ट की कहानी हिंदी में या इंग्लिश में लिखनी चाहिए। बहुत देर तक आपस में बातचीत करके यही नतीजा निकला कि मुझे इस कथानक को हिंदी भाषा में ही लिखना चाहिए। सभी मित्रों की एक आम राय यह भी थी कि भाषा सरल और सौम्य होनी चाहिए जिससे की लोग कथानक का पूरा-पूरा आनंद ले सकें। अगर भाषा जटिल होगी तो हो सकता है कि कथानक उन गहराइयों तक अपने पाठकों के बीच पेैठ न बना पाए जिनके लिए यह लिखा जा रहा है। जहाँ अंग्रेजी या उर्दू के शब्द आ रहे हों आने दीजिये वैसे भी हम हिंदुस्तानी अपनी बातचीत की जुबान में सभी भाषाओं का इस्तेमाल करते ही आ रहे हैं।
अंत में यही विचार बना है कि अब इस धारावाहिक को हिंदी में ही लिपिबद्ध किया जाएगा।
बस आज इतनी ही बात ....लीजिए आपकी तनिष्का अब आप के पास। मैं अब दूर चला जब तक आप लोग चाहेंगे तब तक।
हार्दिक धन्यवाद.....
तनिष्का
एक धारावाहिक
11-03-2018
एपिसोड 1
गोवा की एक शाम …
हम पति पत्नी समंदर किनारे बीच पर बैठे आपस में बात कर रहे थे कि अचानक ही बातों-बातों में स्त्री की सुंदरता के बारे में कुछ चर्चा क्या हुई कि हमारे इस नये कथानक का सूत्रपात हो गया। जब अपने-अपने चरित्र चुनने की बात आई तो मैंने कहा, “मैं तो अबकी बार सिद्धार्थ के रोल में रहूँगा”
रमा ने पूछा, “वह तो ठीक है कि आपने कथानक में अपने चरित्र का नाम ‘सिद्धार्थ’ रख लिया पर आप करेंगे क्या?”
“वही जो आज तक करता आया हूँ। खूबसूरत चाँद सी दिखने वाली हूर से प्यार। मुझे बस यही एक काम आता है”
“हाँ जब जीवन में सब ठीक चल रहा हो तो कहीं न कहीं आग तो लगनी ही चाहिए”
रमा के जवाब में मैंने कहा, “यही आग तो हमारी ज़िंदगी को ऊर्जा प्रदान करती है अगर यह आग ही न हो तो ज़िंदगी जीने का मक़सद ही क्या। वैसे भी ज़िंदगी जीना हो तो कुछ ख़्वाब बुनते रहिये, परिंदे की तरह आसमाँ की ऊँचाइयों को छूते रहिये”
“देखती हूँ कि अबकी बार एक रूपवती पर आप अपनी निग़ाह कैसे जमाते हो”
“एक बार नहीं यह काम तो मैं बार-बार करता आया हूँ”
“चलो यही ठीक रहेगा। जैसा पिछली बार सोफ़िया के साथ हुआ अबकी बार कुछ ऐसा न हो कि कोई आपके दिल के इतने क़रीब तक आ जाए कि मुझे सामने आकर आपका बचाव करना पड़े और आपको अपनी हवेली में बंद होकर रहना पड़े। इसलिये अबकी बार सब कुछ हट कर कुछ नए अंदाज़ में ही करना”
मेरे शैतानी दिमाग़ में टन्न की अवाज़ हुई और मेरे मुँह से निकल गया, “इसका मतलब अबकी बार न कोई अनामिका, न ही कोई कमल नसीम, न ही कोई तान्या, न ही कोई वेरॉका और न ही कोई सोफी सीधे-सीधे तनिष्का”
“जी मिस्टर एस पी सिंह अबकी कोई और नहीं बस आपकी तनिष्का और आप ‘सिद्धार्थ’ के रोल में”
“बात में तो तुम्हारी दम है”
“मैं बात ही हमेशा दमदार करती हूँ”
“राजपूतानी हो तो दमदार तो होगी ही”, मैनें भी रमा को चढ़ाते हुए कहा।
“वह तो हूँ कोई शक़”
“अब शक़ की गुंजाइश कहाँ हैं?”
रमा ने चुटकी लेते हुए कहा, “राजपूतों की बात ही निराली है उनकी आन बान शान ही तो सब कुछ है बाकी अब हमारा बचा ही क्या है जो कुछ भी था उसे तो सरकार ने पहले ही छीन लिया”
बात को दूसरी और का रुख देते हुए मैंने रमा से कहा, “तो चलो फिर देर कैसी अभी से ही आप अपने चरित्र में सजीव हो जाओ। धारावाहिक को आगे बढ़ने दो….”
हँसते हुए रमा बोली, “ठीक इसी पल से, गोवा के बीच पर…”
नोट: मिलने का समय हर रोज़ शाम पाँच बजे जिससे किसी की भक्ति में ख़लल न पड़े। सुबह-सुबह सब भगवान फेसबुक पर उतर आते हैं और सम्पूर्ण वातावरण भक्तिमय हो जाता हैं। मक़सद अबकी बार कुछ और ही है कि जब बला के हुस्न की मलिका की बात करें तो दिलवाले चटखारे लेकर वाह वाह वाह करें।
क्रमशः
मैंने कल अपने कुछ चाहने वालों से राय मशवरा किया कि मुझे ‘तनिष्का’ जैसे सेंसिटिव सब्जेक्ट की कहानी हिंदी में या इंग्लिश में लिखनी चाहिए। बहुत देर तक आपस में बातचीत करके यही नतीजा निकला कि मुझे इस कथानक को हिंदी भाषा में ही लिखना चाहिए। सभी मित्रों की एक आम राय यह भी थी कि भाषा सरल और सौम्य होनी चाहिए जिससे की लोग कथानक का पूरा-पूरा आनंद ले सकें। अगर भाषा जटिल होगी तो हो सकता है कि कथानक उन गहराइयों तक अपने पाठकों के बीच पेैठ न बना पाए जिनके लिए यह लिखा जा रहा है। जहाँ अंग्रेजी या उर्दू के शब्द आ रहे हों आने दीजिये वैसे भी हम हिंदुस्तानी अपनी बातचीत की जुबान में सभी भाषाओं का इस्तेमाल करते ही आ रहे हैं।
अंत में यही विचार बना है कि अब इस धारावाहिक को हिंदी में ही लिपिबद्ध किया जाएगा।
बस आज इतनी ही बात ....लीजिए आपकी तनिष्का अब आप के पास। मैं अब दूर चला जब तक आप लोग चाहेंगे तब तक।
हार्दिक धन्यवाद.....
तनिष्का
एक धारावाहिक
11-03-2018
एपिसोड 1
गोवा की एक शाम …
हम पति पत्नी समंदर किनारे बीच पर बैठे आपस में बात कर रहे थे कि अचानक ही बातों-बातों में स्त्री की सुंदरता के बारे में कुछ चर्चा क्या हुई कि हमारे इस नये कथानक का सूत्रपात हो गया। जब अपने-अपने चरित्र चुनने की बात आई तो मैंने कहा, “मैं तो अबकी बार सिद्धार्थ के रोल में रहूँगा”
रमा ने पूछा, “वह तो ठीक है कि आपने कथानक में अपने चरित्र का नाम ‘सिद्धार्थ’ रख लिया पर आप करेंगे क्या?”
“वही जो आज तक करता आया हूँ। खूबसूरत चाँद सी दिखने वाली हूर से प्यार। मुझे बस यही एक काम आता है”
“हाँ जब जीवन में सब ठीक चल रहा हो तो कहीं न कहीं आग तो लगनी ही चाहिए”
रमा के जवाब में मैंने कहा, “यही आग तो हमारी ज़िंदगी को ऊर्जा प्रदान करती है अगर यह आग ही न हो तो ज़िंदगी जीने का मक़सद ही क्या। वैसे भी ज़िंदगी जीना हो तो कुछ ख़्वाब बुनते रहिये, परिंदे की तरह आसमाँ की ऊँचाइयों को छूते रहिये”
“देखती हूँ कि अबकी बार एक रूपवती पर आप अपनी निग़ाह कैसे जमाते हो”
“एक बार नहीं यह काम तो मैं बार-बार करता आया हूँ”
“चलो यही ठीक रहेगा। जैसा पिछली बार सोफ़िया के साथ हुआ अबकी बार कुछ ऐसा न हो कि कोई आपके दिल के इतने क़रीब तक आ जाए कि मुझे सामने आकर आपका बचाव करना पड़े और आपको अपनी हवेली में बंद होकर रहना पड़े। इसलिये अबकी बार सब कुछ हट कर कुछ नए अंदाज़ में ही करना”
मेरे शैतानी दिमाग़ में टन्न की अवाज़ हुई और मेरे मुँह से निकल गया, “इसका मतलब अबकी बार न कोई अनामिका, न ही कोई कमल नसीम, न ही कोई तान्या, न ही कोई वेरॉका और न ही कोई सोफी सीधे-सीधे तनिष्का”
“जी मिस्टर एस पी सिंह अबकी कोई और नहीं बस आपकी तनिष्का और आप ‘सिद्धार्थ’ के रोल में”
“बात में तो तुम्हारी दम है”
“मैं बात ही हमेशा दमदार करती हूँ”
“राजपूतानी हो तो दमदार तो होगी ही”, मैनें भी रमा को चढ़ाते हुए कहा।
“वह तो हूँ कोई शक़”
“अब शक़ की गुंजाइश कहाँ हैं?”
रमा ने चुटकी लेते हुए कहा, “राजपूतों की बात ही निराली है उनकी आन बान शान ही तो सब कुछ है बाकी अब हमारा बचा ही क्या है जो कुछ भी था उसे तो सरकार ने पहले ही छीन लिया”
बात को दूसरी और का रुख देते हुए मैंने रमा से कहा, “तो चलो फिर देर कैसी अभी से ही आप अपने चरित्र में सजीव हो जाओ। धारावाहिक को आगे बढ़ने दो….”
हँसते हुए रमा बोली, “ठीक इसी पल से, गोवा के बीच पर…”
नोट: मिलने का समय हर रोज़ शाम पाँच बजे जिससे किसी की भक्ति में ख़लल न पड़े। सुबह-सुबह सब भगवान फेसबुक पर उतर आते हैं और सम्पूर्ण वातावरण भक्तिमय हो जाता हैं। मक़सद अबकी बार कुछ और ही है कि जब बला के हुस्न की मलिका की बात करें तो दिलवाले चटखारे लेकर वाह वाह वाह करें।
क्रमशः
अपनी बात:
हर कथानक को maturity की stage तक आते आते कुछ वक़्त लगता है, आप चाहें तो अपना जजमेंट कुछ रोज़ तक सुरक्षित रख सकते हैं। बाद में जो कहना है कहें। चाहे खराब चाहे अच्छा...
तनिष्का
एक धारावाहिक
12-03-2018
एपिसोड 2
गोवा की तस्वीर ज़ेहन में आते ही जो तस्वीर उभरती है, वह है खुला नीला आसमान, रेत और पानी के चमकीले नजारों का ख़ूबसूरत मंजर। गोवा की हर फ़िजां बाँहे फैलाकर स्वागत करने को आतुर रहती है और अनछुए समुद्री तट जो इतने शाँत और सुकून भरी ज़न्नत का नजारा पेश करते हैं। इस अनछुए सौंदर्य की वजह से ही यहाँ देशी विदेशी सैलानियों का गोवा पहली पसंद बन चुका है। अधिकतर विदेशी सैलानी ही होते हैं जो समंदर के इतने विशाल पाटों और प्रकृति की सुंदरता का भोग करते हैं। वहीं देशी सैलानी गोवा के ऐतिहासिक चर्चों और अन्य दर्शनीय स्थलों को देखने में अपना समय बिताते हैं। लेकिन कुछ हाइ ऐंड देशी सैलानी अब विदेशियों की तरह समंदर का लुत्फ़ उठाने के लिये आते हैं, जिनके अंदाज़ निराले होते हैं। लहरों से खेलना समंदर के नमकीन पानी में गोता लगा कर घंटो धूप में लेटकर 'सन टैनिंग' करना, सुबह-सुबह उठ कर सागर किनारे घूमना, दौड़ लगाना, एक्सरसाइज करना आदि आदि। मतलब जिसका जो मन करे वह काम करना।
फरबरी-मार्च का महीना था। इशिता गोआ के फ़ोर्ट अगुआदा होटल के प्राइवेट बीच पर समंदर के किनारे एक रंग बिरंगे अम्ब्रेला के नीचे पेअर चेयर पर आराम से लेटी हुई थी। इशिता की आँखों पर धूप का चश्मा चढ़ा हुआ था, बायें हाथ में ‘वुमेंस हेल्थ’ मैगज़ीन का फरबरी इश्यू था। बीच-बीच में इशिता की निग़ाह अपनी छोटी बेटी तनिष्का की ओर चली जाती थी जो समंदर किनारे टू पीस स्विम सूट में एक्सरसाइज कर रही थी। इशिता की निगाह मैगज़ीन के उस हिस्से पर आकर रुक गई जिसमें बस्ट एंड बट बिल्डिंग एक्सरसाइजेज का ज़िक्र था। इशिता ने मैगज़ीन के उस हिस्से को बहुत ध्यान से पढ़ा। इशिता के दिल में यह बात घर कर गई थी कि तनिष्का की बॉडी के उन हिस्सों को तो वह ठीक करा कर ही चैन लेगी जहाँ कुछ बल्जेज दिखाई देने लगे और आँखों में खटकने लगे थे। इशिता इस बात को लेकर और अधिक परेशान थी कि वह उन हिस्सों को लेकर क्या करे जो उसकी बॉडी के नेचुरल एसेट्स नहीं थे।
तनिष्का बीच पर सुबह-सुबह की सैर कर अभी-अभी वापस लौट कर अपनी माँ इशिता के पास आकर खड़ी होकर अपने बदन का पसीना पोंछ रही थी तब इशिता ने उसे टोकते हुए कहा, “तनिष्का यू बेटर चेक योर बॉडी लाइन्स दोज बलेस्सड़ बल्जेज आर वरिसम”
अपनी माँ की ऑब्सर्वेशन्स सुनकर तनिष्का परेशान हो जाती थी पर वह करे तो क्या करे उसकी समझ में नहीं आ रहा था। दिल में झुँझलाहट लिए उसने अपनी माँ को उत्तर देते कहा, “मॉम आइ एम् ट्राइंग माइ लेवल बेस्ट टू कीप इट अंडर चेक”
इशिता ने एक लंबी साँस इस अंदाज़ से छोड़ी कि पता नहीं तनिष्का इतनी मेहनत कर पाएगी भी या नहीं जितनी कि इस स्टेज पर उसके लिए ज़रूरी था। इशिता ने तनिष्का से पूछा, “तू चाय लेगी या फ़्रेश फ्रूट जूस”
इशिता के पास वाली चेयर पर बैठते हुए तनिष्का बोली, “मॉम मैं फ़्रेश नारियल का पानी पीने वाली हूँ। होप इट्स ओके विद यू”
इन दोनों के पास वाली टेबल के किनारे एक विदेशी नौजवान महिला बैठी हुई थी जो बहुत देर से तनिष्का की ओर लगातार देखे जा रही थी, न जाने उसके मन में तनिष्का को लेकर क्या चल रहा था। जब कुछ देर हो गई और माँ बेटी दोनों उठकर जाने लगीं तो वह महिला अपनी सीट से उठी और इशिता की ओर हाथ बढ़ाते हुए बोली, “आई एम मारिया, मारिया एदुराडा फ्रॉम साल्वाडोर, ब्राज़ील”
“मी इशिता ऐंड सी इज तनिष्का माइ डॉटर, वी आर फ्रॉम नैरोबी….”
“नाइस टू मीट यू.....”
“यू कैन कॉल मी मारिया”
“थैंक्स मारिया”
मारिया बोली, “मिसेज इशिता क्या मैं आपसे कुछ बात कर सकती हूँ”
“व्हाई नॉट, प्लीज गो अहेड”
“हम लोग लॉबी में चलें यहाँ धूप आ रही है", इशिता से मारिया ने कहा। इतना सुनते ही इशिता, तनिष्का और मारिया उठ कर फोर्ट अगुआदा बीच रेसॉर्ट की लॉबी की ओर बढ़ चलीं। वहाँ पहुँच कर वे तीनों एक काउच पर बैठ गईं। अपनी बात शुरू करते हुए मारिया बोली, “मैं एक फिजिकल ट्रेनर के साथ कुआलिफ़ाइड ब्यूटिशियन भी हूँ। मैंने आपकी और तनिष्का के बीच की बातचीत सुनी है। मुझे लगता है कि यह सही समय है जब आपकी बेटी को अपनी बॉडी लाइन्स को काबू में रखना चाहिए”
मारिया की बात सुनकर इतिशा बोली, “आप ठीक कह रहीं हैं। मुझे भी यही चिंता सता रही है कि अगर यह मोटी हो गई तो इसका क्या होगा। मेरे ख्वाबों का क्या होगा जो मैंने इसके भविष्य के साथ जोड़ रखें हैं”
“आपकी चिंता अपनी जगह सही है मेम”
“मारिया क्या आपके पास कुछ सुझाव हैं तनिष्का के प्रॉपर हेल्थ रेजीम के लिए”
“जी एक नहीं, कई हैं। मैं कुछ बोलूँ उससे पहले मैं आपके बारे में कुछ और जानना चाहूँगी”, मारिया ने इशिता की और देखते हुए कहा।
इशिता ने मारिया की आँखों में झाँकते कहा, “अवश्य हमारा नैरोबी में अपना कारोबार है और हम वहाँ पिछले सत्तर अस्सी सालों से रह रहे हैं। बेसिकली मैं गोअंस हूँ। यहाँ हमारी पेरेंटल प्रॉपर्टी और कुछ बिज़नेस है। प्रॉपर्टी को तो मैंने एक होटेलियर को रेंट आउट किया हुआ है बाकी बिज़नेस एक्टिविटीज़ के लिए यहाँ स्टाफ़ रखा हुआ है। हम लोग गोवा में साल में दो तीन बार आते रहते हैं। मैं अपनी शुरुआती जिंदगी में बेहद खूबसूरत हुआ करती थी और मेरे घर के ही नहीं बल्कि गोवा के सभी जानेमाने रईसों के बेटे मुझ पर अपनी जान छिड़का करते थे। लेकिन मेरा दिल मनीष, मनीष कोहली के ऊपर क्या आया कि मैं अपने माता पिता के विरोध के बाबजूद हमेशा के लिए उसकी हो गई। मनीष का नैरोबी में तथा करोल बाग, दिल्ली में हीरे जवाहरात का बड़ा कारोबार हुआ करता था। मनीष से मेरी जब शादी हुई तब मेरी उम्र मुश्क़िल से तेईस साल थी। मेरी दो बेटियां हैं कनिष्का और तनिष्का। तनिष्का छोटी बेटी है। बड़ी बेटी कनिष्का तेलगु फ़िल्म में अपनी क़िस्मत आजमा रही है। दो बेटियाँ क्या हो गई कि मैंने फिर अपने शरीर की ओर कोई ध्यान ही नहीं दिया और अब मैं जैसी भी दिखती हूँ वह आपके सामने हूँ। लेकिन मैं नहीं चाहती कि जो मेरे साथ हुआ वह मैं मेरी बेटी तनिष्का के साथ हो। मेरी बड़ी बेटी कनिष्का तो ठीक राह पर जा रही है लेकिन मुझे तनिष्का की चिंता हमेशा सताती रहती है और मैं चाहती हूँ कि मेरी बेटी देखने सुनने में ऐसी लगे कि फैशन की दुनिया के लोग उसके पीछे दौड़ें”
“ठीक है”, मारिया बोली।
“मुझे क्या करना होगा”, इशिता ने मारिया से पूछा।
“आप अपनी बेटी को मुझे दे सकती हैं सिर्फ़ तीन महीने के लिए”
“वह किस लिये”, इशिता ने पूछा और फिर कुछ सोचकर यह भी कह दिया, “चलो दे दूँगी”
“दो महीने यहाँ, अगर आपको सूट करे। नहीं तो नैरोबी भी मेरे लिए ठीक है क्योंकि हमारा एक एस्टाब्लिश्मेंट वहाँ भी है। बाद में एक महीना साल्वाडोर में.....”
“साल्वाडोर ही क्यों?”
मारिया धीरे से अपनी सीट से उठी और इशिता के कान में जाकर धीरे से बोली, “फॉर बेस्ट बट्ट्स साल्वाडोर इज द बेस्ट प्लेस इन द वर्ल्ड”
इशिता कुछ देर तक सोचती रही, एक बार उसने तनिष्का को बहुत ध्यान से देखा और फिर मारिया की ओर मुड़ते हुए बोली, “वेल ओके मारिया, डील डन बट नो सर्जरी प्लीज”
“आई डोंट बिलीव इन सर्जरी ईदर”
इसी बीच इशिता के एक फ्रेंड ने उसे हाइ किया और इशिता ने मारिया से कहा, “जस्ट अ मिनट”
इशिता अपनी फ्रेंड से बात करने उसके पास चली गई..... और वहाँ आसस-पास रह गईं, मारिया और तनिष्का।
क्रमशः
अपनी बात:
अब जबकि धारावाहिक अपनी स्पीड पर आ चुका है और आप लोगों को भी कहानी का कुछ एहसास हो गया है कि हवा का रुख क्या होगा? यह देखना दिलचस्प होगा कि आँधियाँ चलती हैं या मनभावन बयार…आप साथ बने रहें बस। हर दिन शाम को पाँच बजे..
तनिष्का
एक धारावाहिक
13-03-2018
एपिसोड 3
“तनिष्का इज़ अ प्रिटी नेम, इजन्ट इट” मारिया ने तनिष्का से पूछा।
“आई डोंट नो माइ नेम वाज़ गिवन टू मी बाइ माइ फ़ादर ऐंड मदर”
तनिष्का का जवाब सुनकर मारिया को लगा कि तनिष्का इज़ नॉट ईजी टू डील विद। मारिया ने मन ही मन सोचा चलो कोई बात नहीं जब मैंने दुनिया भर में इससे ब्रैट (बिगड़ैल बच्चे) लड़कियाँ ठीक कर दीं हैं तो तनिष्का कौन बड़ी चीज है? यही सोचकर मारिया ने उससे पूछा, “व्हाट्स योर एम्बिशन लाइक..?”
“इट्स सिंपल आइ वाना लिव माइ वे। लगता नहीं हूँ कि मैं अपनी ज़िंदगी जी पाऊँगी, मुझे मेरी माँ एक्ट्रेस बनाना चाहती है जैसे उसने कनिष्का को ठोक पीट कर बना दिया। मैं तो एक मस्त -मस्त गर्ल बनके रहना चाहती हूँ बस और कुछ नहीं। अबसोल्युटली केअर फ़्री”
“आइ सी...” मारिया ने तनिष्का से पूछा, “ये कनिष्का कौन वही न तुम्हारी एल्डर सिस”
“यस माइ एल्डर सिस”
“वही जो तेलगु फ़िल्म में अपनी किस्मत आजमा रही है न”
“तेलगु फ़िल्म में उसे अभी-अभी काम मिला है लेकिन वह मुंबई आकर अपनी क़िस्मत आज़माना चाहती है”
“ओह आइ सी” मारिया के मुँह से निकला और अगले ही क्षण उसने यह तय कर लिया कि तनिष्का को उसे कैसे हैंडल करना है।
“आज शाम तुम क्या कर रही हो?”
“कुछ भी नहीं”
“एक शाम मेरे साथ गुजारोगी”
“क्या मॉम नहीं रहेंगी साथ?”
“तुम चाहोगी तो नहीं, वह अपने फ्रेंड मिस्टर बनर्जी के साथ मीटिंग कर रही हैं”
“इसका मतलब मैं और आप अकेले ही”
“हाँ, मैं और तुम बस।....कोई और नहीं” मारिया ने तनिष्का को आश्वस्त किया।
“..तो ठीक है, मेरी एक शर्त है”
“वो भला क्या?”
“खाना खाने हम लोग बाहर चलेंगे, ये फाइव स्टार होटलों का खाना खाते-खाते मैं बोर हो चुकी हूँ”
मारिया ने पूछा, “होटल तुम पसंद करोगी या मैं। सोच रही थी कि सीट्स बुक करा देती। जहाँ तुम ले जाना चाह रही हो वहाँ बाद में जगह ही न मिले”
तनिष्का के चेहरे पर ख़ुशी के भाव साफ दिख रहे थे जब उसने मारिया से कहा, “आप मेरे साथ चलिये आपको ऐसी जगह ले चलूँगी जहाँ आप बार-बार जाना चाहेंगी। इंट्स आवसम प्लेस ऐंड विलीव मी इट्स अ नाइस वन टू”
“ओके, डन” कहकर मारिया उठी और अपने रूम में चली गई। दूसरी ओर तनिष्का अपनी मॉम का इंतज़ार करती रही कि वह अपने एक गोवा अपनी फ्रेंड से फ़ुर्सत पाएं तो वह उनके साथ ब्रेकफ़ास्ट के लिये चले। जब इशिता ने अपनी फ्रेंड को बॉय कहा तो मारिया ने चैन की साँस ली, वह मन ही मन सोच रही थी कि उसकी मॉम भी एक चिपकू इंसान है जिसे देखती है बस उसके साथ चिपक लेती है। इशिता ने आते ही तनिष्का से पूछा, “क्या हुआ मारिया कहाँ है”
“मॉम आपको तो दूसरों से बात करनी होती है वह ठहरी कामकाज़ी महिला। वह मुझको यह बोल कर निकल गई कि मुझे उनके साथ आज शाम को डिनर पर जाना है”
“भला वह क्यों? डिनर हम लोग यहीं कर लेते। यहाँ भी तो सभी तरह का खाना मिलता है”
“मैं नहीं जानती, बस वह मुझे कहीं बाहर ले चलने की बात कर रही थीं”
“ठीक है चली जाना, देखना मेरा क्रेडिट कार्ड भी रख लेना। पता नहीं कभी तेरा कार्ड न चले”
“ठीक है मॉम” तनिष्का बोली।
बाद में दोपहर को जब मारिया की मुलाक़त इशिता से हुई तो उसने बताया कि आजकी शाम वह तनिष्का के साथ डिनर पर जा रही है जिससे कि मैं उसे बेहतर तरीके से समझ सकूँ। मारिया की बात सुनकर इशिता ने कहा, “ठीक है अगर आप उसे अपने साथ ले जा रही हैं तो कोई बात नहीं मैं भी जैसा कि मैंने आपको बताया था, अपनी शाम को अपनी एक मीटिंग मिस्टर तरुण बनर्जी से कर लूँगी”
“ओके” मारिया ने कहा।
क्रमशः
क्रमशः
अपनी बात: मारिया ने चतुर शिकारी की तरह पंक्षी को पकड़ने के लिए जाल फैंका और पहले ही प्रयास में तनिष्का उसके जाल में फँस गई। आज की शाम बहुत अहम् है जब मारिया वह सब कुछ जान लेना चाहेगी कि तनिष्का की जिंदगी में क्या कोई है या नहीं और अपने बारे में क्या सोचती है वग़ैरह वग़ैरह। समंदर का किनारा और गोवा जैसी दिलकश जगह इससे अच्छी भला सेटिंग और क्या होगी दिल के राज़ उगलवाने के लिए। बस आप इसी तरह साथ देने का वायदा करिए, कहानी आगे बढ़ाने का वायदा मेरा है .....कल फिर मिलिएगा शाम पाँच बजे।
तनिष्का
एक धारावाहिक
14-03-2018
एपिसोड 4
होटल फ़ोर्ट अगुआदा से निकलते समय तनिष्का ने मारिया से पूछा, “फ़ॉर द इवनिंग माइ अटायर इज ओके और नॉट?”
“लुकिंग गॉर्जियस”, मारिया ने जवाब में कहा।
तनिष्का ने मारिया की ओर देखते हुए कहा, “बट यू लुक लाइक अ सेक्सी गर्ल इन दिस ऑउटफिट”
मारिया ने कुछ कहा तो नहीं पर अपने बट्स पर हाथ फिरा कर इशारे में बहुत कुछ कह दिया।
कैंडोलिम से कलंगुट पहुँचने में तनिष्का और मारिया को मुश्क़िल से बीस मिनट ही लगे। वहाँ पहुँच कर वे दोनों कलंगुट बीच के किनारे बने ब्रिटोस रेस्टॉरेंट में दाख़िल हो गई। वहाँ पहुँचते ही मारिया बोली, “यहाँ तो मैं पहले भी आ चुकी हूँ। इट्स अ लवली प्लेस टू ड्रिंक,ईट ऐंड डांस। नाइस जॉइंट”
तनिष्का ने हँसते हुए कहा, “मारिया मेरी प्रॉब्लम ही यही है कि बेसिकली आइ एम ए फूडी। आई लव सी फ़ूड”
मारिया ने तनिष्का का हाथ अपने हाथों में लिया और उन दोनों ने आज शाम के लिये एक कार्नर टेबल सेलेक्ट की जिससे कि वे आपस में बातचीत कर सकें। ब्रिटोस कलंगुट और बागा में अपनी रँगीनियत, मौज मस्ती तथा खाने पीने के लिए मशहूर है। वहाँ का माहौल हमेशा जवाँ और ख़ुशनुमा रहता है। वैसे तो वहाँ विदेशी टूरिस्ट्स की भरमार रहती है लेकिन वहाँ मॉडर्न ख़्यालात और खाने पीने के शौकीन हिंदुस्तानी भी ख़ूब देखे जा सकते हैं। जब मारिया और तनिष्का यहाँ आये तो उनका मन गद-गद हो गया जब उन्होंने देखा कि डीजे अपनी ओर से हर वह कोशिश कर रहा था जिससे कि डाँसिंग फ्लोर पर हर किसी के मन माफ़िक धुन मिले फिर भी कुछ मनचलों को लग रहा था कि अभी कुछ और जोरदार होना चाहिए। विशेषकर वहाँ जहाँ कुछ टूरिस्ट्स दिल्ली के हों और उसमें भी कुछ सिख और पंजाबी हों तो मस्ती का लेवल दोगुना हो जाता हो।
मारिया ने तनिष्का को स्पॉट सेलेक्ट करने के लिए मुबारकबाद दी तो तनिष्का बोली, “मेम मॉम की तो अब उम्र हो गई है इसलिए उन्हें इस जैसे जॉइंट्स पसंद नहीं आते हैं इसलिये वह तो जहाँ जाती हैं बस उसी फाइव स्टार होटल में कनफाइंड हो जाती हैं। जबकि मेरी उम्र के लोगों को ब्रिटोस जैसे जॉइंट्स में मज़ा आता है”
मारिया ने तनिष्का की हाँ में हाँ मिलाते हुए कहा, “बट आइ एम नॉट दैट ओल्ड ऐंड होप विल वि अ गुड कंपनी टू यू"
“मुझे भी लगता है कि मैं आपके साथ ख़ूब एन्जॉय करुँगी”, तनिष्का ने उत्तर दिया।
जैसे ही वेटर आर्डर लेने के लिये मारिया ने तनिष्का से पूछा, “तुम क्या पीना चाहोगी?”
“आज की यह शाम की पार्टी मेरी तरफ से इसलिये तुम बताओ कि तुम क्या पियोगी। हाँ एक बात और मुझे ये मेम बग़ैरह सुनना, वह भी तुम्हारे मुँह से अच्छा नहीं लगता, तुम मुझे मारिया ही कह कर पुकारो। चलेगा”
“ओके ओके। मारिया, मैं तो रेड वाइन लूँगी”
“ऐसा करते हैं कि तुम मेरी राय मानो तो हम लोग व्हाइट वाइन आर्डर करते हैं और साथ में कुछ सी फ़ूड, वैसे भी हेल्थी फ़ूड जब खाओ तो वाइन सिलेक्शन भी सटीक होना चाहिये। मसलन रेड मीट तो रेड वाइन और अगर व्हाइट मीट तो व्हाइट वाइन”, मारिया ने तनिष्का को सजेस्ट किया।
“मुझे लगता है कि आप सही कह रहीं हैं”
“फिर 'आप' क्यों तुम कहो न। तुम शब्द में अपनापन झलकता है। आप तो नकली लगता है”, मारिया ने तनिष्का से कहा।
“ठीक है तुम जैसा ठीक समझो”
मारिया ने शाम का मूड क्या हो उसका कंट्रोल अपने हाथ में लेते हुए आर्डर दिया और उसके बाद वे दोनों डांसिंग फ्लोर पर गई जहाँ वहाँ दूसरे लोगों के साथ मिलकर ख़ूब मस्ती करी। जब थक कर चूर होकर वे दोनों अपनी टेबल पर लौटीं तब तक उनकी ड्रिंक और स्टार्टर्स वेटर ने सर्व कर दिए थे। मारिया ने ड्रिंक उठाते हुए चियर्स कहा, “दिस वन फ़ॉर यू माइ डिअर तनिष्का”
तनिष्का ने भी हँसते हुए ड्रिंक उठाई और चियर्स कहा। वे दोनों धीरे-धीरे ड्रिंक सिप करतीं जा रहीं थीं और मारिया अपनी ओर से वह सब जानने की कोशिश में थी जिससे कि उसे अपना ट्रेनिंग मॉडल बनाने में मदद मिल सके। मारिया की कोशिश थी कि तनिष्का उसके साथ इतनी घुल मिल जाए कि वह उसे अपने हिसाब से मोल्ड कर सके ठीक उस तरह जैसे कि एक पॉटर अपनी मिट्टी के साथ खेलते हुए एक से बढ़ कर कृतियाँ बनाता है।
ड्रिंक्स का तीसरा दौर चल रहा था, उधर डीजे का म्यूजिक भी पूरे शबाब पर था जब धीरे से तनिष्का के कानों में मारिया ने कहा, “तुम्हें नहीं लगता है कि यहाँ शोर कुछ अधिक ही हो रहा है। क्यों न हम अपनी ड्रिंक लेकर सी बीच की ओर चलें और डेज़र्ट बाहर ही टेबल पर सर्व करने के लिये कह दें”
“मुझे अच्छा लगेगा अगर हम समंदर किनारे चलें, यहाँ अब ऊब होने लगी है”, तनिष्का बोली।
दोनों ने अपनी-अपनी ड्रिंक ली और वेटर को डेज़र्ट सी बीच साइड पर सर्व करने के लिये कह कर वे ब्रिटोस के पिछवाड़े की ओर चल पड़ीं। रास्ते में एक जगह तनिष्का के कदम डगमगाए लेकिन मारिया ने उसे सम्हाल लिया। किसी तरह वे सी साइड की एक टेबल के किनारे आकर बैठ गए। समंदर में ऊँची-ऊँची लहरें उठ रहीं थी और किनारे से टकरा कर वापस लौट जाती थीं। आसमाँ पर पूनम का चाँद मुस्कुरा रहा था। चाँदनी छटा में हर करीब आती लहर समंदर की जीवंतता का परिचय दे रही थी। दूर समंदर में सामान से लदा हुआ जहाज ऐसे लग रहा था जैसे कि वह किसी के आने का इंतज़ार कर रहा हो। ऐसे में मारिया अपनी सीट से उठी और तनिष्का से बोली, “इफ इट्स ओके विद यू शैल वी गो फ़ॉर अ वॉक”
तनिष्का कुछ बोली तो नहीं पर उठकर मारिया के साथ हो ली। वे दोनों गीली रेत पर इधर उधर की बात करते दूर तक निकल गई। ……और जब मारिया को लगा कि तनिष्का अब कुछ पहले से बेहतर महसूस कर रही है तो धीरे से बोली, “तनिष्का अगर तुम ठीक समझो और मुझे दोस्त मानो तो तुम अपने बारे में मुझे बता सकती हो”
“ऐसा है ही क्या मेरी ज़िंदगी में जो मैं तुम्हें बताऊँ”
“कुछ तो होगा ऐसा जो तुम आजतक किसी और से न कह पाई हो”
तनिष्का ने आश्चर्य भरी निगाहों से मारिया की ओर देखा और फिर हल्की सी मुस्कान उसके चेहरे पर छा गई और बोली, “नहीं कुछ भी नही…. मैंने कभी कुछ महसूस ही नहीं किया”
“कोई बॉय फ्रेंड भी नहीं"
तनिष्का ने जवाब दिया, “नहीं”
“तुम्हें नही लगता कि तुम्हारी ज़िंदगी में किसी को होना चाहिये था”
“क्या कह रही हो मारिया। तुम्हारी ज़िंदगी में भला कोई है?”
“हाँ है न जोसेफ़ अल्ब्रेटा। वह साल्वाडोर में रहता है। हर रात मुझे फोन करता है। जब तक वह मुझसे बात नहीं करता है, तबतक वह सो नहीं पाता है”
“ऐसा कुछ फिर उसका फोन अभी तक क्यों नहीं आया”
मारिया हँसते हुए बोली, “पगली अभी वहाँ दुपहर होगी जब रात होती है तो मुझसे बात करता है”
“ओह आइ सी…”, तनिष्का ने अपनी ग़लती महसूस करते हुए कहा, “मुझे टाइम ज़ोन का ध्यान ही नहीं रहा”
“तनिष्का मैं तुम्हें बताऊँ जब वह पहली बार मुझसे एक क्लब में मिला तो मालूम है उसने क्या किया”
“क्या किया?”
“बहुत देर तक वह दूर खड़ा हो मुझे घूरता रहा। मैंने उसकी ओर एक बार देख कर मुस्करा क्या दिया, वह मेरे क़रीब आया और उसने मेरे बट्स पर हाथ लगाते हुए कहा ‘यू हैव लवली असेट्स। आइ लव यू …और मालूम है मैंने उसने क्या कहा?”, मारिया बोली।
“क्या कहा?”
मारिया ने अपनी बस्ट लाइन की ओर इशारा करते हुए बोली, “…..मैनें अल्ब्रेटा से कहा यू हवेंट केयर्ड टू हैव अ लुक एट मी। दीज़ लुक गॉर्जियस"
तनिष्का ने उत्साहित होते हुए मारिया से पूछा, “फिर क्या हुआ?”
“उसने मेरी ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए कहा, "रियली यू हैव लवली एसेट्स। साल्वाडोर में हम लोग बहुत ही ओपन सोसाइटी हैं अनलाइक इंडिया….जब मैंने उससे हाथ मिलाया तो उसने मेरे कानों में धीरे से कहा कि उसे मुझसे प्यार हो गया है”
“वाओ….ग्रेट”, मारिया की बात सुनकर तनिष्का के मुहँ से अचानक ही ये शब्द निकल गए।
क्रमशः
अपनी बात:
मारिया तनिष्का ने बीती शाम ब्रिटोस में बीच किनारे खूब मस्ती की। मारिया ने चतुर खिलाड़ी का परिचय देते हुए तनिष्का के दिलो दिमाग़ पर कब्ज़ा कर लिया जो एक गुरु के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। शिष्य को गुरु में विश्वास होना ही चाहिए इस लिहाज से मारिया के अभी तक के सभी मूव उचित प्रतीत होते हैं।
एक बात और हमारे महाप्रभु ने कल अपनी निम्न टिप्पणी की थी:
लेखक और कवि का मन निर्मल होता है
श्रृंगार रस को लिखने का ढंग आना चाहिए
आपने बहुत सलीके से अपनी बातें पेश की है
कही कोई ऐसी बात इसमे हमें दिखी नहीं जो किसी को अन्यथा लगे।
श्रृंगार रस को लिखने का ढंग आना चाहिए
आपने बहुत सलीके से अपनी बातें पेश की है
कही कोई ऐसी बात इसमे हमें दिखी नहीं जो किसी को अन्यथा लगे।
ऐसी टिप्पणियां लेखक को संबल प्रदान करती हैं। कल रात एक मित्र ने फोन कर बताया कि आपका धारावाहिक सही जा रहा है। लेकिन एक मित्र ने यह भी कहा कि वह अपने लिये इस कथानक में कोई suitable role नहीं देख पा रहे हैं। कहने का मतलब मैं अपने लिए इन्हें mixed bag sentiments मान कर चल रहा हूँ। कोई जुड़ता है तो कोई बिछुड़ता भी है, यही जीवन है। अब तो यह कथानक आगे बढ़ कर ही मानेगा चाहे किसी को अच्छा लगे या बुरा। इस दौर से हर कोई गुजरता है।
मारिया तनिष्का को साथ लेकर अब तो समंदर किनारे सैर के लिये निकल ही पड़ी है
तनिष्का
एक धारावाहिक
एक धारावाहिक
15-03-2018
एपिसोड 5
मारिया तनिष्का की ओर देखती रही फिर कुछ देर बाद बोली, “तनिष्का मैं कल सुबह बीच पर एक्सरसाइज़ करने के लिये निकलूँगी, क्या तुम मुझे मिलोगी?”
“अवश्य मिलूँगी, अब तो मुझे तुम जैसा बनना ही पड़ेगा किसी और के लिये नहीं कम से कम अपने लिए” तनिष्का बोली।
मारिया ने मन ही मन सोचा यही तो मैं चाहती थी सबसे पहले तनिष्का को अपनी मुट्ठी में करना। इतना हो गया तो अब मेरा काम बहुत आसान हो गया। मारिया ने तनिष्का से कहा, “कल जब तुम मुझे मॉर्निंग में मिलोगी तो मैं तुम्हें तुम्हारे पूरे शरीर के बारे में बताऊँगी कि हम लोग एक्सरसाइज़ करके किस हिस्से को ठीक कर सकते हैं और किस हिस्से का ब्यूटिफिकेशन करें”
“मारिया बस तुम मुझे इस क़ाबिल बना दो कि उसकी नज़र मुझ से हटे ही नहीं”
“कोई है ऐसा जिसको तुम इम्प्रेस करना चाहती हो”
“हाँ है न। वह भी एक इंडियन है। उसका नाम है सिद्धार्थ उस पर मेरी निग़ाह बहुत दिनों से है पर वह मेरी ओर देखता भी नहीं है”
“ऐसा है क्या”, मारिया ने तनिष्का से पूछा।
“अभी तक तो ऐसा ही है”
“कहाँ रहता है?”
“नैरोबी में हमारे घर से कुछ दूरी पर ही उसका घर है”
“ओहो फिर तो मुझे तुम्हारी बॉडी लाइन्स को छुप कर ठीक करना होगा। यू मस्ट वि अ सरप्रयाज़ व्हेन यू कम बिफोर हिम” मारिया बोली, “तनिष्का तुम अपने उससे क्या नाम बताया था सिद्ध… आइ एम नॉट एबल टू प्रोनोउन्स प्रॉपरली”
“सिद्धार्थ”
“डिफिकल्ट नेम शैल आइ कॉल हिम ‘सिड’। विल दैट वि ओके?”
“आइ थिंक यस”, मारिया ने उत्तर में कहा।
मारिया ने जब तनिष्का से कहा, “मानो अल्ब्रेटा की तरह सिड तुम्हारे बट्स को छुए तो तुम्हें कैसा लगेगा?”
हँसते हुए तनिष्का ने जवाब दिया, “नहीं मालूम शायद उसे अच्छा न लगे क्योंकि आइ एम नॉट एज वोल्युपोट्स एज दैट ऑफ यू बट आइ विल नॉट डिसप्पोइन्ट हिम एज फार एज माइ बस्आ लाइन इज कंसर्ड”
“दैट्स द पॉइंट मैं तुमसे कहना चाह रही थी तुम्हें मेरे जैसे दिखने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ेगी” मारिया ने कहा।
“उसके लिए मैं अब तैयार हूँ। तुम चिंता नहीं करो मैं तुम्हारी तरह बन कर दिखाउँगी”
“मेरी तरह नहीं मुझसे भी अच्छी तनिष्का”, रात बहुत हो चुकी थी इसलिये मारिया ने तनिष्का से कहा,“चलो अब चलें अपने होटल ग्यारह बजने वाला है। ….और देर करना ठीक नहीं है”
“ओके लेट्स गो बैक’
“नॉट इन कार। वी विल वॉक जिससे जो खाया पिया है वह डाइजेस्ट हो जाय, नहीं तो यही एडिशनल फैट बन जाएगा”
“चलो चलें पैदल ही चलते हैं दो किमी ही तो अपना होटल यहाँ से”, तनिष्का बोली और मारिया का हाथ अपने हाथ में लिया।
रास्ते में उन्होंने खूब मस्ती की। उन्हें कई बॉयज मिले जो मोटर बाइक्स पर सवार थे। कइयों ने उन्हें लिफ़्ट देने की कोशशि की लेकिन मारिया ने उन्हें पोलायटली मना कर दिया। दो लड़के बाद में ऐसे भो आये भी जिन्होंने उनके साथ लिबर्टी लेने की कोशिश की लेकिन जब मारिया ने अपनी आँखें उनको दिखाईं तो वे भाग खड़े हुए। लगभग तीस पैंतीस मिनट की वॉक के बाद अपने होटल वापस आगई। मारिया तनिष्का को उसके रूम तक छोड़ने आई और जब तनिष्का दरवाज़ा खोल कर अपने रूम में दाख़िल हो गई तो उसे गुड नाईट ऐन्ड स्वीट ड्रीम कह कर ही अपने रूम पर लौटी।
सुबह जब तनिष्का के मोबाइल पर उसकी मॉम ने फोन कर जगाने की कोशिश की तो वह ताज़्ज़ुब में रह गई जब तनिष्का ने उन्हें बताया कि वह तो बीच पर है मारिया के साथ। ….और एक्सरसाइज़ कर रही है। कुछ देर में जब इशिता ने उनके साथ वाकिंग पर ज्वाइन किया तो मारिया और तनिष्का से उनकी मुलाक़ात हुई।
इशिता ने मारिया से कहा, “आपने मेरी बेटी पर क्या जादू कर दिया इसे तो मुझे धक्का देकर उठाना पड़ता था और आज यह अपने आप उठ कर बीच पर आपके साथ एक्सरसाइज कर रही है। रियली यू आर अ अमेज़िंग ट्रेनर”
“अभी तो शुरूआत भर है आगे देखिए कि तनिष्का आपको क्या-क्या सरप्रयाइज़ देगी”
“इनडीड”
“मिसेज़ इशिता कोहली उससे पहले हमें अपना कॉन्ट्रैक्ट भी कंकल्यूड करना है”
“मारिया रिलैक्स वी विल कंकल्यूड इट टुडे इटसेल्फ”
“थैंक्स, अब आप सैर करिये मैं तनिष्का को अपने साथ ले जा रही हूँ”
“ओके”, कहकर इशिता तो सैर के लिए निकल गई जब उसकी सैर पूरी हो गई तो वह अपने अम्ब्रेला के नीचे पेअर चेयर पर आकर आराम करने लगी उधर दूसरी ओर मारिया तनिष्का को अपने साथ दूर तक दौड़ाते हुए ले गई। दूर जाकर एक जगह वे दोनों सी बेड पर ही आराम से लेट गई। बातों-बातों में मारिया ने तनिष्का को समझाया कि ज़मीन और सैंड के कांटेक्ट से हम लोग दूर भागते हैं। लेकिन यही सेंड हमारे शरीर के लिए वंडरफुल चीज है। इसलिये इस सेंड को अपनी बॉडी से चिपकने दो। बाद में तो नहाना ही है। कुछ देर बाद मारिया उठी और बोली, “चलो अब वापस रेस करते हुए वहाँ चलें जहाँ तुम्हारी मॉम है”
वे दोनों रेस लगा कर इशिता के पास आगई और उनके साइड में रखी हुई पेअर चेयर पर आराम से बैठ गईं इससे पहले की इशिता तनिष्का से कुछ भी पूछती उससे पहले ही वह बोल पड़ी, “आज तो मॉम मैं थक गई। मारिया ने मुझे दौड़ा-दौड़ा के मार ही डाला”
बात सुनकर मारिया ने कहा, “तनिष्का अभी तो यह शुरुआत भर है आगे-आगे देखो कि क्या होता है”
“अभी कुछ बाकी है क्या”
“अभो तो नहीं पर शाम को तुम्हें मेरे साथ वॉलीबाल खेलना है, ठीक पाँच बजे तैयार रहना यहीं मिलेंगे बीच के किनारे” यह कह कर मारिया ने इशिता को बाय कहा और अपने रूम की ओर चली गई।
क्रमशः
अपनी बात:
मारिया ने जाते-जाते कल तनिष्का से यह कहा था कि वह शाम को उसके साथ वॉलीबाल खेलने के लिए ठीक समय पर आ जाए जिससे कि उसकी फिजिकल एक्सरसाइज का रूटीन बना रहे। उससे पहले की हुई बातचीत में मारिया ने तनिष्का को इस बात के लिए राजी कर लिया था कि उसे रंग रूप और शारारिक सुंदरता में इतना अच्छा दिखना है कि जब उस पर सिद्धार्थ की नज़र पड़े तो वह पहली ही नज़र में उसका हो जाए।
बस उसके आगे का हाल यहाँ जानिए:
तनिष्का
एक धारावाहिक
16-03-2018
एपिसोड 6
शाम को जब तनिष्का स्पोर्ट्स वियर पहन कर बीच पर आई तो उसने देखा कि मारिया वहाँ पहले से ही बैठी उसका इंतजार कर रही थी। तनिष्का को देखकर मारिया बोली, “खुशी है कि तुम टाइम पर आ गई। मैं तो सोच रही थी कि मैं तुम्हारा इंतज़ार करती रहूँगी और तुम अपने रूम में कहीं सो न गई हो”
“सो तो गई थी लेकिन टाइम सेट करके इसीलिए तो यहाँ टाइम से आ सकी हूँ”
“व्हाट एवर इट शोज़ दैट यू टेक मी सीरियसली, दैट्स एनफ टू बिगिन विद”
“बताओ क्या करना है?”
“इधर आओ मैं तुम्हें बताऊँ की किसी भी लेडी के खूबसूरती के क्या-क्या पैमाने होते हैं। मुझे मालूम है कि हिंदुस्तान में बुमेन की खूबसूरती पर यहाँ के पोएट्स और लिटरेरी लोगों ने बहुत कुछ लिखा है लेकिन मुझे अभी तक उसके बारे में पूरी जानकारी नहीं है, सोचती हूँ कि काश कोई एक ऐसा आदमी मिल जाता जिसे इसके बारे में नॉलेज हो”, मारिया बोली।
“मैं मॉम से बात करूँगी उनके एक कुल धर्माचार्य हैं श्री कपिल देव महाराज जी वह शायद इस विषय पर कुछ बता सकें”
“मैं तुम्हारे उत्तर का इन्तज़ार करूँगी। तब तक चलो जितना मैं जानती हूँ उतना तो मैं तुम्हें बता ही सकती हूँ”, इतना कहकर मारिया ने तनिष्का को स्त्री के हेड से बताना शुरू किया, “किसी भो स्त्री के लिये सबसे महत्वपूर्ण होता है जो हमारी हर पल-पल की एक्टिविटीज़ को कंट्रोल करता है, मसलन हम क्या सोचते हैं क्या करते हैं, क्या खाते हैं बगैरह। यह गॉड्स नेचुरल गिफ्ट है और हम इसके बारे में कुछ अधिक नहीं कर सकते सिवाय इसके कि इसका सही इस्तेमाल करें। खूबसूरती के लिहाज़ से एक गोल सिर वाली औरतें अधिक सुंदर मानी जाती हैं वनस्पति चपटे या चौड़े फोरहैड वालियों से”
“कुछ और….”
“हाँ, एक औरत की खूबसूरती में उसका हेयर स्टाइल बहुत ही अहम होता है कि कोई बाल किस तरह के रखता है। जैसे कि इंडिया में लंबे बाल रखने का चलन है। यूरोप और दूसरे एडवांस कंट्रीज में कोई शॉर्ट हेयर रखता है तो कोई उन्हें कर्ली कराता है बग़ैरह। फिलहाल अभी मैं यह ठीक समझती हूँ कि तुम्हारा हेयर स्टाइल अपनी जगह सही है अगर कोई कॉस्मेटिक चेंज करना भी होगा तो हम इसके बारे में कुछ दिन बाद डिसिशन लेंगे”
“ओके”
“उसके बाद किसी के फेस को जो सबसे अधिक अटरेक्टिव बनाते हैं वह होती हैं ये दो आँखे जिन्हें ब्यूटीशियन तरह-तरह से सजाने की कोशिश करती हैं। यहाँ तक कि कांटेक्ट लेन्सेस के जरिये लोग अपनी आँखों का रंग भी बदल लेते हैं। दुनिया में सबसे अधिक अच्छी आँखे वे मानी जाती हैं जो ग्रीनिष होतीं हैं। तुम यह जानकर ताज़्ज़ुब करोगी कि पूरी दुनिया की पापुलेशन के दो फ़ीसदी लोगों की आँखे ही ग्रीनिष होती हैं। वैसे तो ब्राऊनिष आँखों को चाहने वाले भी बहुत हैं लेकिन अक़्सर इंडियंस की आँखे ब्लैक होतीं हैं और सच मानो कि इंडियंस की आँखे भी बहुत कातिल होती हैं”
“मेरी आँखें कैसी हैं?”, तनिष्का पूछ बैठी।
“तुम्हारी आँखों में वह सब कुछ है जो किसी को भी आकर्षित कर सकता है। लेकिन किसके साथ कैसे बिहेव करना है तुम्हें यह आना चाहिए, जो तुम धीरे-धीरे ही सीख सकोगी”
“वह भला कैसे?”
“समय लगेगा, अपने समय पर तुम सब जान जाओगी। चलो बाकी की बातें फिर कभी अभी कुछ समय वॉलीबाल खेलने में लगाते हैं। तुम्हारे लिये मसल टोनिंग बहुत ज़रूरी है”, इसके बाद मारिया और तनिष्का वॉलीबाल कोर्ट की ओर बढ़ चली।
अंधेरा होते ही वॉलीबाल खेलने के बाद जब मारिया तनिष्का के साथ अपने रिसॉर्ट लौटने लगी। जब वे लोग रास्ते में थे तो मारिया ने तनिष्का से कहा, “हर लड़की की इच्छा होती है कि वह खूबसूरत दिखे। मुझे उम्मीद है कि तुम्हारा मन भी करता है कि तुमको देखते ही लोग कहें वाओ”
“मैंने पहले कभी इस ओर ध्यान ही नहीं दिया लेकिन मैं जब से तुम्हारे कॉन्टैक्ट में आईं हूँ तो मेरा मन करता है कि वह मुझे देखे तो वाओ कहे”
“वही जिसका नाम तुमने सिड बताया था न”
“हाँ वही”
“….और तुम्हारी मॉम को यह बात मालूम नहीं है। वह चाहती है कि दुनिया तुमको देखकर वाओ कहे, तुम्हारे पीछे दीवानी सी होकर दौड़े। वह तुम्हें फिल्मी दुनिया में देखना चाहती है और तुम बस उस एक लड़के के दिल में बस कर रहना चाहती हो”
तनिष्का पल भर के लिए सोच में पड़ गई कि अब वह क्या कहे, “मारिया दरअसल मेरी मॉम मुझे मेरी बड़ी बहन कनिष्का की तरह देखना चाहती है”
“तनिष्का तुम्हें नहीं लगता है कि इसमें बुराई क्या है”
“बुराई तो कुछ भी नहीं है। फिर भी मैं दिखना चाहती हूँ, तनिष्का। मैं चाहती हूँ कि लोग मुझे तनिष्का कह कर बुलाएं न कि कनिष्का की छोटी बहन। मुझे कोई और का प्यार न करे लेकिन मैं सिद्धार्थ को मैं अपना बना कर ही छोडूँगी”
“ऐसा क्या हुआ है तुम दोनों में जिसकी वजह से सिड तुम्हारे लिये इतना इम्पोर्टेन्ट हो गया है”
“मारिया मैं नहीं जानती इसका क्या कारण है पर उस लड़के में कुछ ऐसा खास है जिसे मुझे हर हाल में हासिल करना है”
“चलो ठीक है मैं अभी उसके बारे में कुछ अधिक बात नहीं करूँगी लेकिन मैं उससे मिलना ज़रूर चाहूँगी”
“ठीक है, जब हम नैरोबी में होंगे तो मैं तुम्हारी मुलाक़त उससे अवश्य कराऊँगी”
“मैं उससे अकेले में मिलूँगी और तुम उससे तीन महीने बाद ही अब मिल सकोगी अपने बिलकुल बदले हुए रूप में”
तनिष्का हँसी बोली, “कोई बात नहीं बस उसको अपना दिल ना दे बैठना”
मारिया ने तनिष्का के पीछे पीठ पर अपने एक हाथ से चोट करते हुए कहा, “देखते हैं क्या होता है जब हम उससे मिलते हैं। तब तक तुम अपने एसेट्स ठीक कर लो कि जब वह तुम्हारे सामने आए तो उसके मुँह से निकले वाओ। एक बात और…”, कुछ देर के लिये मारिया रुकी और फिर बोली, “तुम उसके ख़्वाब देखो और मैं गेस करूँ कि वह कैसा होगा?”
बात करते-करते बे दोनों रिसॉर्ट की लॉबी तक आ पहुँची। वहीं मारिया की मुलाक़त इशिता से हो गई जिसने जब तनिष्का के रूटीन के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश की तो तनिष्का ने मारिया के कान में धीरे से कुछ कहा जिसका मतलब था कि सिद्धार्थ के बारे में अभी वह कुछ भी मॉम को न बताये। इतना कह कर तनिष्का अपने रूम में चली गई। इशिता और मारिया वहीं खड़े होकर बहुत देर तक बात करती रही जब तक कि इशिता की एक दोस्त वहाँ न आ गई। इशिता ने उसकी मुलाक़त यह कहकर कराई, “मीट माइ फ्रेंड क्रिस्टी डी’मेलो, आइ काल हर क्रिस्टी। क्रिस्टी ये हैं मारिया फिटनेस ट्रेनर फ्रॉम साल्वाडोर”
“ये यहाँ क्या कर रही है?”, क्रिस्टी ने इशिता से पूछा।
“शी इज हेल्पिंग तनिष्का टू इम्प्रूव हर बॉडी लाइन्स। यू नो शी हैज़ बल्जेज विज़िवल अराउंड हर वेस्ट”
“ओह आइ सी”, कहकर क्रिस्टी ने मारिया की ओर अपना हाथ बढ़ाया। हैंड शेक करके मारिया बोली, “प्लीज एक्सक्यूज़ मी आइ हैव समवन वेटिंग फ़ॉर मी”
मारिया अपने रूम की ओर बढ़ चली और इशिता ने क्रिस्टी का हाथ अपने हाथ में लिया और वे दोनों कॉफी शॉप की ओर निकल गईं। क्रिस्टी ने इशिता से कहा, “मुझे लगता है कि मारिया अपने गोल्स पर सीरियसली काम करती है। मुझे लगता है कि वह तनिष्का की बॉडी को शेप कर सकेगी”
“मुझे भी लगता है इसीलिए मैं उसके साथ कुछ लॉन्ग टर्म एग्रीमेंट करना चाहती हूँ और इसी काम के लिये मैंने तुम्हें बुलाया है जिससे कि तुम एक कॉन्ट्रैक्टयुअल एग्रीमेंट तैयार करो। मैं अब इस मसले को बहुत दिनों तक पेंडिंग नहीं रखना चाहती हूँ। मारिया ने आज मुझे फिरसे रिमाइंड कराया था”
“लेट मी नो एक्सएक्टली तुम चाहती क्या हो?”
इसके बाद इशिता और क्रिस्टी में आपस मे बहुत देर बात होती रही….
क्रमशः
अपनी बात:
इशिता ने क्रिस्टी से देर रात तक बात की और आपस में बातचीत कर एक ड्राफ्ट एग्रीमेंट बनाया जिसे इशिता मारिया को देना चाह रही थी जिससे कि वह भी एक बार देख ले तो तनिष्का की फिटनेस प्रोग्राम को आगे और बढ़ाया जा सके| बाबजूद इसके कि अभी कोई फॉर्मल अग्रीमेंट साइन नहीं हुआ था मारिया अपनी और से तनिष्का के फिटनेस को लेकर सीरियसली काम कर रही थी|
बस उसके आगे का हाल यहाँ जानिए:
अपनी बात:
इशिता ने क्रिस्टी से देर रात तक बात की और आपस में बातचीत कर एक ड्राफ्ट एग्रीमेंट बनाया जिसे इशिता मारिया को देना चाह रही थी जिससे कि वह भी एक बार देख ले तो तनिष्का की फिटनेस प्रोग्राम को आगे और बढ़ाया जा सके| बाबजूद इसके कि अभी कोई फॉर्मल अग्रीमेंट साइन नहीं हुआ था मारिया अपनी और से तनिष्का के फिटनेस को लेकर सीरियसली काम कर रही थी|
बस उसके आगे का हाल यहाँ जानिए:
तनिष्का
एक धारावाहिक
एक धारावाहिक
17-03-2018
एपिसोड 7
सी बीच पर लांग वाक करते हुए मारिया बोली, “तनिष्का उस दिन मैंने तुम्हें स्त्री के रूप के बारे में बताते हुए आँखों तक बता दिया था”
“हाँ”
“आज मैं तुम्हें चीक्स, लिप्स और चिन के बारे में बताऊँगी”
“अवश्य”
“अभी हम शरीर के जिन हिस्सों के बारे में बात कर रहे हैं उन्हें हम अपने ट्रेड में पेरेंटल असेस्ट्स बोलते हैं। जिसका मतलब मेंस लैंगुएज में कहा जाए तो यही मतलब लगाया जा सकता है जो हमारे माता पिता ने हमें दिए हों। हम इन हिस्सों को थोड़ा बहुत या तो कहो आर्टिफिशियल सर्जरी बग़ैरह करके ठीक करा सकते हैं लेकिन मैं पर्सनली इसे बहुत कुछ अच्छा नहीं मानती हूँ। मैंने कई लोगों को देखा है जो एक बार अंडर द सीज़र गईं और वह जो कुछ भी थीं उससे और अधिक बदसूरत हो गईं”
मारिया जब यह सब बात तनिष्का को समझा रही थी तो उसने महसूस किया कि तनिष्का उसे बहुत ध्यानपूर्वक सुन रही थी। एक अच्छे टीचर और स्टूडेंट की यही निशानी है कि वे दोनों मिलकर अपना हंड्रेड परसेंट ही नहीं बल्कि अपना टू हंड्रेड परसेंट दें। इस लिहाज़ से मारिया, तनिष्का से बहुत ख़ुश थी। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए मारिया ने कहा, “ये जो तुम्हारे चीक्स हैं अपने आप में बहुत कुछ कह जाते हैं। जिस स्त्री के चीक्स उभरे हुए होते हैं और अगर उनमें दोनों ओर डिंपल्स पड़ते हैं तो ऐसी स्त्री को हमारे यहाँ लकी मानते हैं। जिसके चीक्स ड्राइ से गड्ढे में बैठे हुए हों मान लो उसे लोग दुःखी और अपने मर्द को कभी भी न ख़ुश रखने वाली महिला मानते हैं”
मारिया की बात सुनकर तनिष्का ने दोनों हाथों से अपने चीक्स को छूते हुए कहा, “मेरे तो चीक्स ख़ूब उभरे हुए हैं”
“यही तो तुम्हारी पर्सनालिटी के पॉजिटिव पॉइंट्स हैं। तुम जानती हो ये जो तुम्हारे दायें चीक पर एक डिंपल पड़ता है और दूसरे पर चीक के उभार पर जो एक मोल है वह रियली किलिंग है”
“यह तो मेरी दोस्त लड़कियाँ भी मुझसे कहती हैं कि ये सभी बहुत काटू चीज हैं”
“ये काटू क्या होता है”, मारिया ने पूछा।
“हिंदी में इसे उस चीज के लिये कहते हैं जिसमें लड़कों के दिल अटक के रह जाएं”
“ओह”
तनिष्का ने मारिया से कहा, “यह ‘ओह’ क्यों? यहाँ तो लोग ऐसी बातों पर ‘वाह’ कहते हैं”
“ओके बाबा वाह, वाह”
“अब ठीक है”
“आगे चलें”, मारिया ने पूछा।
“ज़रूर हमें अब कहीं और चलना है?”, भोली बनते हुए तनिष्का ने मारिया से पूछा।
“कहीं भी नहीं चलना है। तुम वाकई बहुत शरारती लड़की हो। ध्यान से सुनो”, मारिया ने कालर बोन के बारे में बताते हुए कहा, “एक औरत के लिए कालर बोन का बहुत महत्व होता है। अगर मैं यह कहूँ कि गर्दन बॉडी के जिस हिस्से पर रेस्ट करती है, वह कालर बोन ही होती है। इसे आजकल के लोग ब्यूटी बोन भी कहते हैं। यह बॉडी का वह प्रिड्डोमिनेंट एरिया है जहाँ से एक मर्द एक औरत के शरीर के भीतर तक झाँकने की कोशिश करता है। यह वह एरिया है जो किसी भी ड्रेसिंग सेंस में ढका नहीं जाता है जो हमेशा खुला रहता है। इसलिए हर औरत को अपने इस एरिया की ओर बहुत ध्यान देने की ज़रूरत है। कालर बोन अगर उभरी हुई दिखती है और अगर उनकी शेप ठीक है तो किसी भो मर्द का आकर्षित करने में सक्षम होती है। अगर आपका बदन गदराया हुआ है तो आपको अपना समय स्विमिंग पूल में बिताना चाहिए। कालर बोन के आसपास के मसल को शेप देने के लिये स्विमिंग से बढ़िया कोई और एक्सरसाइज़ नहीं है। तनिष्का लेकिन तुमको इस एरिया के लिए बहुत चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। तुम उस एरिया में अच्छी खासी दिखती हो। मुझे लगता है कि बीस से पच्चीस दिन की स्विमिंग एक्सरसाइजेज करके इसे ठीक कर सकती हो। बस इतना ध्यान रहे कि तुम्हें उस पोर्शन में फैट नहीं बढ़ने देना है”
“ओके अंडर स्टुड”
“तो सुनो अब मैं तुम्हें लिप्स के बारे में बताऊँगी। ये लिप्स तुम्हारी शख़्सियत को बयाँ करते हैं। यू आर हॉट और कोल्ड, यह बताते हैं। जिनके लिप्स के निचला भाग भरा और थोड़ा उठा हुआ होता है उसे सेक्सी वुमन कहा जाता है। जिसके लिप्स पतले और आपस में चिपके हुए होते हैं उन्हें बहुत ही काइयां माना जाता है”
मारिया की बात सुनकर तनिष्का बोली, “आइ हैव फुलर लिप्स ऐंड एज पर यू आइ एम सेक्सी”
“यस माइ डिअर यू आर सेक्सी। आइ डोंट हैव व्हाट यू हैव ऐंड आइ एनवी यू”
तनिष्का ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, “रियली”
“वन थिंग मोर इफ यू हैव आ लांग टंग ओह माइ गॉड नथिंग लाइक इट। यू विल कीप योर मैन हैपी”
“हाऊ”
“शैल टेल यू सम अदर टाइम बट इन फ़्रेंच लिटरेचर लांग टंग वाली महिलाओं के लिए बहुत कुछ कहा गया है”
“ओके मैं पता करने की कोशिश करुँगी”
“तनिष्का अभी नहीं कुछ दिनों बाद तुम अपने आप जान जाओगी| शैल आइ प्रोसीड फर्दर”
“यस प्लीज”
“कमिंग टू नेक लाइन, एज पीपल से हूज हेड रेस्ट ऑन स्ट्रांग शोल्डर्स विद लांग नेक सच वुमन लुक ग्रेसियस”
“आइ हैव स्ट्रांग शोल्डर्स बट डू नॉट पॉजेस लांग नेक”, तनिष्का बोली।
“हरेक चीज एक औरत में हो ऐसा नहीं होता है। खुदा भी जब किसी औरत को बनाता है तो कोई न कोई कमी छोड़ देता है जिससे औरत को यह गुमान न हो कि वह तो उस ऊपर वाले से भी बढ़कर है। इन्ही सब चीजों के लिये ही तो इंसान खुदा को याद करता है”
“ओके”
“लेकिन तुम चिंता नहीं करो तुम्हारी पर्सनालिटी की यह कमी तुम्हारी क्लीवेज लाइन पूरा करती है” यह कहते हुए मारिया ने तनिष्का के फ्रंटेज के उस हिस्से पर उँगली रखते हुए कहा, “यह जो लाइन है दो उभरे हुए ग्लोबनुमा बूब्स के बीच यही तुम्हारी पर्सनालिटी का हाई पॉइंट है जिसमें कोई भी मर्द खो सकता है”
मारिया ने जैसे ही वहाँ अपनी उँगली रखी तनिष्का एकदम अंदर तक हिल गई और उसने अपनी आँखें बंद करलीं। उसे ऐसा करते देख मारिया बोली, “क्या हुआ?”
“पता नहीं एक अजीब सी सिहरन जिसने मुझे अपने भीतर तक भिगो दिया”
“इसका मतलब तुम्हें आजतक किसी ने छुआ तक नहीं। वाओ इट्स पॉसिबल ऑनली विद इंडियंस। हमारे ब्राज़ील में तो लड़कियाँ इन सब बातों को लेकर शुरू ही से इंसेन्सटिव हो जाती हैं। उन्हें कोई भी कहीं भी छेड़े उन्हें कोई फ़र्क नहीं पड़ता”
तनिष्का कुछ बोली नहीं चुपचाप मारिया की बातों को सुनती रही। जब बहुत देर हो गई तो वह मारिया से बोली, “शैल वी गो बैक रनिंग फ्रॉम हियर”
मारिया ने जवाब दिया, “आइ थिंक दैट वुड डू वेल”
उसके बाद वे दोनों दौड़ लगाते हुए अपने रिसॉर्ट तक लौटी। वहाँ इशिता पहले ही से उन दोनों का इंतजार कर रही थी। इशिता के मारिया से पूछा, “क्या यह बाज़िब समय होगा कि हम कॉन्ट्रेक्ट के विषय में बात करलें”
“कॉन्ट्रैक्ट पर बात करने के लिए हर समय बाज़िब होता है मिसेज़ कोहली। हाँ हम लोग बात कर सकते हैं"
इसके बाद इशिता और मारिया में एक लंबी डिस्कशन हुई कुछ मुद्दों को लेकर असहमति थी लेकिन उन पर भी बात कर दोनों ने उन्हें भी ठीक ढंग से सुलझा लिया जिसमें अहम था तनिष्का का साल्वाडोर का एक महीने का स्टे, फूडिंग और लॉजिंग। मारिया चाहती थी कि तनिष्का उसके साथ रहे जिससे कि वह उसे अपना हंड्रेड परसेंट अटेंशन दे सके जबकि इशिता चाह रही थी कि वह उसके साथ एक होटल में रहे। कुछ शक़ था जिसकी वजह से इशिता तनिष्का को अकेले नहीं छोड़ना चाह रही थी। जब सब इश्यूज म्यूचली सेटल हो गए तो मारिया ने इशिता से कहा, “यू आर आ डिफिकल्ट नट टू क्रैक इन कमर्शियल डिस्क्शन्स। आफ्टरआल आपने मुझे नैरोबी में अपने साथ रहने को मजबूर कर ही दिया”
“इट वुड वि माइ प्लेज़र टू ट्रीट यू एट माइ रेजिडेंस इन नैरोबी। मारिया वैसे भी देखो तो न जब तक तुम तनिष्का की डाइट कंट्रोल नहीं करोगी तब तक उसकी बॉडी टोंन होगी कैसे”
“चलिये कोई बात नहीं अबतो सब तय हो ही गया है” मारिया ने थैंक्स कहते हुए कहा।
“मैं तुम्हारे रूम में फाइनल कॉन्ट्रैक्ट की कॉपी और चेक भिजवा दूँगी”
“इट्स ऑलराइट इशिता…”
जब शाम को वॉलीबाल सेशन के लिये तनिष्का मारिया से मिली तो उसने डिटेल्स में बताया कि फ़्लैट स्टमक और बैक हिप बोन एक औरत के लिये कितने महत्वपूर्ण होते हैं। अगर किसी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना हो तो फुल्ली ग्रोन बूब्स, क्लीवेज, फ़्लैट स्टमक, हिप बैक बोन ऐंड बट्स जिसके सहारे कोई औरत बैठती है, ये सब बिल्कुल शेप में होने चाहिए। एक बात बताऊँ कि अच्छे दिखने वाले बट्स तो सदर्न हेमस्फेरे के बूब्स कह लाते हैं और हम जैसे लोग अपने बट्स को लेकर बहुत प्राउड फील करते हैं”
तनिष्का दूर खड़ी मारिया की बात बहुत ध्यान से सुन रही थी और मन ही मन सोच रही थी कि उसे अभी बहुत मेहनत करनी पड़ेगी जिससे कि उसकी बैक हिप बोन और बट्स वाला एरिया अट्टरेक्टिव हो जाए उसने अपने शरीर के पिछले हिस्से को हाथ लगाया और महसूस किया कि उसकी बॉडी लाइन्स और मारिया की बॉडी लाइन्स में ज़मीन आसमान का फ़र्क था।
जब मारिया ने तनिष्का से यह कहा, “तुम्हारे इसी एरिया के एनहांसमेंट के लिए तुम्हें मेरे साथ साल्वाडोर चलना होगा। बाकी पोरशन्स जैसे कि तुम्हारा फ्रंट बॉडी लाइन्स पर तो मैं नैरोबी में भी काम कर सकती हूँ”
“तुम्हारी बातें सुनकर तो मैं तुम्हारे साथ साल्वाडोर चलने के लिए एक्ससायटेड फील कर रही हूँ”
“वह अच्छी बात है लेकिन एक बात का और ध्यान रहे वेस्ट में लोग औरतों की टांगों को विशेष रूप से देखते हैं। मैंने यह नोट किया है कि इंडियन लेडीज़ बाय ऐंड लार्ज आर नॉट वेरी कॉन्शियस अबाउट देयर लेग्स और उनके लेग्स शेप में नहीं होते हैं। वे लोग ऐसी ड्रेस पहनती हैं जिससे कि उनके लेग्स की डिफ़ॉर्मटी लोगों को दिखाई नहीं देती है”
तनिष्का मारिया की यह बात सुनकर जोर से ठहाका लगा कर हँसी और बोली, “व्हाट अ करेक्ट असेसमेंट। यार तुमको मान गए तुम इस मुआमले में जीनियस हो”
“मैंने कुछ ग़लत कहा”, आश्चर्यचकित मारिया ने पूछा।
“नहीं मैंने कब कहा? मैंने तो इतना ही कहा कि तुम्हारी ऑब्जरवेशन कितनी सटीक है”
“ओके”
इसके बाद मारिया ने तनिष्का को कुछ फिटनेस संबंधी एक्सरसाइज़ करवाईं और देर शाम को ही जब अंधेरा हो गया तो वे दोनों साथ-साथ रिसॉर्ट में लौटीं। गरमी का सीजन था और तनिष्का का मन बियर पीने का कर रहा था तो उसने मारिया से पूछा कि क्या वह उसका साथ देना चाहेगी। मारिया ने सिर हिला कर अपनी हाँ जताई। बाद में उन दोनों ने एक पिंट ड्राफ़्ट बियर पी और प्रोम्पेट फ़िश की डिश आर्डर कर मंगाई। बातचीत के दौरान इधर उधर की भी बातें हुई। कुछ बातें इंडियन वुमन के ब्यूटी हाइलाइट्स पर भी बात हुई। जब इंडियन वुमन का ज़िक्र आया तो तनिष्का ने मारिया को बताया, “मॉम कह रही थी कि उनकी फ़ैमिली प्रीस्ट कपिल महाराज और उनकी वाइफ सुगंधा को उन्होंने…..
क्रमशः
नोट: यह कथानक दिनांक 18th March से 27th March तक चैत्र मासी नवरात्रा के कारण अवरोधित रहेगा। हमारी अगली मुलाकात 27th March को होगी। हम नहीं चाहते हैं कि हमारे कथानक के कारण किसी भक्त की धार्मिक आस्था पर आँच आये। आप सभी सपरिवार इस त्योहार को आनंदपूर्वक मनायें। हमारी सभी भाई बहनों को नवरात्रा प्रारंभ होने पर हार्दिक बधाई।
17-03-2018
अपनी बात:
भगवान श्री राम अब धरती पर अवतरित हो चुके हैं और अब दुश्मनों की ख़ैर नहीं, पापियों समझ लो यह आख़िरी नोटिस है सुधर जाओ अन्यथा राम वाण के शिकार होने को तैयार हो जाओ।
अब हम अपना तनिष्का धारावाहिक अब पुनः शुरू कर रहे हैं जिसका प्रसारण रामनवमी पर्व के कारण रोक दिया गया था। पिछली दिनों के बारे में एक छोटा सा अपडेट और उसके बाद आप अपने इस कथानक से पुनः जुड़िये। तनिष्का की माँ इशिता अपनी बड़ी बेटी की सफलता से प्रभावित हो अपनी छोटी पुत्री को भी रूपवती देखना चाहती है जिससे कि फ़ैशन के इस दौर में लोग उसके हुस्न के दीवाने बनें और वह भी कनिष्का की तरह फ़िल्मी दुनिया में नाम कमा सके। इसके लिये उन्होंने मारिया नामक एक फ़िटनेस ट्रेनर को तनिष्का के शरीर के उन अंगों को आकर्षक बनाने के लिये नियुक्त किया जिनसे की वह तीन महीने में रूपवती हो सके। मारिया ने भी अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी और पहले ही दिन से तनिष्का को मानसिक रूप से अपने कब्ज़े में कर यह बता दिया कि उसको अपने जीवन के लक्ष्य सिद्धार्थ को पाने के लिये कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। तनिष्का मारिया के हर उस निर्णय को मान कर चल रही है जिससे कि वह अपने प्यार सिद्धार्थ को आकर्षित कर सके। इसी बीच गोवा के बीच पर वॉलीबाल खेलकर लौटते हुए जब मारिया और तनिष्का लौट रहे थे तब तनिष्का ने मारिया की बताया कि उसकी माँ इशिता उसकी मुलाक़त अपने कुल धर्मगुरु आचार्य कपिल जी महाराज और उनकी पत्नी सुगंधा से करना चाह रही हैं। बस यहीं से हम अपनी कहानी की डोर को पुनः पकड़ने का प्रयास करेंगे।
इशिता ने मारिया से कहा, “माँ ने कपिल महाराज जी को….
बस उसके आगे का हाल यहाँ जानिए:
तनिष्का
एक धारावाहिक
27-03-2018
एपिसोड 8
....यहाँ बुलवाया है जिससे कि वह आपकी मुलाकात करा सके”
“वह मेरी कोई मदद कर सकते हैं?” मारिया ने पूछा।
“मैं यह तो नहीं कह सकती हूँ लेकिन मेरी मॉम पैसे के मुआमले में बहुत तेज है और वह जहाँ भी अपना पैसा लगाती है तो अपना प्रॉफिट या लॉस की जाँच अच्छी तरह कर लेती है”
“यह तो मैनें भी महसूस किया है, जब मैं इशिता से तुम्हारे फिटनेस कॉन्ट्रैक्ट को निगोशिएट कर रही थी कि वह अपने इन्वेस्टमेंट को बहुत सिक्योर करके चलती है”
बात करते-करते मारिया और तनिष्का अपने होटल की लॉबी में आ गए। इशिता वहाँ पहले ही से इन दोनों का इंतज़ार कर रही थी। तनिष्का और मारिया को इशारा करके इशिता ने अपने पास बुलाया और मारिया से पूछा, “मारिया तुम्हारा गोवा में कब तक रुकने का प्रोग्राम है”
मारिया ने जवाब में कहा, “अच्छा हुआ कि यह प्रश्न आपने पूछ लिया नहीं तो मैं स्वयं यह पूछने वाली थी कि आपका और तनिष्का का क्या प्रोग्राम है?”
“मेरा अब कोई खास काम गोवा में बाकी नहीं है और मैं जल्दी से जल्दी नैरोबी लौटना चाहूँगी”
“ठीक है आप अपने प्रोग्राम से वापस जाइये। मैं कुछ दिनों के लिये बंगलोर जाना चाहूँगी मेरा वहाँ पर कुछ काम है। लेकिन मेरे आपके साथ न चलने से तनिष्का के फ़िटनेस शेड्यूल में कोई भी परेशानी नहीं होगी। मैं नैरोबी में अपने सेंटर के हेड कैथेरीन से कह दूँगी उनमें से कोई न कोई आपसे आकर मिल लेगा जिससे कि तनिष्का का फिटनेस प्रोग्राम ठीक चले”
मारिया की बात सुनकर तनिष्का बोल पड़ी, “मारिया मुझे तो बस तुम चाहिए कोई और नहीं न जाने दूसरा फाइनेंस ट्रेनर कैसा हो?”
“तनिष्का उसकी चिंता तुम फ़िजूल में मत करो हमारी पूरी की पूरी टीम हाइली प्रोफेशनली ट्रेंड है” मारिया ने तनिष्का को आश्वस्त किया, ”मै तुम्हारे लिए एस्पेसिअली कैथेरीन से कह दूँगी कि वह तुम्हारे लिए कोई एक सीनियर ब्रिटिश लेडी को लगा दे जिससे तुम्हें कोई प्रॉब्लम न हो। वैसे कैथेरीन खुद भी बहुत खूबसूरत और हॉट दिखती है। हो सकता है वही तुम्हारे फ़िटनेस ट्रेनिंग को अपने हाथों में ले ”
इशिता तनिष्का की भावना समझते हुए बोली, “तुम्हारा बंगलोर में कितने दिन का प्रोग्राम है?”
“यही लगभग एक हफ़्ते का बस उसके बाद मैं सीधे नैरोबी पहुँचूँगी और बाद में वहाँ से सल्वाडोर”
“चलो कोई बात नहीं। पर एक हफ़्ते बाद आ जाना चूँकि मैं तुम्हारी मुलाक़त अपने कुल धर्म गुरु से कराना चाह रही हूँ। जब तुम्हारी बंगलोर से नैरोबी की फ्लाइट कन्फर्म हो जाए तो मुझे इन्फॉर्म कर देना मैं उनको सीधे नैरोबी आने को कह दूँगी”
“इशिता आप मुझसे आख़िरकार मुझे उनसे क्यों मिलवाना चाहती हो?”
“मेरे पास एक योजना है जिस पर हम बाद में काम कर सकते हैं। फिलहाल तो मैं तुमसे उन्हें इसलिए मिलवाना चाह रही थी कि महाराज कपिल जी और उनकी वाइफ सुगंधा तुमसे मिलने को बहुत उत्सुक हैं”
“कोई मुझसे से भी मिलने के लिए बेकरार है वाओ, कोई बात नहीं मैं नैरोबी पहुँच कर उनसे मिल लूँगी”
“चलो चलें आज डिनर तुम हमारे साथ कर रही हो”
मारिया ने इशिता से कहा, “ओके, मैं आपके फोन कॉल का इंतज़ार करुँगी”
इतना कहकर वे लोग अपने-अपने रूम में चलीं गईं।
मित्रों, यह अवधारणा पता नहीं क्यों लोग बना लेते हैं कि जो लेखक स्त्री की सुंदरता की बात करे तो वह अपने पुरुष वर्ग की संतुष्टि के लिये लिखता है। यह सत्य नहीं है हम जैसे तो हमेशा से महिला कल्याण की बात करते रहे हैं और हमारे अधिकतर उपन्यास तथा कहानियाँ स्त्रियों के मान-सम्मान की बढ़ोत्तरी तथा उनके अधिकारों के हक़ में ही लिखीं गईं हैं।
में चाहूँगा कि ‘तनिष्का’ को हमारी महिला मित्र भी पढ़ें। वस्तुतः हमारी तनिष्का की कहानी उनके ही रूप के निखारने और सवांरने की कहानी है…!! जो भगवान ने नहीं दिया उसे कैसे हासिल करें जिससे कि इस मन के साथ-साथ तन से भी लोग इश्क़ करें।
इशिता ने मारिया को पिछली शाम को डिनर साथ करने के लिये कहा था जिससे वह तनिष्का को लेकर अपनी चिंताएं बता सके। इशिता ने दिल खोल कर जहाँ कनिष्का की तारीफ़ की वहीं उसने वह सब कमियां एक-एक कर गिना डालीं जिनकी वज़ह से उसे लगता था कि तनिष्का उसकी नज़र में उतनी नहीं चढ़ सकी। मारिया के इस आश्वासन के बाद कि वह किसी तरह की चिंता न करें वह तनिष्का के फ़िटनेस को अपना पूरा ध्यान दे रही है और यह भी की जब वह बंगलोर में होगो तो नैरोबी में मिस कैथरीन उसका पूरा ख़्याल रखेगी। इस प्रकार इशिता जहाँ संतुष्ट दिखाई दी। बंगलोर के प्रवास के लिए इशिता ने मारिया से कहा:
बस उसके आगे का हाल यहाँ जानिए:
28-03-2018
एपिसोड 9
डिनर के दौरान इशिता ने मारिया से कनिष्का के बारे में खुल कर बातें की। इशिता ने बताया, “मुझे कनिष्का से कोई प्रॉब्लम नहीं हई। उस लड़की में ज़िंदगी में आगे बढ़ कर मौक़े की तलाश करने की ललक और आगे बढ़ने की तमन्ना है। आज वह अपनी ज़िंदगी की खुदमुख्तार मालिक है। वह जो चाहती है,करती है। उसका मन करता है तो बता देती है और मैं भी उसकी बात शांत मन से सुन लेती हूँ। उसे पल-पल नहीं बताना पड़ता ह। लेकिन तनिष्का को मुझे उसके हर क़दम पर यह बताना पड़ता है कि यह करो या वह न करो”
मारिया ने इशिता की हर बात को ध्यान से सुना और फिर धीरे से बोली, “इशिता आप तनिष्का की माँ हैं, आप उसे बहुत प्यार करती हैं, वह घर में सबसे छोटीं है। घर का सबसे छोटा सदस्य ऐसे ही वर्ताव करता है। इसमें कोई नई बात नहीं है। लेकिन आप यह बताइये कि जब से तनिष्का मेरे संपर्क में आई है उसमें आप सुधार महसूस कर रहीं है या नहीं”
“नहीं मैं उसमें बहुत बदलाव देख रही हूँ जब से वह तुम्हारे कॉन्टैक्ट में आई है। इसीलिए मुझे तुम पर विश्वास है कि तुम ही उसे ठीक ढंग से ट्रेन कर सकती हो। …हो सकता है कि वह दूसरे ट्रेनर के साथ न रह सके”
“इशिता आप चिंता नहीं करिये। मुझे पूरा भरोसा है कि कैथरीन तनिष्का को सम्हाल पाएगी”
“अगर तुम्हें भरोसा है तो मुझे कुछ नहीं कहना है लेकिन तुम बंगलोर से जल्दी से जल्दी नैरोबी आ जाना”
“आप की नैरोबी की कितने बजे की फ्लाइट है?”
“हम लोग सुबह आठ बजे मुंबई होते हुए नैरोबी चले जाएंगे”
मारिया ने इशिता से कहा, “मैं भी कल सुबह की फ्लाइट से बंगलोर निकल जाउँगी”
“बंगलोर में तुम कहाँ रुक रही हो?”
“मैंने अपनी बुकिंग होटल ओबेरॉय बंगलुरू, महात्मा गाँधी रोड में कराई है”
“अरे वहीं तो आजकल कनिष्का भी है। उसकी वृंदावन गार्डेन्स में शूटिंग जो चल रही है। रुको मैं तुम्हारी बात कराती हूँ। तुम उससे ज़रूर मिलना। वह बहुत ख़ुश होगी” इशिता ने यह कह कर कनिष्का को फोन कर मारिया के बारे में सब कुछ बताया और मारिया से बात भी करा दी। कनिष्का से बात करके मारिया बहुत ख़ुश हुई और बंगलोर में उससे मिलने की बात पक्की करली। इशिता ने मारिया से कहा, “मारिया देखना तुम्हें कनिष्का से मिलकर अच्छा लगेगा। मेरी बहुत इच्छा थी कि वह हमसे गोवा में आकर मिलती लेकिन उसका शेड्यूल्ड इतना टाइट था कि वह चाहते हुए भी नहीं आ पाई”
“इशिता अब तो मेरी कनिष्का से बात हो ही गई है और मैं उससे मिलने जा रही हूँ। मैं उससे मिलने के बाद आपको फ़ोन करूँगी”
“ज़रूर मुझे तुम्हारे फ़ोन का इंतज़ार रहेगा”
डिनर की समाप्ति पर इशिता ने मारिया को चूम कर विदा किया और वह कुछ देर बाद वह अपने रूम में वापस आगई। मारिया की बंगलोर की फ्लाइट सुबह सवा छह बजे की थी इसलिए वह होटल से साढ़े चार बजे ही चेक आउट करके एयरपोर्ट के लिये निकल ली। गोवा से बंगलोर पहुँचने और होटल ओबेरॉय बंगलुरू में चेक इन करने के बाद जो सबसे पहला काम किया वह था कनिष्का कब तक मिलेगी। कनिष्का से जब बात हुई तो मारिया ने उसे बताया, “कनिष्का में 807 में हूँ और तुम शाम को कितने बजे तक मिल पाओगी”
“अभी तो मैं शूट के लिये जा रही हूँ और शाम तक वापस आ जाउँगी। सबसे पहला काम जो मेरी लिस्ट में है वह है मारिया से मिलना। तुम्हारे बारे में मॉम ने बहुत कुछ बताया है और तनिष्का ने बस इतना ही कहा है कि मारिया बाकई बहुत हॉट है। आई एम डाइंग टू मीट यू” कनिष्का ने मारिया से मिलने की उत्सुकता ज़ाहिर करते हुए कहा।
“थैंक्स कनिष्का तुम्हारी मॉम ने मुझें तुम्हारे बारे में बहुत बताया है, आइ एम टू ईगर टू मीट यू”
“शाम को मिलते हैं फिर…”
“स्योर आइ विल बि इन लाउंज”, मारिया ने जवाब दिया।
शाम को जब कनिष्का मारिया से मिलने आई तो मारिया उसे देख आश्चर्यचकित रह गई और कनिष्का को गले लगाते हुए बोली, “वाओ लुकिंग ग्रेट इन बेल्टेड साड़ी वेल क्लिंचेड टू थिन वेस्ट, नाइस टू मीट यू माइ डिअर”
कनिष्का ने मारिया के गाल पर हल्का सा किस करते हुए कहा, “मारिया यू आर गॉर्जियस मेन विल वि मैड आफ्टर यू…”
“ओह, रियली..”
क्रमशः
अपनी बात:
कल की जानदार मुलाकात में कनिष्का और मारिया के बीच क्या हुआ जानिए।
बस उसके आगे का हाल यहाँ जानिए:
29-03-2018
एपिसोड 10
“यस आइ मीन इट” कनिष्का ने मारिया को अपने आगोश में भरते हुए कहा, “कोई तुम्हें इस तरह अपनी बाहों में भर लेगा और तुम्हें इस तरह किस करके ही छोड़ेगा”
“यू आर किडिंग”
“नो आइ एम नॉट किडिंग, यू कम विद मी टू मार्किट एंड फिर देखो कितने लोगों की निगाहें तुम पर होंगी। लड़कों की बात क्या करें तुम्हें तो यहाँ की लड़कियाँ भी छेड़ने से बाज़ नहीं आएंगी”
“चलो मैं एक दिन तुम्हारे साथ शॉपिंग करने चलूँगी। मुझे भी ऐसी साड़ी दिला देना”
“ऐसी नहीं इससे भी बढ़िया। मैसूर सिल्क दुनिया भर में प्रसिद्ध है और बंगलोर तो साड़ियों की ख़रीद फ़रोक्त का बहुत बड़ा ट्रेड सेंटर है”
कनिष्का बोली, “खरीदवा तो दूँगी ही बल्कि तुम्हें पहनना भी सिखा दूँगी”
“थैंक्स कनिष्का। चलो हम लोग अब कहीं बैठते हैं। कोई अच्छी जगह ले चलो। मुझे एक बार तनिष्का गोवा में बाहर ले गई थी माइ गॉड क्या बढ़िया जॉइंट था उस दिन हम दोनों ने खूब एन्जॉय किया और हम लोग देर रात अपने रूम में लौटे थे” मारिया बोली।
“काश मैं तुम्हें अपने साथ यहाँ ले जा सकती। मेरी दिक़्क़त यह है कि लोग मेरे सेलिब्रिटी स्टेटस की वजह से मझे ईजीली स्पॉट कर लेते हैं और फिर मुझे भीड़ से बचने के लिए अपनी सिक्युरिटी की मदद लेनी होती है। हम लोग यहीं बैठते हैं यहाँ भी एक से बढ़ कर एक रेस्टॉरेंट हैं”
“एज यू विश”
कनिष्का ने मारिया के हाथ को अपने हाथ में लिया और वे दोनों वहाँ के फ्रेंच रेस्टॉरेंट ‘ला-मेरिडियन’ की ओर बढ़ चलीं। वहाँ पहुँच कर उन्होंने अपने लिये एक कोजी कार्नर टेबल सिलेक्ट की। जब वे कम्फ़र्टेबली सेटल हो गईं तो उन्होने बटलर को बुला कर फुल फाइव कोर्स डिनर का आर्डर दिया। जब दोनों में बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ तो कनिष्का ने मारिया से तनिष्का के फ़िटनेस रेजीम के बारे में डिटेल्स में बातचीत करते हुए पूछा, “अभी तक तनिष्का कैसा कर रही है”
“शी इज डूइंग फाइन। इनफ़ेक्ट मैं उसकी सिन्सियरेटी की तारीफ़ करूँगी कि वह अपनी फ़िटनेस को लेकर बहुत संजीदा हो चुकी है”
“मुझे बहुत ख़ुशी हुई कि वह अब अपनी बॉडी के प्रति कुछ सोच रही है वरना पहले तो उसका अपने खाने पीने उठने बैठने पर कोई कंट्रोल ही नहीं था। जब जो मन किया वह करने लगती थी”
“नहीं अब ऐसी कोई बात नहीं है उसमें कुछ गई दिनों में रिमार्केबल इम्प्रूवमेंट हुआ है”, मारिया ने कनिष्का से कहा।
“मारिया तुम्हें क्या लगता है कि उसे अपने बॉडी लाइन्स के किस हिस्से पर अधिक ध्यान देना चाहिए…”
कनिष्का के पूछने पर मारिया ने उसे डिटेल में बताया कि वह तनिष्का की बॉडी के किन हिस्सों के इम्प्रूवमेंट्स की ओर ध्यान दे रही है। बातों ही बातों में कनिष्का ने मारिया से वह पूरे डिटेल्स ले लिए जिन पर वह भविष्य में काम करने जा रही थी। मारिया ने मन ही मन यह जान लिया था कि कनिष्का के मन में तनिष्का को लेकर कुछ तो चल रहा है पर वह अभी इतना स्योर नहीं थी कि वह आख़िर इतने डिटेल्स में क्यों बात कर रही है? उसके मन मन एक बारगी यह ख़्याल भी आया कि कनिष्का इस बात को लेकर कहीं अंदर ही अंदर परेशान तो नहीं है कि फ़िटनेस ट्रेनिंग कम्पलीट होने पर कहीं तनिष्का उससे अच्छी न दिखने लगे। मारिया यही सब सोच रही थी जब कनिष्का ने मारिया से पूछा, “मारिया क्या तुम मुझे देखकर सजेस्ट करोगी कि मुझे अपनी बॉडी लाइंस में किसी इम्प्रोवमेंट्स की ज़रूरत है”
मारिया ने कनिष्का से कहा, “खड़ी तो हो दूर हटके जिससे मैं तुम्हें देख सकूँ” बहुत ध्यान से उसे उपर से नीचे तक देखने के बाद बोली, “मैं एक फ़िटनेस ट्रेनर के पॉइंट ऑफ व्यू से यह कहूँगी कि तुम देखने मे सुंदर लगती ज़रूर हो लेकिन तुमको भी अपनी बॉडी लाइन्स के प्रति संजीदा होना पड़ेगा। अभी कुछ दिन तो ऐसे ही चल जायेगा लेकिन कुछ सालों बाद कहीं न कहीं यही बॉडी लाइन्स क्रैक होने लगेंगी इसलिये तुम अभी से अपनी वेस्ट लाइन और पिछले हिस्से की ओर ध्यान दो”
मारिया की बात सुनकर कनिष्का कुछ सोच में पड़ गई कि अगर ऐसा हुआ ति उसका तो पूरा का पूरा सपनों का महल ढह जाएगा जो उसने और उसकी माँ ने उसके लिए बनाया हुआ है। चिंताओं की रेखाएं कनिष्का के चेहरे पर साफ़ दिख रहीं थीं। इसी उधेड़बुन में जब कनिष्का लगी हई थी तो उसका ध्यान आकर्षित करने के लिए मारिया ने चुटकी बजा कर पूछा, “क्या हो गया, कहाँ खो गई। डरो नहीं यह सभी के साथ होता है। यह मान कर चलो कि यह तुम्हारे साथ ही नहीं मेरे शरीर के साथ भी होगा। बस हम लोगों की कोशिश यह होनी चाहिये कि हम उस इवेंट को जितना हो सके उसे पोस्टपोन करें”
“मुझे क्या करना चाहिए?”
“बताऊँगी न मैं आख़िर किस मर्ज़ की दवा हूँ। मेरा तो यही काम है” यह कह कर मारिया के मन में जो बात थी वह आख़िर उसकी जुबाँ पर आ ही गई कि, “
क्रमशः
अपनी बात:
कनिष्का के कहने पर मारिया ने यह तो बता दिया कि उसको अपनी लांग टर्म फ़िटनेस के लिये अपनी बॉडी के किस एरिया पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन वह मुमकिन कैसे हो सकेगा? जानें आज के एपिसोड में....
30-03-2018
एपिसोड 11
…कनिष्का एक काम करो तुम मुझे नैरोबी में मुझे जॉइन करो। तनिष्का के फ़िटनेस रेजीम के साथ ही मैं तुम्हारा रेजीम भी देख लूँगी”
“आईडिया तो अच्छा है। एक मिनट रुको मुझे अपना शेड्यूल चेक करने दो” इतना कह कर कनिष्का अपने मोबाइल में अपना मंथली प्रोग्रामर चेक करने लगी। उसी बीच में मारिया ने उसे टोकते हुए कहा, “अगर तुम नैरोबी में जॉइन करोगो तो मैं तुम्हारे फ़िटनेस रेजीम के लिये कुछ भी चार्ज नहीं करूँगी”
कनिष्का ने मोबाइल से नज़रें हटा कर मारिया की ओर देखा और बोली, “तुम कहती तो ठीक हो। मुझे पैसे की कोई दिक़्क़त नहीं है पर मुझे टाइमिंग सूट नहीं कर रहा है। कोई और आल्टरनेटिव है”
“फिर तुम मुझे बाद में साल्वाडोर में जॉइन करना उस समय तनिष्का भी वहाँ रहेगी”
“मुझे लगता है कि मुझे तुम्हारा दूसरा प्लान सूट करेगा’
“मारिया तुम्हारा बंगलोर का क्या प्रोग्राम है”
“मैं बंगलोर एक हफ़्ते के लिये ही हूँ। बेसिकली मैं यहाँ एक अच्छे और रिलाएबल बिसनेस पार्टनर की तलाश में ही आई हूँ। मेरा अपना इरादा यहाँ एक बहुत बड़ा फिटनेस कॉर्पोरेट हाउस जॉइंट वेंचर में शुरू करने का है। हमारे ग्रुप के लोगों यह मानना है कि इंडिया का जो पापुलेशन बेस है कि कोई भी बिजनेस यहाँ बहुत अच्छा चलेगा। मेरा यह भी मानना है की इंडियन लेडीज में ऑफ लेट हेल्थ कांसियसनेस बढ़ी है।….. और यहाँ का अपर ऐंड मिडिल इनकम ग्रुप ही इतना बड़ा है मार्किट है कि मैं तुम्हें उसके बारे में क्या बताऊँ मुझसे अधिक तो तुम खुद ही जानती हो”
कनिष्का ने मारिया की बातों को बहुत ध्यान से सुना और फिर बोली, “यू साउंड इंटरेस्टिंग। मुझे तुम्हारा आईडिया अच्छा लग रहा है”
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए मारिया ने कहा, “मेरी स्ट्रेटेजी है कि पहले हम यह बिजनेस साउथ इंडिया से शुरू करें और बाद में अपनी रीच धीरे-धीरे आल इंडिया लेवल की बना लें। दिन में आज मेरी दो एक लोगों से बात हुई है वे लोग भी बहुत उत्सुक लगते हैं बाकी देखते हैं कि हमारे बिजनेस डिस्कशन में क्या निकलता है”
“मारिया एक काम करो तुम अभी अपना प्लान किसी से भी डिसकस मत करो। मैं मॉम से बात करती हूँ। हो सकता है वह तुम्हारे साथ इस बिज़नेस वेंचर में शरीक़ हो जाए। उसका बिज़नेस सेंस हमारी फैमिली में सबसे अच्छा है। उनके लिये फाइनेंस अरेंज करना कोई मुश्क़िल काम नहीं है”
“कनिष्का तुम स्योर हो कि वह बिज़नेस में इंटरेस्टेड होंगी”
“मुझे एक बार बात करने दो मैं तुम्हें कल जवाब देती हूँ। एक दिन का समय दो”
“ओके, मैं तुम्हारे जवाब का इंतज़ार करूँगी। चलो अब डिनर एन्जॉय करो”
दोनों ने बहुत अच्छे माहौल में डिनर किया और जब वे अपने-अपने रूम में जाने लगीं तो कनिष्का ने मारिया से कहा, “तुम कल दोपहर को फ्री रहना मैं तुम्हें शॉपिंग कराने के लिए ले चलूँगी”
मारिया ने मुस्कुरा कर मारिया को थैंक्स और गुड नाइट कहा।
मारिया को बाय कहा और अपने रूम में आते ही अपनी मॉम से बात करी और उन्हें पूरी बात बताई जो उसके और मारिया के बीच हुई थी। इशिता ने मारिया की बातों ध्यान से सुना और कनिष्का से कहा, “कनिष्का तुम एक काम करो कल शॉपिंग करा के मारिया से कहो कि वह यहाँ नैरोबी आ जाए। मैं दिल्ली से अपने महाराज जी को भी बुला लेती हूँ और फिर इस बिज़नेस प्रपोजल को आगे बढ़ाते हैं”
“मुझे लगता है कि मॉम हमारे हाथ गोल्डमाइन लग गई है इसे किसी भी हालत में अपने हाथ से नहीं निकल देना चाहिए”
“कनिष्का आइ फुल्ली एग्री विद यू”, इशिता ने कहा, “तुम वही करो जो मैंने तुमसे कहा। बाकी मैं अभी महाराज जी से बात कर उनको जल्दी से जल्दी बुलवा लेती हूँ”
क्रमशः
अपनी बात:
कल कुछ लोगों से बातें हुईं तो मुझे लगा कि सुंदरता अपनी जगह और रोमांस अपनी जगह होता है। एक इंसान अपने आप से भी रोमांस कर सकता है और वह अपनी ही दुनिया में मस्त होकर बड़े आराम से चैन की वंशी बजा सकता है। लेकिन एक आम आदमी के लिये यह मुमकिन नही हो पाता। लोगों के दिलों के आसपास वही कहानी बनी रहती है जिसमें एक लड़का हो एक लड़की हो। बस आज का यह एपिसोड पढ़िए और इश्क़ की इस नई शुरुआत को अपना साथ और प्रेमभाव दीजिये:
तनिष्का
एक धारावाहिक
31-03-2018
एपिसोड 12
अगले दिन ही कनिष्का ने मारिया को फोन कर यह बता दिया कि उसकी मॉम ने यही कहलवाया है, “तुम अभी किसी और से इस बिज़नेस प्रपोजल पर बात मत करो। वह तुमसे जब तुम नैरोबी में उनसे मिलोगी तो और अधिक बात करेंगी। उन्होंने यह भी कहलवाया है कि तुम जितनी जल्दी हो सके नैरोबी पहुँचने की कोशिश करो। हो सकता है कि वह तुम्हें इसके बावत फोन भी करें”
मारिया ने कनिष्का की बातों को बहुत ध्यानपूर्वक सुना और बोली, “…और कुछ कनिष्का”
“बस इतना ही कि यह याद रहे कि हम आज दोपहर शॉपिंग के लिए जा रहे हैं तो मैं सोचती हूँ कि तुम लंच भी मेरे साथ ही करना”
“ओके”
“मैं अपने सिक्योरिटी स्टाफ़ को अपना यही प्रोग्राम कंफर्म कर रही हूँ”
मारिया ने जवाब में कहा, “इसका मतलब हम लोग कहीं बाहर लंच करेंगे”
“हाँ बिल्कुल बाहर एक ऐसे जॉइंट में जहाँ हम कुछ मस्ती कर सकें जैसी की तुमने तनिष्का के साथ गोवा में की थी। मैं भी आखिर तनिष्का की बड़ी बहन हूँ जो काम मेरी छोटीं सिस कर सकती है तो भला मैं क्यों नहीं”
“नहीं, नहीं तुम शायद तनिष्का से भी बेहतर कर सको। मेरा एक सजेशन है कि क्यों न हम अपना प्रोग्राम शाम का रखें जिससे कि हम देर रात तक एन्जॉय करें। मैंने सुना है बंगलोर बाइ नाइट लुक्स ऑसम”
एक पल के लिये कनिष्का ने सोचा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि मारिया ने अपनी कोई मीटिंग किसी और बिज़नेस पार्टनर की तलाश में रखी हो इसलिए वह शाम को शॉपिंग के लिए कह रही हो। फिर उसने यह भी सोचा कि किसी के ऊपर इतना डाउट करना भी ठीक नहीं और यही सोचकर उसने मारिया से ‘हाँ’ कह दी।
दिन में मारिया के पास कोई काम नहीं था इसलिये उसने ब्रेकफ़ास्ट आराम से किया और उसके बाद वह होटेल के स्विमिंग पूल में डिप लेने के लिये चली गई। वहाँ उसे बिकनी और आकर्षक रूप में देखकर वहाँ जो लोग स्विमिंग कर रहे थे सबने उसकी ओर पलट कर देखा तब उसे लगा कि कनिष्का सही कह रही थी कि शॉपिंग करते समय उसे लोग घूर कर देखेंगे। किसी भी महिला के लिए यह गर्व की बात होती है कि लोग उसकी ओर देखें। मारिया भी कोई अपवाद नहीं थी। उसे भी तो अपनी बॉडी लाइन्स पर गर्व था। मारिया ने जब स्विमिंग करते हुए चार बार पूल की लेंथ कवर की और आराम के लिये जब पूल की साइड की पेअर चेयर पर आकर लेट गई तो उसे एक नवयुवक मिलने आया और उसने मारिया से बात करने की कोशिश की। अपने आप का परिचय देते हुए कहा, “वेल आइ एम सिद्धार्थ। पता नहीं क्यों मुझे लगता है कि मैंने आपको पहले कहीं देखा है”
“आइ डोंट थिंक इट्स राइट। मैं बंगलोर फर्स्ट टाइम आई हूँ”, मारिया ने अपने सन ग्लासेज ठीक करते हुए कहा।
“मैं भी बंगलोर में पहली बार आया हूँ। ओह, व्हाट अ कॉइनसिडेंस”
“वाओ। दैट्स सो नाइस”
“आइ लिव इन नैरोबी”, सिद्दार्थ बोला।
“व्हाट, आर यू फ्रॉम नैरोबी”
“यस प्लीज। व्हाट हैपेन्ड?”
“नथिंग। तुमने मुझे वहीं देखा होगा”, मारिया बोली।
“इसका मतलब तो यह हुआ कि तुम भी नैरोबी से हो”
“नहीं। मैं नैरोबी से नहीं हूँ। गेस करो कि मैं कहाँ से हूँ”
“नहीं जानता। बस इतना जानता हूँ कि तुम जो भी हो गॉर्जियस हो”
“थैंक्स फ़ॉर द कॉम्पलेमेंट्स……”, मारिया ने सिद्दार्थ की ओर प्यार भरी नजरों से देखते हुए कहा।
इसके बाद मारिया और सिद्धार्थ में एक लंबी बातचीत ही नहीं हुई बल्कि बाद में उन्होंने मिलकर लंच भी किया और शाम को फिर से मिलने का वायदा भी….
अपनी बात:
मारिया की मुलाक़त सिद्धार्थ से क्या हुई कि उसे लगा कि वह तनिष्का के प्यार को उससे उचित अवसर पर मिलवा सकेगी। इस ख़्याल से उसने सिद्धार्थ की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया। बाकी शाम को क्या हुआ वह अब जानिए….
तनिष्का
एक धारावाहिक
01-04-2018
एपिसोड 13
शाम को जब मारिया अपनी बाहों में बाँह डाले सिद्धार्थ के साथ कनिष्का से लाउन्ज में मिली तो पहली ही नज़र में उसे भरोसा नहीं हुआ कि यह वही मारिया है लेकिन जब उसने सिद्धार्थ को कनिष्का से मिलवाया तो उसके मुँह से निकला, “वाओ, नाइस कैच”
“व्हाट डिड यू से”
हँसते हुए कनिष्का ने जवाब दिया, “यस नाइस कैच बिकॉज़ हम इंडियंस किसी अनजान आदमी से इतनी जल्दी दोस्ती नहीं कर पाते”
“कनिष्का तुम्हें मैंने अभी तक यह नहीं बताया कि सिद्धार्थ…” फिर एकदम सिद्धार्थ की ओर देखते हुए पूछा, “क्या मैं तुम्हें सिड कह कर बुला सकती हूँ”
सिद्धार्थ ने आँखे बिचकाकर और दोनों कंधों को उचकाते हुए कहा, “व्हाट एवर यू लाइक”
“…हाँ कनिष्का तो मैं तुमसे कह रही थी कि मैं सिड को न भी जानती होऊँ लेकिन वह मुझे अच्छी तरह जानता है और उसी ने मुझे बताया कि उसने मुझे नैरोबी में देखा है। क्या इतना काफी नहीं है इस बॉयइश लुक हैंडसम के साथ एक शाम बिताने के लिये”
मारिया की बात पर कनिष्का अब क्या कहती बस उसने यही कहा, “वेल इसका मतलब आज शाम सिड हमारे साथ ही रेहगा”
“ऑफ कोर्स, कोई ऑब्जेक्शन?”
“नहीं तो। बल्कि मेरे लिये ख़ुशी की बात होगी और मैं अगर यह कहुँ कि सिड मुझे भी अच्छा लग रहा है तो तुम क्या कहोगी?” कनिष्का ने भी अपनी आँखें बिचकाते हुए मारिया से कहा और सिद्धार्थ के मुँह की ओर एक नज़र प्यार भरे अंदाज़ से देखा।
“ओह दैट्स ग्रेट। लगता है आज तो सिड दो लेडीज के बीच सैंडविच होकर ही रहेगा”
“चलो चलें” कनिष्का ने पूछा और वे तीनों एक साथ टैक्सी से एम जी रोड आये और चुपके से नल्ली के शो रूम में ऊपर की ओर चढ़ गए। शो रूम के स्टाफ़ ने देखते ही कनिष्का को पहचान लिया और उसके कहने पर साड़ियों की पूरी की पूरी रेंज मारिया के सामने फैला दी। बहुत देर साड़ियों को ध्यान से देखने के बाद मारिया ने कनिष्का के कहने पर चार साड़ियां पैक कराईं। जब चलने की बात हुई तो कनिष्का ने कहा, “मारिया खाली साड़ी हम लोग इस तरह नहीं पहन सकते हैं इसके लिये बहुत सी एक्सेसरीज होती हैं”
बाद में कनिष्का की सलाह पर वहाँ के टेलरिंग स्टाफ़ ने मारिया के मेज़रमेंटस लिये और एक्सेसरीज पसंद कराईं। बीच-बीच में मारिया सिद्धार्थ की ओर भी देखती जा रही थी कि उसे उसकी चॉइस ठीक लग रही है कि नहीं। जब मारिया ने पेमेंट देने के लिए अपना कार्ड दिया तो बड़ी शान के साथ कनिष्का ने उससे कहा, “दिस इज फ्रॉम मी विद लव। उम्मीद है तुम मना नहीं करोगी”
थोड़ा बहुत ना नुकुर करने के बाद मारिया आख़िरकार मान गई और वे सभी के नल्ली शो रूम से निकलकर सीधे रेजीडेंसी रोड के मशहूर कम्युनिटी के पब में पहुँच गए…। वहाँ का माहौल ख़ूब रौनकदार था। सभी उम्र के लोग वहाँ मौजूद थे। बड़ी मुश्क़िल से भीड़ के बीचोबीच से निकलते हुए उन्होंने अपने लिये एक टेबल ढूँढ ही ली। जब वे लोग सामने से निकल रहे थे तो लगभग सभी की निग़ाह मारिया, कनिष्का और सिद्धार्थ के ऊपर लगीं हुईं थीं। एक दो नौजवानों ने तो आँखों ही आँखों में इशारे से बात करके यह कह दिया लगता है डांसिंग फ्लोर पर आग लगने वाली है।
वहाँ बैठ कर तीनों ने जम कर बियर पी। बीच-बीच में उठ कर डी जे की धुनों पर डांस किया। उन्हें डांस करते हुए देख कुछ मनचले लड़के भी मौज मस्ती में आ गए वे लोग भी इनके पास मँडराने लगे और उछल कूद करने लगे ठीक शैतान बंदरों की तरह। उसमें से एक बोला, “यार ये तो कनिष्का है तेलगु फ़िल्म्स की हिरोइन”
उसका इतना कहना भर था कि सारे के सारे लोग उसे देखने के लिए उनकी ओर बढ़े। इससे पहले कि बवाल हो बॉउन्सर ने उन लोगों को किसी तरह से पब से निकाल कर उनकी कार में बिठाया।
वहाँ से निकल कर वे सब लोग ब्रिगेड रोड पर आ गए। कार से निकल कर वे तीनों मस्ती के मूड में कभी इस शो रूम तो कभी उस शो रूम में घुसते निकलते रहे। कुछ देर इधर उधर बिताने के बाद वे लोग निलगिरी स्टोर्स में चले गए। खरीदने को कुछ था नहीं बस इधर उधर सेल्स गर्ल्स के साथ मस्ती की और वहाँ से निकल कर और देर रात वहाँ से निकल कर वे लोग मस्ती के मूड में इधर उधर घूमने के लिये निकल लिये। ब्रिगेड रोड पर कनिष्का को लोगों ने जब स्पॉट किया तो उसके फैंस ने उसे घेर लिया। बड़ी मुश्क़िल से अपने साथ चल रहे बाउंसर्स की मदद से वे लोग वहाँ से निकल कर ताज वेस्ट ऐंड में खाना खाने के लिये गए। डिनर के दौरान कनिष्का और सिद्धार्थ में बातचीत खुल कर हुई। कनिष्का ने उसे बताया, “मेरे पेरेंट्स भो नैरोबी में ही हैं”
सिद्धार्थ उसकी बात सुनकर बोल्ज़, “वाओ। आज क्या हो रहा है लगता है कि नैरोबी के सभी के सभी लोग बंगलोर आ गए हैं”
मारिया ने कनिष्का के बारे में बताया कि कनिष्का तेलगु फ़िल्म्स की हिरोइन है और जल्दी ही मुंबई में अपने पाँव जमाने की कोशिश में है। सिद्धार्थ ने कनिष्का को शुभकामनाएं कहते हुए कहा कि वह तेलगु तो नहीं जानता इसलिये उसके पास कनिष्का की कोई फ़िल्म जब तक हिंदी में नही आ जाती तब तक उसके पास इंतज़ार करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नही है।
मारिया ने जब देखा कनिष्क सिद्धार्थ के बहुत क्लोज़ आने की कोशिश कर रही है तो वह केयरफुल हो गई और खुद सिद्धार्थ के साथ चिपकी रही…देर रात बाद वे लोग अपने होटल लौटे।
मारिया ने कनिष्का को गुड नाइट कहा और वह सिद्धार्थ की बाहों में बाहें डाल कर अपने रूम में की ओर निकल गई…
क्रमश:
अपनी बात:
कनिष्का को लगा मारिया ने अपने बिज़नेस के लिए सिद्दार्थ के रूप में कोई नया पार्टनर न ढूँढ लिया हो इसलिये मैसूर निकलने के पहले उसने मारिया से बात की….
तनिष्का
एक धारावाहिक
02-04-2018
एपिसोड 14
अगले दिन कनिष्का को शूट के लिये मैसूर निकलना था इसलिए उसने जब सुबह मारिया को फोन किया और अपना प्रोग्राम बताया कि वह तो अभी मैसूर के लिये निकल रही है और दो तीन बाद ही लौट पाएगी। कनिष्का की बात सुनकर मारिया बोली, “ओह इसका मतलब अब हम लोग यहाँ नहीं मिलेंगे”
“क्यों तुम नैरोबी के लिये कब निकल रही हो?”, कनिष्का ने मारिया से पूछा।
"मैं और सिद्धार्थ दोनों ही आज की रात नैरोबी के लिये निकल रहे हैं”
“इज इट? तुम्हारी फ्लाइट कन्फर्म हो गई”
“हाँ, कल तुम्हारे चले जाने के बाद हम लोगों ने आपस में बात करी। मेरा तो कोई अब यहाँ काम था नहीं और सिड का भी काम ख़त्म हो गया था इसलिए अपना प्रोग्राम अचानक ही वापस जाने का बना लिया”
“चलो यह अच्छा हुआ तुम्हारे नैरोबी पहुँचने का मॉम इंतज़ार भी कर रही थी”
“सिद्धार्थ और मैं दोनों ही आज रात आठ बजे निकल जाएंगे”
“तुमने यह बात मॉम को बतादी है या मैं उन्हें बता दूँ”
“तुम ही बता दो। अगर तुम्हारी मॉम को कोई बात करनी होगी तो बोलना कि वह मुझे फोन कर लेंगी”
“ठीक है मैं उन्हें बोल दूँगी। मारिया एक काम करना रिसेप्शन डेस्क को बोल कर नल्ली से अपने आइटम्स कलेक्ट करवा लेना”
“चिंता नहीं करो मैं आज ही दिन में मंगा लूँगी। चलो फिर ये बताओ कि तुमसे कब मुलाक़त होगी?”
“मैं तुम्हारे टच में रहूँगी पर मुझे लगता है कि हम साल्वाडोर में ही मिल पाएंगे”
“आइ लुक फारवर्ड टू मीट यू”
“ओके बाय”
“बाय”
मारिया से बात कर कनिष्का के मन में एक प्रश्न उठा कि मारिया को वापस तो जाना ही था लेकिन सिद्धार्थ से उसे ऐसा क्या मिला कि उसने उसके साथ मिलकर अपनी रिटर्न फ्लाइट भी बुक कर दी। कहीं ऐसा तो नहीं कि मारिया सिद्धार्थ के साथ मिलकर कहीं जॉइंट वेंचर की बात तो नहीं कर रही हो। यह विचार आते ही उसने अपनी मॉम को फोन मिलाकर पूरी बात बता दी। इशिता ने कनिष्का की बात ध्यान से सुनी और बोली, “कनिष्का तू चिंता मत कर। मैं मारिया से बात कर लेती हूँ और कोशिश करूँगी कि मैं उसे एयरपोर्ट पर ही मिल लूँगी और अपने यहाँ ही ले आऊँगी”
“मॉम जैसा तुम ठीक समझो”
“ओके तू अपने शूट के लिये निकल। चल ठीक है”, इशिता ने कनिष्का से कह कर उसे निश्चिंत रहने की सलाह दी। बाद में इशिता ने मारिया से बातचीत की और उसके फ्लाइट डिटेल्स ले लिए। मारिया को यह भी बता दिया कि वह उसे लेने के लिये एयरपोर्ट आ रही है।
मारिया से बात कर लेने के बाद तुरंत फ़ोन मिला कर महाराज कपिल जी से बात की और उनके आने का प्रोग्राम के बारे में जानकारी ली। दूसरी ओर से महाराज जी ने जब यह बताया कि वह भी सुगंधा जी के साथ आज शाम की फ्लाइट से ही मुंबई होते गए नैरोबी पहुँच रहे हैं। इस ख़बर को सुनकर इशिता की बाँछे खिल गईं और मन ही मन वह यह प्लान करने लगी कि मारिया को भी वह अपने साथ ही अपने विला में रहने के लिए तैयार कर लेगी जिससे कि सारी बातें आसानी से हो जाएंगी और तनिष्का की फ़िटनेस रेजीम भी ठीक ठाक चलता रहेगा…
इशिता को इंतज़ार था तो बस इस बात का कि मारिया की फ्लाइट नैरोबो जल्दी से जल्दी पहुँचे….
क्रमशः
अपनी बात:
महाराज कपिल और उनकी धर्मपत्नी ने नैरोबी की फ्लाइट दिल्ली से ली तथा मारिया और सिद्दार्थ ने बंगलोर से। इशिता ने मारिया से कनिष्का के कहने पर बात कर ली थी और उसे बता दिया था कि वह उसे लेने एयरपोर्ट आ रही है। मारिया ने कुछ कहा तो नहीं सोचा चलो इशिता उसे लेने आ रही है तो ठीक ही है। नैरोबी एयरपोर्ट पर क्या हुआ जानिए बस अब....
तनिष्का
एक धारावाहिक
03-04-2018
एपिसोड 15
इशिता जब मारिया को लेने एयरपोर्ट पहुँचने के लिए समय से निकल चुकी थी। इससे पहले महाराज कपिल जी और सुंगंधा की फ्लाइट नैरोबी पहुँच चुकी थी। वे दोनों बड़े आराम से ‘कोहली विला’ पहुँच चुके थे। इशिता ने उनसे बातचीत कर ली थी और अपनी योजनाओं को कैसे कार्यरूप में परिवर्तित करना है उस पर उसकी सुगंधा जी से मिलकर एक वैचारिक ढाँचा भी तैयार कर लिया था।
इशिता ख़ुद मारिया को लेने के लिए नैरोबी के जोमो केन्याटा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर समय से पहुँच गई थी। मारिया जैसे ही एरायवल लाउन्ज से बाहर निकली झट से आगे बढ़कर इशिता ने मारिया से हाथ मिलाया और गले लग कर अपने प्रेम का इज़हार किया। मारिया ने भी बड़े अदब से सिद्धार्थ की मुलाक़त इशिता से यह कहकर कराई, “इशिता इनसे मिलो ये हैं मिस्टर सिद्धार्थ जिन्हें मैं बंगलोर में मिली थी और ये भी यहीं नैरोबी में ही रहते हैं। हमारे बीच पहली मुलाक़त कुछ ऐसी रही कि हम एक दूसरे को चाहने लगे और सिड अब मेरा बहुत अच्छा दोस्त बन गया है”
हाथ मिलाते हुए इशिता ने सिद्धार्थ से पूछा, “सिद्धार्थ तुम नैरोबी में कहाँ रहते हो?”
“जी मैं यहीं पलासिना कॉम्लेक्स में रहता हूँ और और मेरे डैड का यहाँ हीरे जवाहरात का बहुत बड़ा काम है”
“वाओ फिर तो तुम हमारे लिये भी एक इम्पोर्टेन्ट इंसान हो क्योंकि मेरे हस्बैंड का भी यही आइडेंटिकल काम है। ऐसा कैसे हुआ कि हम आजतक कभी मिले क्यों नहीं”, इशिता ने सिद्धार्थ से बड़ा प्यार जताते हुए कहा।
“हो सकता है मेरे डैड आप लोगों को जानते हों क्योंकि मैं अपने पापा के साथ काम नहीं करता। मैं अपनी ट्रैवेल कंपनी मैनेज करता हूँ। वैसे तो दुनिया बड़ी छोटीं ही गई है…”, मारिया का हाथ अपने हाथ में लेते हुए सिद्धार्थ ने कहा, “देखिये न हम लोग भी यहाँ नहीं मिले और मिले भी तो भला कहाँ जानतीं हैं बंगलोर, इंडिया में। क़िस्मत के खेल निराले होते हैं इसके बारे में कोई अब क्या कहें"
“हाँ ये बात तो है”, इशिता ने सिद्धार्थ की बात सुनकर कहा, “चलें देर हो रही है और यह कहकर मारिया को अपने साथ कार में बैठने को कहा। मारिया ने इशिता की बात सुनकर सिद्धार्थ को गले लगाया और किस करते हुए बोला, “ओके सी यू लेटर”
इसके बाद इशिता और मारिया एयरपोर्ट से निकल कर सीधे कोहली विला, कैरेन की ओर निकल चले। जोमो केन्याटा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से कैरन की तीस किमी की दूरी में कुछ समय तो लगना ही था। जैसे ही उनकी कार सदर्न बाईपास हाईवे पर आई तो मारिया ने कहा, “कैरेन नैरोबी के सिटी सेंटर के गोल्फ क्लब, कैरेन से लगभग तीस किमी तो होगा ही”
“हाँ लगभग इतना तो है ही वहाँ पहुँचने में एक घंटे से ऊपर का समय लग ही जाता है ट्रैफिक भी अब बहुत बढ़ गया है”
“इशिता आप लोगों ने कैरेन में प्रॉपर्टी कब ख़रीदी होगी”
“ओह माइ गॉड कैरन वाली प्रॉपर्टी मेरे फ़ादर इन लॉ ने उस वक़्त ख़रीदी थी जब यहाँ अंग्रेजों का शासन था और यहाँ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलप ही हो रहा था। उस वक़्त भी कैरेन में अंग्रेज रहा करते थे या फिर वेल टू डू इंडियंस। मेरे फ़ादर इन लॉ इंडिया से आकर हीरे जवाहरात का काम शुरू किया और बाद में वह यहाँ के बहुत बड़े बैंकर्स हो गए। आज भी हमारे नैरोबी में ही पाँच शो रूम हैं और अपने बैंक की तीस से ऊपर ब्रांचेज”
मारिया ने ताज़्ज़ुब ज़ाहिर करते हुए इशिता से कहा, “बिग पीपल बिग थिंग्स”
इशिता ने अपनी ओर से इसे बहुत महत्व न देते हुए कहा, “इट्स आल बाइ लक एंड हार्ड वर्क ऑफ अवर एन्सेस्टर्स”
“व्हाट एवर अब तो यह सब आपका ही है” मारिया बोली। इशिता ने कुछ भी नही कहा बस मुस्करा कर रह गई। जब कार का रुख हाईवे से कैरेन की ओर हुआ तो मारिया ने देखा कि कितने शानदार बंगले और विला लोगों ने बनाये हुए थे। लंबी-लंबी ड्राइव वेज़ और बहुत खूबसूरत फ्रंट एंड बैक यार्ड लॉन्स ऐंड गार्डन्स। जिधर भी निग़ाह जाती हरियाली ही हरियाली। कैरेन के आउट स्कर्ट्स को देखकर मारिया का मन ख़ुश हो गया। जब उनकी कार गोल्फ़ क्लब के सामने वाली रोड पर पहुँच कर एक बँगले में अंदर घुसी तो मारिया की आँखे चकाचौंध रह गईं। उसने बंगलो को देखते ही कहा, “व्हाट अ पैलेस लाइक होम माइ डिअर”
जब कार ड्राइव वे से होती हुई पोर्च में रुकी तो ड्राइवर ने उतर कर मारिया की ओर दरवाज़ा खोला और इशारा करते हुए बोला, “मैडम वेलकम इन द होम ऑफ कोहलीज़”
मारिया इतने तहज़ीबशुदा स्टाफ़ देखकर बहुत ख़ुश हुई। इतने में ही बंगले के भीतर से दो ऑर्डरली आ गए जिन्होंने उसका बैगेज निकाला और गेस्ट रूम तक पहुँचाया। अंदर बढ़ते ही एक शानदार लिविंग रूम की ओर इशारा करते हुए इशिता ने मारिया को अंदर आने के लिये कहा, “वेलकम डिअर कम ऑन, लुक हू इज वेटिंग फ़ॉर यू”
मारिया की निग़ाह जैसे ही सामने गई तो उसने देखा कि तनिष्का वहाँ पहले ही से उसका इंतज़ार कर रही थी। तनिष्का को देखते ही मारिया बोली, “वाओ लुकिंग इन शेप नाउ, तनिष्का लगता है कि कैथरीन तुम्हारा ख़ूब ख़्याल रख रही है”
“हाइ मारिया गुड टू सी यू”, तनिष्का ने भी हाथ मिलाते हुए कहा।
इशारे करके मारिया ने तनिष्का से कहा, “ज़रा घूमो तो सही” और फिर तनिष्का के बट्स को छूते कहा, “गेटिंग बेटर बाइ एवेरी पासिंग डे…..”
“तुम भी और हसीं लग रही हो क्या बात है?", तनिष्का ने धीरे से मारिया के कान में कहा।
“बंगलोर में मुझे एक लड़का मिला और मुझे उससे इश्क़ हो गया”
“जोसफ अल्ब्रेटा का क्या होगा?”
“वह साल्वाडोर के लिए”, मारिया ने शोखी भरे अंदाज़ में जवाब दिया, “...और एक यहाँ”
“एक यहाँ का क्या मतलब है तुम्हारा”
“वह लड़का यहीं तो रहता है तुम्हारे घर से कुछ दूर पर”
“उसका क्या नाम है?”
“मैं उसे सिड कहकर पुकारती हूँ वैसे उसका नाम है सिद्दार्थ”
“क्या सिद्दार्थ सिंह?”
“वह सिंह है या नहीं यह तो मैं नहीं जानती लेकिन मैंने उसकी आँखों में एक जुनून देखा और मैं उसकी हो गई”
“मुझे उससे मिलवाओ कहीं वह मेरा सिद्दार्थ तो नहीं?”
“हो सकता है कि वह तुम्हारा सिद्धार्थ ही हो। मैं अभी कुछ कह नहीं सकती”
“उसकी कोई फ़ोटो है तुम्हारे पास?”
“हाँ हैं न। एक नहीं कई यह ले देख...”, यह कहकर मरिया ने अपना मोबाइल ऑन कर गैलरी खोली और मोबाइल तनिष्का के हाथ थमा दिया।
क्रमशः
अपनी बात:
मारिया ने अपना मोबाइल तनिष्का को दिया कि वह ख़ुद देख ले कि जो सिद्धार्थ उसे बंगलोर में मिला था वह उसका सिद्धार्थ है या कोई दूसरा सिद्धार्थ?
बस उसके आगे का हाल यहाँ जानिए:
तनिष्का
एक धारावाहिक
04-04-2018
एपिसोड 16
तनिष्का ने वे सभी फ़ोटो देखे और मारिया की नज़रों में झाँकते हुए कहा, “मारिया सही बता सिड तुझसे प्यार करता है”
“मुझे तो यही लगता है कि वह मुझ पर अपनी जान छिड़कता है” मारिया ने तनिष्का की ओर देखते हुए कहा, “वैसे मेरी उससे मुलाक़त बस दो दिन पहले ही हुई थी जब मैं स्विमिंग पूल से बाहर ही निकली थी। मेरे बदन के हर अंग से पानी की बूंदें टपक रहीं थीं। मैं थी और बस वह था। वहाँ कोई दूसरा न था। उसने मुझे ऊपर से नीचे तक देखा। वही मेरे पास और जब उसने कहा कि उसने मुझे पहले कहीं देखा है वग़ैरह वग़ैरह। बस मुझे लगा कि वह मेरे रँग रूप और फ़िगर को देखकर मेरा हो गया। मुझे उस दिन लगा कि एक लड़की को अपने शरीर के हर हिस्से को ठीक रखने के लिये चाहे जितनी भी मेहनत करनी हो वह उसे समय रहते अवश्य करनी चाहिए। हमारी बात बन गई और उसके बाद मैं उसकी बाहों में थी और वह मेरी बाहों में। वह मेरा हो गया…और मैं उसकी हो गई”
धीरे-धीरे मारिया ने तनिष्का को वह सब बताया जो उन दोनों के बीच मे गुजरा। मारिया की पूरी कहानी सुनकर तनिष्का तो एक दम हताश हो कर सोफ़े पर गिर पड़ी और लगभग रुआँसी हो कर लेट गई। मारिया को लगा कि जो सिड उसे पसंद आया और जिस पर उसका दिल आ गया वह शायद तनिष्का वाला सिद्धार्थ ही है इसलिए मारिया ने बड़े प्यार से तनिष्का से पूछा, “क्या हुआ पगली, तुझे यह क्या हुआ?”
उसी क्षण एक दम उठ कर ख़ुशी से झूमते हुए तनिष्का बोली, “…..ये सिड मेरे वाला नहीं है। तू आराम से इससे इश्क़ कर मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है”
हताश परेशान सी मारिया के चेहरे पर अचानक ख़ुशी छा गई और बोली, “अगर ये तेरा वाला सिड होता तो तू क्या करती?”
“मैं नदी में कूद कर जान दे देती और क्या करती!”
“इतना चाहती है अपने सिड को”
“तुझसे ज़्यादा शायद जितना तू अपने सिड की नहीं चाहती होगी”,
मारिया ने तनिष्का को अपने पास बिठाते हुए कहा, “देख तू कुछ सीख ले। हर मर्द के दिल में एक चाहत होती है कि उसकी गर्ल फ्रेंड दिखने में सबसे अव्वल हो। जब वह उसके साथ कहीं भी अपनी सोसाइटी में या बाज़ार में निकले तो लोग उसकी ओर पलट कर देखें। सही मायने में एक हेड टर्नर ब्यूटी के निशान होते हैं”
जब मारिया यह सब बात बता रही थी तो तनिष्का उसके हर शब्द को बहुत ध्यान से सुन रही थी और जब मारिया ने यह कहा, “तनिष्का बाजार में ग्राहक उस चीज़ के अधिक पैसे देता है जो उसके मन को भा जाती है और एक दुकानदार इस बात को भाँप लेता है इसलिए वह अपनी चीज के दाम भी बढ़ा देता है। देख अगर मुझमें कोई खास बात न होती तो भला सिड मेरी तरफ क्यों खिंचा आता। इसलिये तू मेहनत कर और जो तू कर भी रही है। मैं साफ देख रही हूँ कि तू बदल रही है। पहले से अधिक अच्छी लगने लगी है। बस तू मेरी बात मान यह कुछ समय मुझे दे दे और फिर देखना कि तू अपने मक़सद में किस तरह सफल होती है। तेरे पीछे एक नहीं कई सिड होंगे”
“मुझे कई सिड नहीं बस मुझे अपने वाला सिड ही चाहिए। मारिया तुमने जो कहा वह मैं दिलोजान से कर तो रही हूँ”
“देख एक दिन तेरे पास भी मेरी तरह चॉइस होगी कि मैं अल्ब्रेटा को अपना जीवन साथी बनाऊँ या सिड को”
“इसका मतलब तू अल्ब्रेटा से प्यार नहीं करती”
“मैंने यह कब कहा कि मैं उससे प्यार नहीं करती। पर मेरे पास अब दो ऑप्शन हैं कि मैं अल्ब्रेटा को चुनूँ या सिड को। फ़िलहाल तो मुझे सिड का पलड़ा भारी लग रहा है”
“इसका मतलब तुम दोनों से फ़्लर्ट करती रहोगी”
“ओह यस। माइ डिअर जब तक कि मैं सही डिसिशन पर न पहुँच जाऊँ। इंसान को कभी भी भावनाओं में बह कर कोई डिसिशन नहीं लेना चाहिए। कुछ डिसिशन इतने इम्पोर्टेन्ट होते हैं कि बहुत सोच समझ के लेने चाहिए”
तनिष्का मारिया की बात इस तरह सुन रही थी जैसे कि कोई गुरु अपने शिष्य को जीवन की सही राह दिखा रहा हो। मारिया एक फ़िटनेस ट्रेनर के साथ सायक्लोजिस्ट भी थी इसलिए उसने यह बात भाँप ली थी। मारिया ने अपनी बात बढ़ाते हुए कहा, “चल उठ अभी तू वह काम कर जो मैं तुझसे कह रही हूँ और फिर देखना कि वही सिड तेरे पीछे-पीछे होगा और तू आगे-आगे”
मारिया ने जैसे ही अपनी बात ख़त्म की कि इशिता अपने महाराज कपिल और सुगंधा के साथ लौट कर आई और उनकी मुलाक़त मारिया से कराते हुए कहा, “मारिया मीट माइ फ़ैमिली प्रीस्ट, टीचर ऐंड कॉन्शियस कीपर महाराज कपिल ऐंड हिज लवली वाइफ सुगंधा”
महाराज कपिल ने हाथ बढ़ाते हुए मारिया से कहा, “आपसे मिल कर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। इशिता ने मुझे आपके बारे में बहुत कुछ बताया है। मैं आशा करता हूँ कि मैं आपसे बहुत कुछ ज्ञान प्राप्त कर सकूँगा”
मारिया की कुछ समझ में नहीं आया कि महाराज कपिल जी ने उससे क्या कहा। इसी बीच सुगंधा ने मारिया से हाथ मिलाते हुए कहा, “नाइस टू मीट यू मारिया”
मारिया ने भी गर्म जोशी का परिचय देते हुए सुगंधा का हाथ अपने दोनों हाथों में लेते हुए कहा, “यू लुक वेरी ब्यूटीफुल इन दिस इंडियन साड़ी। मैंने भी कुछ साड़ियाँ बंगलोर से खरीदीं हैं। आपको मुझे साड़ी पहनना सिखाना होगा” इतना कह कर मारिया ने सुगंधा की नाभि पर हाथ रखते हुए कहा, “यू हैव अ लविंग नैवेल, यू लुक रियली गॉर्जियस वूमेन”
“थैंक्स मारिया”, सुगंधा ने मारिया का हाथ अपने हाथों में लेते हुए कहा, “एक्चुअली इंडियन साड़ी को हम कई तरीकों से पहन सकते हैं। आज जिस स्टाइल में मैंने साड़ी पहनी है उसे ‘नाभि शोभिनी’ स्टाइल कहा जाता है। सिमिलरली हम लोग साड़ी को ऐसे भो पहन सकते हैं जिसमें शरीर के पिछले भाग के उभार देखने में और भी मनमोहक लगें”
“सुंगंधा आप बहुत इंटेरेस्टिं बातें बता रहीं हैं। लगता है मुझे आपका स्टूडेंट बनना पड़ेगा”
“यू आर वेलकम माइ डिअर”
इसके बाद इशिता ने बीच में बोलते हुए कहा, “हम लोग एक दूसरे से बहुत कुछ सीख सकते हैं। लाइफ इज ऑलवेज अ लर्निंग लेसन। हम चाहे जितना भी सीख लें वह कम ही है”
“आइ एग्री विद यू इशिता” मारिया ने कहा और सुगंधा का हाथ अपने हाथ में ले अपने पास बिठाया और फिर तीनों में देर तक गप शप होती रही। तनिष्का जो वहाँ अभी तक चुपचाप खड़ी यह तमाशा देख रही थी बोली, “मारिया तुम गप शप करो लेकिन यह याद रखना कि शाम को मुझे तुम फ़िटनेस शेड्यूल पर ले जा रही हो”
“क्यों क्या कैथरीन नहीं आ रही है”, मारिया ने पूछा।
“कैथरीन को जब पता चला कि आज जब तुम आ रही हो तो उसने कहा कि शाम से तुम ही मुझे गाइड करोगी”
“ठीक है बाबा”, मारिया बोली।
मारिया और तनिष्का की बातें सुनकर इशिता बोली, “चलो अभी तुम आराम कर लो दोपहर को हम लोग लंच पर मिलेंगे तो आगे बात करेंगे”
“यह ठीक रहेगा”, कहकर मारिया भी अपने रूम की ओर जाने के लिये उठ खड़ी हुई और उसने तनिष्का से कहा, “शो मी माइ रूम प्लीज”
क्रमशः
मित्रों,
मैं अपने धारावाहिक 'तनिष्का' अपनी सेहत के चलते बीच में ही छोड़ना पड़ा था और जब मैं अब स्वस्थ होकर आप सभी के बीच हूँ तो मैं यह अपना फ़र्ज़ समझता हूँ कि मैं अपके प्रिय कथानक को आगे बढाऊँ।
अतः 'तनिष्का' कल दिनांक 18-05-2018 से पुनः आपकी सेवा में प्रसारित होगा। आपका सहयोग अपेक्षित है।
...तो कल मिलते हैं आपकी 'तनिष्का' से एपिसोड में।
धन्यवाद।
अपनी बात:
मारिया तनिष्का को साथ ले उसकी फिजिकल रूटीन के लिये कोहली विला से रेस कोर्स क्लब के लिये निकल गई और रास्ते में उसके और तनिष्का के बीच क्या गुफ़्तगू हुई सुनिए…..
तनिष्का
एक धारावाहिक
05-04-2018
एपिसोड 17
शाम के लिए जैसा तय हुआ था मारिया तनिष्का को साथ लेकर उसके फ़िटनेस शेड्यूल के लिये निकल गई। रास्ते में मारिया ने तनिष्का से पूछा, “तनिष्का बता तुझे कैथरीन कैसी लगी?”
“मुझे तो वह पसंद आई”
“मैंने बहुत सोच समझ कर अपनी सबसे बेस्ट ट्रेनर को तुझे सौंपा था”
“मुझे भी ऐसा ही लगा”
“तेरा हमारे सेंटर की दूसरी लड़कियों के बारे में क्या क्या ख़्याल है”, मारिया ने पूछा।
“मुझे तो सब एक से बढ़ कर एक लगीं। …और ताज़्ज़ुब की बात तो यह कि उनके बीच काले गोरे होने का कोई फ़र्क नहीं है सभी की सभी लुक वाइज गॉर्जियस और अलमस्त। लेकिन मैं एक लड़की की तारीफ़ किये वग़ैर नहीं रह सकती हूँ मुझे लगता है कि वह नई-नई है पर देखने में ओएमजी किलिंग है। वेरी प्रिटी”
“अच्छा कौन है वो”
“अनातालिया। शायद रशिएन है। मैं तो जब उसे देखती हूँ तो उस पर फ़िदा हो जाती हूँ। खुदा ने उसे क्या सूरत, सीरत और फ़िगर दिया है। देखने से लगता है कि उसे फुर्सत के वक़्त अपने हाथों से बनाया है”
“वाओ। जिस तरह से तू उसकी तारीफ़ कर रही है मुझे लगता है कि मुझे उससे मिलना चाहिए”, मारिया बोली।
“कल मॉर्निंग में चलेंगे न सिटी सेंटर तो वहीं उससे मुलाक़त हो जाएगी”
“हाँ, यही ठीक रहेगा मैं इधर कई दिनों से अपने नैरोबी सेंटर गई भी नहीं हूँ”, मारिया ने कहा और उसके बाद वे रेसकोर्स क्लब प्रेमिसिस में पहुँच कर फिजिकल एक्सरसाइज़ करने लगीं। उन्हें कोहली विला लौटते-लौटते अंधेरा सा हो गया था। मारिया ने देखा कि इशिता के साथ उसके महाराज जी और सुंगंधा के साथ-साथ एक व्यक्ति कोई और भी वहाँ था जिससे वह पहले नहीं मिली थी। मारिया और तनिष्का को करीब आते देख इशिता न उन्हें अपने पास बुलाया और मारिया का परिचय कराते हुए कहा, “मीट माइ लविंग हस्बैंड मिस्टर मनीष कोहली। ये अपनी दुनिया में खोए रहते हैं और मैं इनके पीछे इनकी दीवानी रहती हूँ"
मनीष ये हैं गॉर्जियस लुक वाली मारिया जिसे मैंने गोवा में नोटिस किया और तनिष्का के फ़िटनेस रेजीम का कॉन्ट्रैक्ट दिया हुआ है। मारिया तनिष्का के साथ मिलकर बहुत मेहनत कर रही है”
मनीष से हाथ मिलाते हुए मारिया ने कहा, “आइ गेट अ वेरी कोजी फीलिंग टू बि विद योर फ़ैमिली मिस्टर कोहली। नाइस टू मीट यू”
इसके बाद वे सभी लोग कोहली विला के फ्रंट लॉन में बैठकर आपस में कुछ देर बात करते रहे। शाम के समय नैरोबी का मौसम मस्त हो जाता था। ठंडी-ठंडी हवाएं चल रहीं थी। आसपास के पौधों पर लगे ख़ुशनुमा फूलों की महक से वातावरण मदमस्त बना हुआ था। सही मायने में एक आदर्श शाम और पार्टी के लिये माकूल अवसर भी। फिर जब इशिता जैसी जानदार होस्ट हो तो क्या कहना। मारिया ने सबसे मुआफ़ी माँगते हुए कहा, “वेल डोंट माइंड प्लीज् मैं फ्रेश होकर आती हूँ फिर आप सभी के साथ एक शानदार शाम गुज़ारने की अभिलाषा रखती हूँ”
इशिता ने भी मारिया की बात को सेकंड करते हुए कहा, “यस माइ डिअर यू मस्ट चेंज ऐंड जॉइन अस बैक। हम सभी लोग तुम्हारा इंतज़ार कर रहे हैं”
क्रमशः
अपनी बात:
मारिया तनिष्का के आते ही पार्टी शरू हो गई। आज देखते हैं कि आगे क्या होगा।
तनिष्का
एक धारावाहिक
06-04-2018
एपिसोड 18
जब तक मारिया और तनिष्का फ़्रेश होकर लौटीं उस समय तक इशिता ने जानदार पार्टी का इंतज़ाम कर दिया था। एक टेबल पर ड्रिंक्स, एक टेबल पर विभिन्न तरह के सलाद, तीसरी पर स्टार्टर्स और तीन और टेबल्स पर हॉट फ़ूड टू आर्डर बनाने की पूरी तैयारी कर ली थी। हर टेबल पर वेल ड्रेस्ड ऑर्डरली तैयार खड़े थे।
धीरे-धीरे इंडियन क्लासिकल संगीत की स्वर लहरी वातावरण को और मधुरिम बना रही थी। मारिया ने आते ही सभी ऑर्डरलीज़ से बढ़ कर हाथ मिलाया उनसे चलते फ़िरते बात की और फिर बाद मे सुगंधा और इशिता के बीच में आराम से आकर बैठ गई। एक क़िस्म के गोलाकार शेप में सभी लोग बैठे हुए थे। मारिया के ठीक सामने मनीष और उनके अगल बगल में कपिल महाराज जी तथा तनिष्का।
मारिया के आते ही पार्टी का माहौल गरमा गया। सभी लोगों से उनकी चॉइस पूछ कर ड्रिंक सर्व की गई। मारिया, सुगंधा और इशिता ने अपने लिए व्हाइट वाइन तो दूसरी ओर कपिल महाराज जी और तनिष्का ने अपने लिये फ्रेश लाइम तथा मनीष ने एक लार्ज स्कॉच। मारिया ने इशिता को इतनी अच्छी मेजबानी करते हुए बधाई देते हुए कहा, “इशिता यू आर अ वन्डरफुल होस्ट”
“थैंक्स मारिया”, इशिता ने मारिया स कहा।
इसी बीच सुगंधा बोल पड़ीं, “यह मैं तो बरसों से देख रही हूँ कि जिस तरह का इंतज़ाम इशिता करतीं हैं वह हर किसी के बस का नहीं है”
“मुझे भी यही कहना है”, कहकर कपिल महाराज जी भी मैदान में उतर आए। रह गए अकेले मनीष कोहली तो भला वह कैसे चुप रहते वह भी बोले, “मेरी बीबी सबसे सुंदर तो है ही और सबसे बढ़िया इन्तज़ाम अली भी”
मनीष की बात सुनकर सभी लोग दिल खोल कर हँसे और फिर इस तरह बातचीत का सिलसिला शुरू करते हुए मारिया ने कहा, “इशिता ने महाराज जी के बारे में बहुत कुछ बताया है तो क्या आज कुछ ज्ञान ध्यान की बातें हो जाएं”
“अवश्य हम इसी काम हेतु यहाँ आए हैं तो वह तो हमें करना ही है पर पहले आप मुझे यह बताइये कि आप मेरी बात ठीक ढंग से समझ पा रहीं हैं कि नहीं”, महाराज कपिल जी ने मारिया से पूछा।
“थोड़ा-थोड़ा तो समझ आता है लेकिन जब आप बहुत मुश्क़िल वाली भाषा बोलते हैं तो आपकी बातें मेरे सिर के ऊपर से निकल जातीं हैं”
“मारिया मैं तो भूल ही गई इस काम के लिये मैंने एक सॉफ्टवेयर मंगाया है जो तुम्हें महराज जी की बातों को अपने आप ही तुम्हारे समझने लायक भाषा में बदल दे सकेगा”, इशिता ने एक ऑर्डरली को इशारे से अपने पास बुलाया और उससे कहा, “पॉल जाओ बाहर वाले लिविंग रूम की डेस्क पर एक इक्विपमेंट रखा है उसे लेकर तो आओ”
कुछ ही देर में जब वह इक्विपमेंट आ गया तो उसे कैसे इस्तेमाल करना होगा उसके बारे में बताते हुए इशिता ने मारिया को एक-एक करके सभी बातें बता दीं। मारिया ने भी अपने कान पर हेड फ़ोन लगाते हुए महाराज जी से कहा, “अब आप चाहे जितनी भी मुश्क़िल भाषा में अपनी बात कहिये मुझे सब समझ आएगा”
“मारिया जी सबसे पहले तो मुझे आपको इस बात की बधाई देनी है कि आपने अपने तन बदन को इतनी शानदार तरीक़े से संवारा है जैसे कि कोई मूर्तिकार हृदय से अपनी नायिका की मूर्ति बनाता है। आपके बारे में बस मैं यही कह सकता हूँ कि आपको ख़ुदा ने बहुत करीने से आराम से बनाया है”
कपिल महाराज के मुँह से अपनी तारीफ़ सुनकर पहले तो मारिया शरमा गई फिर अपने आपको सम्हालते हुए बोली, “यह तो आपकी महानता है कि आप मेरे बारे में यह सोच रखते हैं अन्यथा मैं कहाँ टिकती हूँ”
“ऐसा न कहिये आपने तो मेरे हृदय में अपना वह स्थान बना लिया है जो रानी पद्मावती ने राणा रत्न सिंह या शकुंतला ने राजा दुष्यंत के हृदय में पहले दर्शन में ही बना लिया था। वैसे मैं आपसे किसी और समय विस्तार से चर्चा करूँगा कि रूपवती स्त्री को भारतीय समाज और साहित्य में विशिष्ट स्थान प्राप्त है। रीति काल में हिंदी साहित्य में स्त्री के सौंदर्य और रूप का इतना सुंदर शिख नख वर्णन किया गया है कि सुनते ही बनता है”
“मैं भी आपसे इस विषय पर चर्चा कर अनुगृहीत महसूस करूँगी। आप अपनी सुविधानुसार अपनी बात रखियेगा। मैं इंतज़ार करुँगी”, मारिया ने बड़े ही आदर भाव से महाराज जी से अपने मन की बात कही।
“अरे इनका क्या है यह एक बार जो शुरू होते हैं तो रोकते नहीं रुकते हैं”, सुगंधा ने मारिया से हँसते हुए कहा, “इनको तो घंटो बोलने की आदत पड़ी हई है”।
“आजकल हिंदुस्तान में बाबा और प्रवचन देने वालों की चाँदी है। लोग उनकी बातों को बहुत ध्यान से सुनते और मनन करते हैं”, मनीष ने अपनी ओर से कहा।
बीच में इशिता बोली, “आजकल ही नहीं बल्कि कालांतर से ही भारत में गुरुजनों की बातों को बहुत आदर सम्मान मिलता रहा है”
“मैं तो यह कहती हूँ कि हम लोग जो बिज़नेस मॉडल हिंदुस्तान के लिये सोच रहे हैं उसमें भी यही भावना निहित करनी होगी तभी हमारे प्रोडक्ट्स और सॉल्यूशन बिक सकेंगे”, सुगंधा ने अपना मत व्यक्त किया, “आप सभी ने हाल फ़िलहाल में देखा होगा कि एक गेरुआ वस्त्र धारी ने सबसे पहले तो अपने ज्ञान को लोगों में बांटा जगह -जगह जाकर प्रवचन दिए और बाद में देश की जड़ी बूटियों का इस्तेमाल कर ऐसे प्रोडक्ट्स लॉन्च किये और लोगों में राष्ट प्रेम भावना जागृति कर अपने प्रोडक्ट्स ख़ूब आराम से मार्किट किये। आजकल उनके प्रोडक्ट्स और सॉल्यूशन पूरे भारत में ख़ूब चल रहे हैं। उनका नाम पर लोगों के दिलों पर छा गया है”
“मैं तुम्हारी राय से इत्तेफ़ाक रखती हूँ। चलो हम लोग अलग से कुछ कंसल्टेंट्स से बात करके पूरी रिपोर्ट बनवा कर ही अपनी स्ट्रेटेजी बना कर ही काम शुरू करेंगे”
क्रमशः
अपनी बात:
सुगंधा ने अपने बिज़नेस के सम्बंध में कई आइडियाज शेयर किये और उन लोगों में बातचीत के बाद यह तय हुआ कि एक अच्छे कंसलटेंट की सर्विसेज को हायर करने के बाद बिज़नेस के सभी बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा होगी…आगे क्या हुआ यहाँ जानिए
तनिष्का
एक धारावाहिक
एक धारावाहिक
07-04-2018
एपिसोड 19
देर रात तक सभी लोगों के बीच गुफ़्तगू होती रही और बीच-बीच में मस्ती के लिये वे लोग उठकर संगीत की धुन पर नाचते भी रहे। महाराज कपिल जी ने मारिया के साथ ठुमके लगाए। तनिष्का और इशिता ने एक गोअनीज गीत की धुन पर वहीं के अंदाज़ में डांस किया। मनीष ने एक हिंदी की पुरानी फ़िल्म का मुकेश का गीत गा कर सभी का दिल जीत लिया।
जब खाना पीना ख़त्म हुआ और सब लोग अपने-अपने रूम के लिये जाने लगे तो मारिया ने हेड बटलर को बुला कर उससे बात चीत की और उसे सौ डॉलर बतौर इनाम दिया। हेड बटलर ने भी अपने साहब और में साहब की दिल खोलकर तारीफ़ की और मारिया को बताया कि उसके फ़ादर और मदर भी साहब के पिता के समय से यहाँ काम करते रहे। उसने मारिया को यह भी बताया कि अंग्रेजों के समय से हिन्दुस्तानी लोगों का व्यवहार लोकल लोगों के प्रति बहुत अच्छा रहा है और यहाँ के लोग भी उनकी बहुत इज़्ज़त करते हैं। चलते समय मारिया ने सभी ऑर्डरलीज़ के साथ हाथ मिलाया और गुड नाईट कहा।
अगली सुबह बंगलो में सब लोग सो रहे थे। मारिया, तनिष्का को लेकर कोहली विला से रेस कोर्स क्लब चली गई। वहाँ उन दोनों ने ख़ूब एक्सरसाइज करी और जो कुछ रात को एक्स्ट्रा कैलोरीज़ का खाना खाया था उससे अधिक ही कैलोरीज़ बर्न कीं। लौटते समय मारिया ने तनिष्का से पूछा, “तुम्हारा सिड तुमने बताया था कि तुम्हारे घर के आसपास ही रहता है”
“हाँ रहता है। लेकिन जबसे तुमने मुझे उसके सामने न पड़ने की सलाह दी है उस वक़्त से में उसके घर से बहुत दूर रहती हूँ”
“अच्छा करती हो”, मारिया ने तनिष्का से कहा, “क्या तुम मुझे उसका घर दिखा सकती हो”
“क्यों क्या मेरे सिड को भी अपने जाल में फंसाने का इरादा है”
“वह तो तुम अच्छी तरह जानती हो अगर मैं चाहूँ तो कुछ ही दिनों में वह मेरा होकर रहेगा पर मैं ऐसा करूँगी नहीं अभी मेरे पास मेरे दो हैं। कल रात को अल्ब्रेटा का फ़ोन आया था वह भी पूछ रहा था कि मैं साल्वाडोर कब वापस आ रही हूँ। जानती हो मैंने उससे क्या कहा”
“क्या कहा”
“मैं अभी जल्दी वापस नहीं आने वाली अगर उसका काम मेरे वग़ैर नहीं चलता है तो वह चाहे तो किसी और के साथ चला जाये। मालूम है उसने क्या कहा”
“मालूम है उसने कहा कि वह मुझे छोड़कर कहीं नहीं जाने वाला। वह मेरा इंतज़ार करेगा” तनिष्का ने अपनी ओर से मारिया से कहा।
“ग़लत, बिल्कुल ग़लत उसने कहा कि अगर मैं जल्दी वापस नहीं आती हूँ तो वह मेरा इंतज़ार नहीं करेगा”
“तो अब तुम क्या करोगी?”
“देखती जाओ अभी तो मैं यहाँ हूँ। अभी तो मैं दोनों की बनकर रहने की कोशिश करूँगी और फिर बाद में ही डिसाइड करूँगी कि मुझे फाइनली क्या करना है”
तनिष्का ने मुँह बिचकाकर कहा, “जैसा तू ठीक समझे वैसे मैं तुम्हारी जगह होती तो मैं अल्ब्रेटा की बाहों में चली जाती”
“यही फ़र्क है मेरी तुम्हारी सोच में। मेरा मानना है कि ऐसे डिसिशन बहुत सोच समझ कर लेने चाहिए”, मारिया ने तनिष्का को समझाते हुए कहा, “फिलहाल तो तू मुझे अपने सिड का घर दिखाने ले चल”
“चलो चलें” और यह कह कर तनिष्का और मारिया दोनों ही रेस लगाते हुए कैरन के दूसरे छोर की ओर बढ़ चलीं….
क्रमशः
अपनी बात:
मारिया ने रेस कोर्स से लौटते हुए तनिष्का से कहा कि वह उसे सिद्दार्थ का घर एक बार दिखा भर दे तो वह अपनी आगे की योजना पर काम कर सके।
तनिष्का
एक धारावाहिक
एक धारावाहिक
08-04-2018
एपिसोड 20
तनिष्का ने अपने वाले सिद्दार्थ का घर जब मारिया को दिखाया तो मारिया के मुँह से निकला, “वाओ, लगता है सिड भी अच्छे खासी खाते पीते घर का बेटा है। उसके घर का आउट लुक ही बता रहा है कि वह बड़े बाप का बेटा है”
“वो तू छोड़ जब तू उसे देखेगी तो पक्की फ़्लैट हो जाएगी”
“ऐसी बात है तो तू रुक मैं उससे मिल कर आती हूँ”, मारिया ने तनिष्का से कहा, “मुझ को भी तो देखने दे कि बच्चे में कितनी दम है”
“क्या बात करती है, तू बिना किसी जान पहचान के किसी के घर में कैसे घुस जाएगी”
“देखना चाहती है तो तुझे आज ही दिखाऊँ क्या”
“नहीं बाबा आज रहने दे तू उससे कभी बाद में मिल लेना पर एक शर्त पर की तू उसे अपना दिल न दे बैठना”
“मैंने इस सिड को तेरे लिये छोड़ दिया है” मारिया बोली, “तनिष्का एक बात बता कि इस सिड के क्या शौक़ हैं”
“यह एक रेस कोर्स के क्लब के अलावा एक और कंट्री क्लब है वह उस क्लब में आता जाता है और उससे मेरी पहली मुलाक़त वहीं हुई थी। उसे मैंने वहाँ स्विमिंग करते देखा है और बिलियर्ड खेलते हुए भी। वह घोड़ों का बहुत शौक़ीन है”
“तेरे मम्मी पापा उस क्लब के मेंबर हैं न”
“हाँ हैं"
“बस मेरा काम हो गया मैं आज शाम ही उससे मिलूँगी। चल अभी चलते हैं”
वे लोग कुछ दूर ही रेसिंग करके पहुँचे होंगे कि मारिया के मोबाइल की घँटी बजी। जब मारिया ने कॉल आंसर किया तो पता लगा कि उसके वाले सिड का फोन था और फिर मारिया ने वहीं पेड़ की छाँव में खड़े होकर उससे बहुत देर बात की। बात करते-करते उसने सिड को शाम को स्विमिंग के लिये कंट्री क्लब में बुला लिया। कॉल डिसकनेक्ट कर वह फिर तनिष्का के साथ ‘कोहली विला’ लौट आई जहाँ उसका इंतजार हो ही रहा था। गार्डन में इशिता और महाराज कपिल बैठे आपस में बात कर रहे थे। इशिता ने इन दोनों को अपने पास बुलाया और पूछा, “मारिया क्या तुम हमारे अपने गार्डन के कोकोनट का पानी पीना पसंद करोगी”
“यस व्हाई नॉट”
इशिता ने एक ऑर्डरली सभी के लिये नारियल पानी लाने के लिये कहा। इसी बीच महाराज कपिल जी ने मारिया से पूछा, “आप लोगों का मॉर्निंग सेशन कैसा रहा”
“अमेजिंग बहुत मज़ा आया। राइट तनिष्का?”
“ओह यस गुरु जी हम लोगों को बहुत मज़ा आया”
“बहुत अच्छा लगा यह जानकर। कन्याओं को इस उम्र में अपने शरीर का बहुत ध्यान करना चाहिए। आज की दुनिया बहुत कंपीटिटिव होती जा रही है और जो सबसे सुंदर दिखेगा और जिसका मष्तिष्क भी उसी तरह काम करेगा वही अपने जीवन के हर पहलू में सफलता अवश्य प्राप्त करेगा”
महाराज जी की बात सुनकर मारिया बोली, “जी महाराज जी मेरी कोशिश तो यही है कि मैं तनिष्का को उसके आने वाले कल के लिए हर तरीक़े से फिट कर दूँ। फिजिकली और मेंटली भी”
“आचार्य जी अभी हम लोग सभी खाली हैं क्यों न आप इन बच्चियों को कुछ ज्ञान वर्धक बातें बताएं”, इशिता ने महाराज जी से विनती की।
“आप कहतीं हैं तो अवश्य हमको क्या है हम तो इसी काम के लिए हैं बस यह देख लीजिये कि ये लोग इसके लिए तैयार भी हैं या नहीं”
मारिया ने तनिष्का की ओर देखा और फिर कहा, “क्यों न हम कुछ देर बाद मिलें तब तक हम लोग फ़्रेश भी हो जाते हैं”
क्रमशः
अपनी बात: सिद्धार्थ कपूर ने अपने घर पर मारिया को डिनर पर बुला कर अपने रिश्ते को जहाँ आगे बढ़ाने की बात तय कर दी वहीं तनिष्का की मुलाक़ात सिद्धार्थ सिंह से अपने यहाँ डिनर पर करा देने का वायदा भी कर दिया। मतलब मारिया भी ख़ुश और तनिष्का भी ख़ुश। आगे देखते हैं कि क्या हुआ:
तनिष्का
एक धारावाहिक
एक धारावाहिक
21-05-2018
एपिसोड 28
शाम को जब मारिया और तनिष्का अपनी एक्सरसाइज करके घर जल्दी लौट आईं तो इशिता ने पूछा,“क्या हुआ मारिया आज तुम लोग बहुत जल्दी चले आये”
इस पर मारिया ने उत्तर दिया, “आज हम लोगों ने हाई कैलोरी बर्निंग एक्सरसाइज़ करीं थी इसलिए हम लोग आज घर जल्दी आ गए दूसरा यह कि मैं और तनिष्का आज शाम सिद्धार्थ कपूर के यहाँ खाना खाने डिनर पर जा रहे हैं”
“ओके-ओके आइ गॉट इट”, इशिता ने यह कह कर अपनी मौन स्वीकृति प्रदान भी कर दी कि तनिष्का मारिया के साथ जा सकती है और यह भी बता दिया कि वह अभी कुछ देर में एयरपोर्ट जा रही है क्योंकि आज देर रात की फ्लाइट से कनिष्का इंडिया से वापस जो आ रही है।
कुछ देर बाद सज धर कर जब मारिया और तनिष्का निकलने लगीं तो इशिता महाराज कपिल जी और सुगंधा के साथ बैठी गप शप कर रही थी। जाती हुई मारिया से इशिता ने इतना ही कहा, “कल सुबह अपने आपको फ़्री रखना क्योंकि नाश्ते पर मैंने चार्टर्ड अकाउंटेंट और बकील को एक साथ बुलाया है जिससे कि हम कल ही अपनी कंपनी के फॉर्मेशन को आख़िरी स्वरूप दे सकें जिससे कि हम अपनी कंपनी जल्दी को जल्दी लॉन्च कर सकें”
“ओके डिअर। आइ विल बि देयर यू डॉन्ट वरी”
कार में बैठते ही मारिया ने तनिष्का से कहा, “लगता है सब काम ठीक ही हो रहे हैं”
तनिष्का ने पूछा, “ऐसा क्या हो गया”
“देख न आज ही हम लोगों को सिड और मुझे डिनर पर इनवाइट किया। दो एक दिन में अपनी कंपनी भी लॉन्च हो जाएगी तो बस मेरा यहाँ का काम ख़त्म। मैं तुम्हें और सिड को साथ ले साल्वाडोर निकल जाऊँगी। मैं भी अपने के देश और अपने लोगों के बीच होऊँगी”
“मेरा सिड भी तो आज डिनर पर आ रहा है”
“आइ एम नॉट टू वेरी स्योर, अभी तक तो पता नहीं कि सिड की सिड से बात हो भी पाई है या नहीं”
“चलो वहीं चल कर ही पता लगेगा”, तनिष्का ने अपनी बात ख़त्म होते ही एक्सीलेटर पर पांव रखा और कार को एक झटके से निकाल कर जल्दी ही हाई वे पर आ गई। कैरन जहाँ तनिष्का का कोहली विला था वहाँ से सिद्धार्थ कपूर का घर मुश्क़िल से आधे घंटे की ड्राइव पर था। इसलिए वे लोग डिनर टाइम तक आराम से पहुँच गए। मौसम में आज कुछ उमस भरी गर्मी थी इसलिए सिद्धार्थ कपूर की मॉम ने खाने पीने का इंतज़ाम घर के अंदर ही किया था। मारिया और तनिष्का वहाँ पहुँचते उससे पहले ही सिद्धार्थ सिंह भी वहाँ पहुँच गया था उसका दिल भी तनिष्का से मिलने का जो कर रहा था। जब तनिष्का उसके सामने अचानक इस तरह आई तो वह एक पल तनिष्का को देखता रह गया आज तनिष्का सज धज कर घर से निकली थी और वह आज बला की खूबसूरत लग भी रही थी। सिद्धार्थ सिंह ने तनिष्का से कहा, “हाइ तनिष्का आज तुम बहुत अच्छी लग रही हो क्या मैं तुम्हें अपनी तनु कह कर बुला सकता हूँ”
पहले तो तनिष्का कुछ शरमाई लेकिन फिर अपने आप को सम्हालते हुए बोली, “तुम्हें जो अच्छा लगे वह कह कर मुझे बुला सकते हो”
उधर ठीक इसके विपरीत मारिया को सिद्धार्थ कपूर की मॉम ने अपने गले लगाया और फिर सिद्धार्थ के डैड से उसका परिचय कराया। कपूर परिवार पिछली दो पीढ़ी से नैरोबी में ही रह रही थी इसलिए उनका आउट लुक बिल्कुल वेस्टर्न स्टाइल का था। जब सिद्धार्थ ने मारिया को अपनी बाँहों में लेकर अपने डैड और मॉम जो सामने ही किस किया तो यह बात साफ ज़ाहिर थी की अगर मारिया सिद्धार्थ को पसंद है तो उसकी पसंद ही उनकी भी पसंद है। बहुत ही ख़ुशनुमा माहौल में कपूर फ़ैमिली ने मारिया और तनिष्का दोनों का ही दिल खोल कर वेलकम किया खाना पीना हुआ। देर रात जब वे लोग वहाँ से विदा होने लगे तो मारिया ने सिड के डैड से यह भी परमिशन ले ली कि वह जब साल्वाडोर निकल भविष्य में वापस जाएगी तो सिड को वह अपने साथ ले जाएगी क्योंकि वह चाहती है कि सिड भी उसके लोगों से मिल ले और हमारा जो बिज़नेस एम्पायर है उसके बारे में भी जानकारी हासिल कर ले।
जब वहाँ मारिया की बातचीत उसके मॉम डैड से हो रही थी उसी समय सिद्धार्थ सिंह तनिष्का से बात कर उसे अपने घर आने के लिए इनवाइट कर रहा था। तनिष्का ने अपनी ओर से कुछ न कह कर बस मुस्करा कर ही अपनी सहमति जता दी। सिद्धार्थ सिंह और सिद्धार्थ कपूर दोनों को आज उनकी अपनी मनचाही चीज मिलने से बहुत ख़ुशी हो रही थी। चलते-चलते सिद्धार्थ सिंह ने तनिष्का का दायाँ हाथ अपने हाथ में लेकर किस किया और फिर उसे कार में बिठाया और ठीक इसी प्रकार मारिया को उसके सिड ने विदा किया।
जब तक ये लोग अपने घर पहुँचे तब तक कनिष्का भी वहाँ आ चुकी थी। कनिष्का को देख मारिया और तनिष्का खुशी से झूम उठीं…
क्रमशः
अपनी बात:
मारिया जब तनिष्का के साथ सिद्धार्थ का घर देखकर कोहली विला लौट रही थी उसी समय सिड का फोन आया और उसने शाम को उसे मिलने के लिये कंट्री क्लब बुला लिया। आगे क्या हुआ जानिए....
तनिष्का
एक धारावाहिक
10-04-2018
एपिसोड 22
शाम को अपने वायदे के मुताबिक़ मारिया ने तनिष्का से पूछा, “क्या तुम मेरे साथ चलोगी”
“कहाँ”
“भूल गई, सुबह सिड का फोन आया था और मैंने उससे मिलने का वायदा किया था”
“ओह हाँ मुझे याद आया। चलूँगी न। तुम्हारे साथ न चलूँगी तो भला मैं किसके साथ चलूँगी। तुम इश्क़ लड़ाना, मैं तुम्हें दूर से देखूँगी”
“ऐसा कुछ भी नहीं है मैं जो करती हूँ खुलेआम करती हूँ। मुझे किसी का डर थोड़े ही है”, मारिया तनिष्का से बोली।
“हो तो तुम बोल्ड। यह बात मैं मानती हूँ”
“मैं बोल्ड हूँ क्योंकि मैं कॉंफिडेंट हूँ। मुझे अपने आप पर पूरा भरोसा है। मैं यही कॉन्फिडेंस तुममें देखना चाहती हूँ”
“वाओ, कोशिश तो कर रही हूँ। तुम मेरी गुरु हो और गुरु ही रहोगी”
“गुरु वुरु कुछ नहीं बस तुम मुझे अपना दोस्त ही समझो”
तनिष्का ने मारिया को अपने साथ लिया और वे कार से कंट्री क्लब के लिये निकल लीं। रास्ते में मारिया ने तनिष्का से मज़ाक-मज़ाक में पूछा, “तनिष्का क्या ऐसा हो सकता है कि आज तुम्हारा सिड भी वहाँ क्लब में हो”
“हो सकता है, वह वहाँ हो। मैं कुछ कह नहीं सकती”
“अगर वह भी वहाँ हुआ तो तुम क्या करोगी?” मारिया ने पूछा।
“तुम बताओ कि मुझे क्या करना चाहिए”
“मुझे लगता है कि तुम्हें उससे अभी कुछ दिन दूर ही रहना चाहिए”
“ठीक है जैसा तुम कहो”
फिर कुछ सोचते हुए मारिया ने ध्यान से तनिष्का को देखकर बोली, “अगर सिड सामने आ भी जाये तो कुछ बुराई नहीं है तुम पहले से अब बहुत सुंदर दिखने लगी हो”
मारिया की यह बात सुनकर तनिष्का ख़ुश हुई और उसे लगा कि अगर अब उसका सिद्धार्थ सामने पड़ भी जाए तो कोई बात नहीं। उसे लगा कि वह उसका दिल जीत लेने में सफल हो सकेगी। तनिष्का ने मारिया से कहा, “तुमको क्या लगता है कि आज मेरी मुलाक़त सिद्धार्थ से होगी”
“हो भी तो अब तुम चिंता की कोई बात नहीं”
मारिया की बातों से तनिष्का को सिहरन हो रही थी कि काश ऐसा ही हो। जब तनिष्का ने कार कंट्री क्लब के गेट के अंदर मोड़ी तो उसे अजीब सा लग रहा था। कार को पोर्च के पास ही पार्किंग एरिया में खड़ी कर जब तनिष्का और मारिया क्लब के अंदर जाने लगीं तो वहाँ के स्टाफ़ ने उनका स्वागत किया। अंदर जाकर वे लोग क्लब के लाउंज में इधर उधर देखने लगीं कि सिड वहाँ कहाँ है। जब सिड वहाँ नहीं दिखाई दिया तो मारिया ने उसे फोन किया, “सिड तुम कहाँ हो मैं तुम्हारा लाउंज में इंतज़ार कर रही हूँ”
सिड ने मारिया से कहा, “मैं बिलियर्ड रूम में हूँ तुम वहीं आ जाओ”
“ओके”, कहकर मारिया ने तनिष्का से पूछा, “तुम जानती हो कि बिलियर्ड रूम किधर है?”
तनिष्का ने मारिया का हाथ अपने हाथ में लिया और वे बिलियर्ड रूम की ओर बढ़ चलीं। बिलियर्ड रूम में पहुँच कर मारिया जब सिड की ओर बढ़ी तभी तनिष्का की निगाह सिड के सामने खड़े सिद्धार्थ पर पड़ी। कुछ देर के लिये वह पत्थर सी खड़ी रह गई क्योंकि उसका सिद्धार्थ भी वहीं था। सिद्धार्थ एक टक खड़ा तनिष्का को देख रहा था। कुछ देर एक दूसरे को देखने के बाद वह तनिष्का के पास आया और बोला, “हाइ तनिष्का, कहाँ चली गई थी बहुत दिनों बाद नज़र आई”
तनिष्का कुछ जवाब दे पाती उससे पहले मारिया अपने सिड को लेकर तनिष्का की ओर पलटी तो देखा कि तनिष्का एक बहुत खूबसूरत हैंडसम के सामने सहमी सी खड़ी है। मारिया ने तनिष्का का ध्यान अपनी ओर करते हुए कहा, “तनिष्का मीट माइ सिद्धार्थ आइ कॉल हिम सिड”
तनिष्का ने सिद्धार्थ से हाथ मिलाया और फिर मारिया की ओर पलट कर बोली, “मारिया मीट ही इज सिद्धार्थ सिंह जिनके बारे में मैन तुमसे बात की थी”
“वाओ। यू आर अब्सॉल्यूटेली स्टनिंग। व्हाट अ ग्रेट डे फ़ॉर बोथ ऑफ अस। योर सिद्धार्थ एंड माइ सिड वाओ। आइ स्टिल डोंट विलीव माइ आईज”
इसके बाद तो उन लोगों में आपस में ऐसे घुलमिल कर बातचीत हुई जैसे कि वे एक दूसरे को अरसे से जानते हों। मारिया को उस दिन पता लगा कि उसका सिड दरअसल सिद्धार्थ कपूर है और तनिष्का का सिड सिद्धार्थ सिंह और वे दोनों आपस मे बहुत गहरे दोस्त हैं।
उन लोगों ने उस दिन साथ-साथ डिनर किया और देर रात ही वे अपने-अपने घर के लिये विदा इस वायदे के साथ हुए कि वे बाद में अगले दिन कोहली विला में मिलेंगे….
क्रमशः
अपनी बात:
मारिया और तनिष्का को अपने-अपने सिद्दार्थ मिल गए। उधर महाराज जी ने अपना प्रवचन भी किया। आज देखते हैं कि कोहली विला में क्या आगे होता है..
तनिष्का
एक धारावाहिक
11-04-2018
एपिसोड 23
जब अगले दिन आचार्य कपिल महाराज और सुगंधा की भेंट मारिया से इशिता के बेड रूम के पास वाले पूजा हाल में हुई तो तनिष्का भी वहीं उपस्थित थी। बिना किसी भूमिका के आचार्य कपिल महाराज ने अपने स्त्री सौंदर्य बोध ज्ञान के बारे में बताते हुए कहा, “कल मैंने आपको तिलोत्तमा की कथा सुनाई थी। जिसमें मैंने बताया था कि ब्रम्हा जी ने संसार में असुरीय प्रवत्तियों को समाप्त करने के लिये तिलोत्तमा नामक एक अप्सरा को निर्मित किया। अप्सरा से मेरा अभिप्राय यह है कि एक रूपवती सौन्दर्य से परिपूर्ण नारी जिसकी कांति देखकर ही साधारण व्यक्ति मूर्छित हो जाएँ। तिलोत्तमा की तरह न जाने कितने ही वृतांत हमारी संस्कृति के हिस्से हैं”
मारिया ने महाराज जी से से प्रश्न किया, “अबकी बार इंडिया ट्रिप में मैंने देखा और महसूस किया कि भारत में भी महिलाएं अलग-अलग रीजन में अलग-अलग किस्म की ड्रेस पहनतीं हैं और वे देखने में बहुत सुंदर लगतीं हैं और मैं यह महसूस कर सकतीं हूँ कि उन्होंने अपने रँग रूप से अपने-अपने समय में साहित्यकारों और लेखकों को अवश्य प्रेरित किया होगा”
“मारिया, तुम्हारा यह कथन नितांत सही है। हमारा साहित्य ही नहीं हमारे यहाँ तो हरेक व्यक्ति की सोच में नारी का रूप समाया रहता है। जैसे कि मेरे दिलो दिमाग़ में हमेशा सुगंधा अपने नाम को चरितार्थ करते हुए महकती रहती है” यह कहकर महाराज जी ने अपनी धर्म पत्नी की ओर देखा जो शर्म से दुहरी हुई जा रही थी। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए महाराज जी बोले, “एक आम हिंदुस्तानी जितना बड़ा रूप का पुजारी होता है कि उसके टक्कर में दुनिया भर को कोई भी इंसान खड़ा नहीं हो सकता। हम तो स्त्री की चाल मे मयूर की चाल देखते हैं, उसकी आँखों में हिरणी की आँखों सी चपलता देखते हैं , उसकी बाहों में अपने महबूब को आग़ोश में लेकर असीम प्यार और उसके होठों में अपने पिया से मिलन की प्यास का एहसास करते जीते हैं”
“महाराज जी यह मयूर की चाल और हिरणी की आँखों की चपलता, मैं कुछ समझ नहीं पाई”, मारिया ने महाराज जी से पूछा।
“सुगंधा प्रिये क्या तुम मारिया को एक्शन से यह बात समझाने की कृपा करोगी”
महाराज जी का आदेश मानते हुए सुगंधा जी खड़ी हो गई और उन्होंने साड़ी का पल्लू अपने दाहिने हाथ में लेकर इस तरह सम्हाला जिससे उनकी चाल में शरीर के अंग प्रत्यंग इस तरह नज़र आएं कि जब वह चल कर दिखाएं तो मारिया को ही नहीं बल्कि वहाँ बैठी इशिता और तनिष्का दोनों को ही अपनी सभ्यता तथा पहनावे पर नाज़ हो। सुगंधा जी ने धीरे-धीरे जब मयूर की चाल ठुमक-ठुमक कर दिखाई तो मारिया के दिल पर तो साँप ही लोट गया और उसके मुँह से अचानक ही निकला, “वाओ”
महाराज जी ने सुगंधा जी की तारीफ़ करते हुए कहा, “हमारी सुंगंधा कोई छोटी मोटी हस्ती नहीं बल्कि भातखंडे संगीत महाविद्यालय, लखनऊ की स्नातक हैं और इन्होंने कत्थक नृत्य की बाकायदा शिक्षा प्राप्त की है। इनकी चाल में हावभाव में वह बात है जो किसी दूसरे में नहीं। इसीलिए तो यह मेरे दिल के इतने क़रीब है कि मैं इन्हें पल भर के लिये भी कहीं नहीं छोड़ता”
“रहने भी दीजिये किसी को तारीफ़ करना सीखना हो तो वह महाराज जी से सीखे” कहकर सुगंधा अपने स्थान पर जब बैठने जाने लगी तो महाराज जी बोले, “अभी कहाँ आप इधर आइये मैदान में ठीक हम लोगों के सामने और अब आप अपनी आँखों में हिरणी की चपलता की भाव भंगिमा का प्रदर्शन करके तो मारिया को एक बार दिखाइए”
सुगंधा जहाँ खड़ी थी वहीं खड़ी रह गई और फिर उन्होंने नृत्य भंगिमा में नेत्रों की हिरनी सी चपलता के भाव करके दिखाए। मारिया ने पहले कभी किसी को भारतीय नृत्य करते नहीं देखा था इसलिए वह तो सुंगंधा जी की ये अदाएं देखकर उन पर फ़िदा हो गई और उठकर सुगंधा जी को अपनी बाहों में ले उन्हें प्यार करने लगी। महाराज जी ने यह देखते हुए इशिता से कहा, “क्यों न हम एक शाम सुगंधा जी की नृत्य नाटिका का प्रोग्राम रखें”
महाराज जी की बात सुनकर इशिता बोली, “अवश्य महाराज जी हम लोग एक दिन सुगंधा जी के नृत्य का प्रोग्राम रखते हैं”
महाराज जी इशिता की बात सुनकर संतुष्ट दिखे और अपनी बात जारी रखते हुए बोले, “मारिया आपने जो अभी तक भारतीय नारी का रूप देखा है वह तो पाश्चात्य सभ्यता से प्रेरित रूप देखा है जब आप हमारी प्राचीन सभ्यता को जानेगीं और समझेंगी तो मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप हमारी दीवानी हो जाएंगी”
महाराज जी की इस बात पर सुगंधा जी ने महाराज जी की ओर नज़रें तरेरते हुए कहा, “महाराज जी यह ध्यान रहे कि अभी मैं यहाँ हूँ नहीं तो सौतन का सौतिया डाह का प्रदर्शन करना पड़ेगा”
“वह भी तो दिखाना आवश्यक है कि एक प्रेमी जब अपनी प्रेमिका का तिरस्कार कर दूसरी प्रेयसी की ओर बढ़ता है तो नारी के हृदय पर क्या गुजरती है” महाराज जी ने बात पलटते हुए और मारिया की निगाहों में देखते हुए कहा। वहाँ उपस्थित इशिता और तनिष्का भी उनकी बातों पर मुस्कुरा बैठीं। अपनी झेंप मिटाते हुए महाराज जी बोले, “मारिया और तनिष्का तुम दोनों हमारी इस बात को बहुत ध्यानपूर्वक सुनो जहाँ यह एक ओर तुम्हें हमारे भूतकाल से जोड़ेगा वहीं तुम्हें हमारे गौरवशाली इतिहास से भी जोड़ेगा तथा इस बात को ध्यान दिलाएगा कि हिंदी साहित्य में नारी एक ऐसा पात्र है जो हर युग में साहित्य सृजन की प्रेरणा बनी है। नारी केवल कोमल और सुडौल काया का ही नाम नहीं बल्कि नारी कोमल कल्पनाओं का भी नाम है। नारी अगर प्रेरणा का स्रोत है तो जीने का सहारा भी। जब भी कभी सौंदर्य वर्णन की बात आती है तो बेशक वह नारी के सौंदर्य के रूप में ही अभिव्यक्त होती है। प्रकृति की सुंदरता को जिस तरह दरकिनार नहीं किया जा सकता है उसी तरह नारी की सुंदरता को भी नकारा नहीं जा सकता। स्त्रियों की रमणीयता हृदय को आवर्जित कर लेती हैं। मानव के पूर्ण सौन्दर्य की अभिव्यक्ति स्त्री और पुरुष दोनों को ही आधार बना कर हो सकती है परन्तु यह सौन्दर्य नारी सौन्दर्य के बिना अधूरा है। रूप, लालित्य, सुख-भोग आदि से सम्पन्न शरीर की सुन्दरता को यौवन कहते हैं। इस यौवन को देखकर ही तो पुरुष के मन में उसको प्राप्त करने की कामना उत्पन्न हो जाती है। नारी सौन्दर्य वल्लरी लतिकाओं से भी अधिक चंचल, नवनीत से भी अधिक कोमल और अमृत से भी अधिक मधुर है जो श्रृंगार से और अधिक आकर्षक हो उठती है। तन और मन की अद्वितीय सुंदरता के कारण ही नारी कभी चित्रकार की कूची में, कभी कवि की लेखनी में, कभी मूर्तिकार के शिल्प में उकेरी/ढलती नजर आती है। नारी में एक ऐसी काबिलियत है जिससे वह हर किसी का दिल जीत लेती है। उसके कोमल हाथों का स्पर्श पाकर हर जड़ चीज भी चेतन हो जाती है। जिंदगी के रंगमंच पर नारी हर किरदार को बखूबी अदा कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाती है। नारी एक ऐसी कविता है जो कवियों को भाव देकर शब्दों को रूप देने का सामर्थ्य रखती है। प्रेम, धैर्य, त्याग, सर्मपण और लज्जा की प्रतिमूर्ति नारी कभी अपनी कोमलता के कारण तो कभी अपने शक्तिस्वरूपा रूप के कारण कवियों की कल्पनाओं में शामिल होती रही है। नारी में वह समझ व सूझबूझ है जिससे वह घर-परिवार के अलावा बाहर भी अपनी एक अलग पहचान कायम करती है। घर-परिवार का मैनेजमेंट हो या ऑफिस मैनेजमेंट कहीं भी नारी का कोई सानी नहीं है। अपनी जिम्मेदारियों के प्रति ईमानदारी नारी की पहचान है”
कुछ देर रुक कर अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए महाराज जी ने कहा, "प्रेरणास्रोत के रूप में नारी की भूमिका को सदैव ही स्वीकार किया जाता है। नारी निराशा में आशा का संचार करती है। वह कभी श्रद्धा बनकर जीवन से निराश मनु के मन में नवचेतना भरती है, कभी विद्योत्तमा बनकर मूर्ख कालिदास की प्रेरणा बनती है तो कभी मदर टेरेसा बनकर जन-जन की सेवा का बीड़ा उठाती है। इस तरह के अनगिनत उदाहरण हमारे सामने हैं जब महिला ने पुरुष को जीने का नया ढंग सिखाया। सच में नारी के बगैर पुरुष अधूरा ही है। शिव भी स्त्रीसूचक 'ई' के अभाव में 'शव' बनकर रह जाता है। कठोरता के साथ कोमलता का सामंजस्य ही जिंदगी को खूबसूरत बनाता है। हर युग में भारतीय नारी ने नया इतिहास रचकर लोगों को यह सबक दिया है कि हम केवल कमजोर काया का नहीं बल्कि बुलंद हौसलों जीवन में जीती है। हमारे इतिहास में कई ऐसे वृतांत हैं जहाँ नारी ने अपने सौंदय के बलबूते लोगों के हृदयों पर राज किया वहीं उन्होंने अपने आत्म सम्मान की रक्षा हेतु सर्वोच्च त्याग और बलिदान कर एक आदर्श स्थापित किया..”
जब महाराज जी अपनी बात कर कुछ देर रुके तो इशिता बोली, “महाराज जी आज तो आपने समा बाँध दिया”
“इशिता जी सब आपकी कृपा है वरना हमको बोलने का अब अवसर ही कहाँ मिलता है। सुगंधा जी ने तो हमारी बोलती ही बंद कर रखी है”
कपिल जी की बात सुनकर सुगंधा ने भी कटाक्ष करते हुए कहा, “इशिता जी अब आपको पूरा मौका जो देने वालीं हैं। आप देशाटन करिये और पूरे भारत में हमारी कंपनी के ब्यूटी प्रोडक्ट्स और हेल्थ रेजीम के बारे में बताइये”
“वह काम तो मैं सहर्ष करूँगा क्योंकि मुझे एक से बढ़ कर एक यौवना भारत के हर महत्वपूर्ण शहर में मिलेगीं जो मेरे साथ काम करेगी जैसा कि आज आपने किया मेरी मॉडल बन कर”
सुगंधा ने महाराज जी की ओर कुछ इस तरह देखा जैसे कि एक पतिव्रता अपनी सौतन को देखती है। इस पर चुटकी लेते हुए मारिया बोली, “सुगंधा आप जो फील कर रहीं हैं वह फीलिंग हम लोगों में भी होती है हम भी किसी और वुमेन को अपने प्यार के साथ नहीं देख सकते हैं लेकिन हम इसे बहुत जल्दी भूल भी जाते हैं और बोल देते हैं जाओ अगर तुम्हें उसके साथ रहना है तो जाओ उसके साथ रहो। बस हम लोग अपनी-अपनी राह पकड़ ज़िंदगी में आगे बढ़ जाते हैं”
“शायद यही फ़र्क है हम भारतीय नारियों में हम अंत समय तक रिश्ते को निभाना जानते हैं”, इशिता ने कहा।
“मुझे इसीलिए सिद्दार्थ पसंद आ रहा है”, मारिया के मुँह से अचानक ही निकला।
“सिद्दार्थ ये सिद्दार्थ कौन है”, इशिता और सुगंधा ने एक स्वर में पूछा।
क्रमशः
अपनी बात:
मित्रों,
‘तनिष्का’ का प्रसारण अपरिहार्य कारणों से अवरोधित रहा लेकिन जब हम ठीक हो चुके हैं तो हमें लगता है कि हमें अपने पाठकों से पुनः जुड़ना चाहिए और कथानक को आगे बढ़ाना चाहिए। सबसे पहले एक रिकैप:
पिछले एपिसोड में आपने पढ़ा था कि इशिता अचानक ही कनिष्का को लेकर चिंतित होने लगी और उसने अपनी चिंताओं के बारे में अपने पति मनीश से बात की और उससे कह कर उसे अपने पास बुलवा लिया। कनिष्का ने भी अपनी माँ की बात मानते हुए अपनी शूटिंग पोस्टपोन की और नैरोबी लौटने का निश्चय किया।
एक दिन जब नाश्ते के बाद इशिता अपने गुरु जी महाराज जी कपिल और सुगंधा के साथ बैठ कर स्त्री सौंदर्य बोध विषय पर बात कर रहीं थी तो मारिया और तनिष्का भी वहीं थीं और वे सब कपिल महाराज जी की बातों से बेहद प्रभावित होकर मगन थीं जब कपिल महराज जो कुछ क्लिष्ट हिंदी तथा कवित्व भाषा में कुछ समझाने की कोशिश की तो मारिया ने उन्हें रोकते हुए कहा कि महाराज जी तनिक रूकिये मैं अपनी डिवाइस ले आऊँ। बस उसके आगे जानिए...!
तनिष्का
एक धारावाहिक
18-05-2018
एपिसोड 25
जब मारिया वापस लौटी तो उसके हाथ में ट्रांसलेटर डिवाइस थी और पास आते ही उसने अपने कान पर लगाते हुए कहा, “हाँ महाराज जो अब अपनी बात कहिये कि आप क्या कह रहे थे”
मैंने कुछ देर पहले आप सभी को बताया था, “जल तो जीवन है उसके बिना तो इस ब्रह्मांड की कल्पना करना भी दूभर है। स्त्रियों के रँग रूप ही जब पूर्णरूपेण निखरता है जब अंग-अंग एक तरल सौन्दर्य से आपूरित हो समस्त शरीर सुंदरता के सागर में नहाया हुआ हो। अंग-अंग में काम कला की असीम संपदा बिलसित होती हो उसके अंग-अंग में रूप रंग और रस बरस पड़ता हो। उसके सुन्दर सलौने अंगों की आभा देखकर कोई भी आत्म चेतना शून्य हो जाता हो। ऐसी अपूर्ण जिसकी अंग छटा हो उसे ही संपूर्ण यौवना कहते हैं।
‘सुंदरता बरननु तरुनि सुमति नायिका सोई |
सोभा कांति सुदीप्ति जुट बरनत हैं सब कोई ||’
सोभा कांति सुदीप्ति जुट बरनत हैं सब कोई ||’
अर्थात नारी का सौंदय यौवन, शोभा, कांति और दीप्ति से सयुंक्त होना ही चाहिए। इसका तात्पर्य यह है कि जब भो नारी के सौंदय की बात हो तो नारी के रूप का बखान करते हुए उसके नखशिख तक का समग्र रूप में वर्णन हो क्योंकि यह कहा जाता है “नहिं मानुषात् श्रेष्ठतरं किंचित्” अर्ताथ मानव सौंदर्य के समक्ष संसार का वैभव तुच्छ है। हमारे साहित्य में रूप सौंदर्य और प्रकृति सौंदय को समुचित स्थान प्राप्त हुआ है।
“हार गई तुम प्रकृति!
रच निरुपम
मानव-कृति!
निखिल रूप, रेखा, स्वर
हुए निछावर
मानव के तन, मन पर!”
रच निरुपम
मानव-कृति!
निखिल रूप, रेखा, स्वर
हुए निछावर
मानव के तन, मन पर!”
मानव सौंदर्य पर आप लोग देखिये कि किस प्रकार मुग्ध दृष्टि में प्रकृति-सौंदर्य भी मानव सौंदर्य में ही पूर्णता प्राप्त करता है। उसमें यदि एक ओर नारी का कोमल-कमनीय रूप है तो दूसरी ओर पुरुष का भव्य ओजस्वी रुप, यदि एक बाल-समुदाय का चित्ताकर्षक रम्य रुप है तो दूसरी ओर यौवन के ऐश्वर्य-वैभव की रंगीनियों में विचरण करने चला वाले तरुण-वृंद का मादक आकर्षक रुप।
मानवीय सौंदर्य की पूर्णता नारी-सौंदर्य वर्णन से आती है। सौंदर्य वर्णन में नारी की सुकोमलता, सुकुमारता और रमणीयता कवियों के रसिक हृदय को आकर्षित करती है। वह नारी के रुप, वय, अंग, चेष्टा आदि को देखकर मुग्ध होता है। नारी के रुप की रीझ उसे विभिन्न दृष्टियों से देखने की प्रेरणा देती है।
नारी के कई रुपों की चर्चा करते समय कल्पना उसके पूर्ण यौवना होने पर कुछ इस प्रकार की जाती है:
“पूरन जोबन गह्गहि गोरी,
अधिक अनंग लाज तिही थोरी।
केलि कलाप कोबिदा रहै,
प्रेम भरी मद गज जिमि चहै।
दीरध रैनि अधिक कै भावे,
भीर को नाम सुनत दुख पावै।
कुरुकुट सुनि चुरुकुट ह्वै, भारी,
मन मन देहि बिधातै गारी।“
अधिक अनंग लाज तिही थोरी।
केलि कलाप कोबिदा रहै,
प्रेम भरी मद गज जिमि चहै।
दीरध रैनि अधिक कै भावे,
भीर को नाम सुनत दुख पावै।
कुरुकुट सुनि चुरुकुट ह्वै, भारी,
मन मन देहि बिधातै गारी।“
जब स्त्री यौवन की प्राप्त करती है तो उसके शरीर में परिवर्तन होने लगते हैं जो उसकी शोभा और आकर्षण को उत्पन्न करते हैं। यही गुण कायिका गुण कहलाते हैं। इन गुणों में वयः, रूप-लावण्य, अभिरूपता, मार्दव, सौकुमार्य की गणना की जाती है।
वय : रूप सौंदर्य में आयु का विशेष महत्व होता है। इस काल में विभिन्न अंगों के विकास एवं परिवर्तन होने लगते हैं। जीवन काल को चार भागों में बांटा गया है।
वय सन्धिकाल: इस काल में स्त्री के यौवन का आरंभ माना गया है, इसमें अबोध अवस्था, वाली लज्जाशील किशोरी के चित्रण होता है:
“जिहि तन नव जोबन अंकुरै, लाज अधिक तन-मन संकुरै।
अली अधीन हौई रति जाकी, भूषन रुचि तैसी नहिं ताकी।“
अली अधीन हौई रति जाकी, भूषन रुचि तैसी नहिं ताकी।“
नव्य यौवन: इसमें बालपन छूट जाता है और स्त्री यौवन में पदार्पण करती है। यौवन आगमन की चिन्ह अंगों में दिखाई देने लगते हैं। स्तनों की मुकुलित अवस्था, नयनों की चंचलता, मंद मुस्कान और भावों का संचरण होने लगता है। इसमें कुच उठने लगते हैं, अधरों में मधुरिमता आ जाती है, अंगों में ज्योति का आविर्भाव होने लगता है।
“अंग अंग जुबन जोति संचरी, कंचन छरी मनी नग जरी।
किंचित मिलन पिया सो गया, उपज्यौ कौ दिया।
नव भूषण रुचि सूचि अनुरागी, मुसिक कनखियन चाहन लागी।
न्यौयित सब छवि जाके अंग, आवन लगी नवल नव रंग।
उपजी कछकु दृगन आतुरी, लज्जित जँह खंजन चातुरी।
तन लावन्य झलक परी ऐसी मुक्ताफल नवनापित जैसी।“
किंचित मिलन पिया सो गया, उपज्यौ कौ दिया।
नव भूषण रुचि सूचि अनुरागी, मुसिक कनखियन चाहन लागी।
न्यौयित सब छवि जाके अंग, आवन लगी नवल नव रंग।
उपजी कछकु दृगन आतुरी, लज्जित जँह खंजन चातुरी।
तन लावन्य झलक परी ऐसी मुक्ताफल नवनापित जैसी।“
व्यक्त यौवन: इस काल में यौवन व्यक्त हो जाता है। त्रिवली(कहीं कहीं इसे त्रिफली भी कहा जाता है) दिखने लगती है और स्तनों की मुकुलित अवस्था में विकास हो जाता है। स्त्री यौवन से पूर्ण परिचित रहती है तथा उसमें रुचि भी लेती है। सखियों के उरोजों को देखकर पुनः अपनी ओर आकर्षित होती है।
“सहचरि के उरजन तन चहै, अपने चहै छवि लहै।
सखि कहै बलि ये तब कुच नये, इक ठा विवि संभू से भये।
को सुकृति वह निजखन धरि है, इन कौ चंदचूड़ जो करिहै।
मुसकि सखी कहुँ मारै जोई ग्यातजोबना कहियें सोईं।“
सखि कहै बलि ये तब कुच नये, इक ठा विवि संभू से भये।
को सुकृति वह निजखन धरि है, इन कौ चंदचूड़ जो करिहै।
मुसकि सखी कहुँ मारै जोई ग्यातजोबना कहियें सोईं।“
पूर्ण यौवना: इस काल में नितंब एवं स्तनों की पीनता, मध्य भाग की कृशता रंभा की आभा के समान उरूगयल और शरीर की कांति में उज्जवला आ जाती है। स्त्री के रूप में अब वह पूर्ण यौवन की प्रतिष्ठा हो जाती है, उनमें अनंग का भाव अधिक, लज्जा का भाव कम रहता है। उसे दीर्घ रजनी अच्छी लगती है, भोर का नाम सुनते ही दुःख होता है।
“पूरन जोबन गहि गहि गोरी, अधिक अनंग लाज तिहि थोरी।
केलि कलाप कोबिदा रहै, प्रेम भरी मद गज जिमि चहै।
दीरध रैनि अधिक कै भावे, भीर को नाम सुनत दुख पावै।
करुकुट सुनि चुरकुट ह्वै भारी, मन मन देहि बिधातै गारी।“
केलि कलाप कोबिदा रहै, प्रेम भरी मद गज जिमि चहै।
दीरध रैनि अधिक कै भावे, भीर को नाम सुनत दुख पावै।
करुकुट सुनि चुरकुट ह्वै भारी, मन मन देहि बिधातै गारी।“
सम्पूर्ण यौवना-वर्णन
‘नवला अमला कमल सी चपला सी चल चारू।
चंद्रकला सी सीतकर कमला सी सुकुमारु॥‘
चंद्रकला सी सीतकर कमला सी सुकुमारु॥‘
इतना कह कर कपिल महाराज जी ने अपनी वाणी को विराम देते हुए कहा, “बस आज हम अपनी बात यहीं समाप्त करते हैं और जब कभी आप लोग चाहेंगे तो हम स्त्री सौंदय बोध पर जो हमारी समझ में जानकारी हमारे साहित्य में है उस पर कभी चर्चा बाद में करूँगा”
इशिता ने महाराज जी को हृदय से धन्यवाद करते हुए कहा, “महाराज जी आज तो आपने बहुत ही ज्ञानवर्धक चर्चा की इसके लिये आपका तहेदिल से शुक्रिया अब जब कभी मौका मिलेगा तो फिर इस विषय पर बात होती रहेगी क्योंकि हमारा बिज़नेस मॉडल ही स्त्री सौंदर्य पर निर्भर है”
मारिया ने भी अपने कानों से ट्रांसलेटर डिवाइस हटाते हुए कहा, “मैं थोड़ा बहुत जितना भी समझ पाई उससे तो मुझे यह लग रहा है कि हमें महाराज जी के ज्ञान का भरपूर इस्तेमाल करना चाहिए और जितना जल्दी हो सके उतना ही शीघ्र अपने बिजनेस मॉडल को लॉन्च करना चाहिए”
इशिता ने मारिया की बताया, “मैं उम्मीद करती हूँ कि आज हमें कंसलटेंट की प्राइमरी रिपोर्ट मिल जाएगी उसके बाद हम लोग इस विषय पर आगे बात कर सकते हैं”
क्रमशः
अपनी बात:
बहुत दिनों से यह कथानक बीच में आकर रुक गया था। कल से इसे पुनर्जीवित कर इसे पुनः आगे बढ़ाया जा रहा है। कल आपने देखा कि महाराज कपिल जी ने स्त्री सौदर्य बोध पर एक सारगर्भित व्याख्यान दिया। बस आज वहीं से आगे…
तनिष्का
एक धारवाहिक
19-05-2018
एपिसोड 26
दोपहर के बाद मारिया का प्रोग्राम अपने सिटी सेंटर के कार्यालय में जाकर स्टाफ से मुलाक़ात करने का प्रोग्राम था जब उसने तनिष्का से पूछा, “तनिष्का क्या तुम मेरे साथ हमारे नैरोबी सेंटेर देखना चाहोगी”
“अवश्य देखना ही नहीं बल्कि उन खूबसूरत लोगों से मिलना भी चाहूँगी जो दूसरे लोगों की ज़िंदगी में खुशियाँ भर देते हैं”
“तो चलो चलें”
मारिया और तनिष्का अपने आलीशन विला से कार से सिटी सेंटर की ओर रवाना हुए। रास्ते में जब उनकी कार जंगल के रास्ते से गुजर रही थी तो पेड़ों की भीनी-भीनी खुशबू से दोनों का मन प्रफ़ुल्लित हो गया और उन्हें मन ही मन बहुत अच्छा लगा। मारिया ने तनिष्का से पूछा, “क्या तेरा मन नहीं करता है कि तू अपने सिड से अकेले में मिले, उसके साथ बैठे कुछ अपनी कहे कुछ उसकी सुने”
“करता है न”
“तो फिर तू उससे मिलती क्यों नहीं रे”
“लो खुद ही मना किया और अब पूछ रही हो मिलती क्यों नहीं है”
“चल ऐसा करते हैं मैं अपने सिड को फ़ोन लगाती हूँ और उसे अपनी सिटी सेंटर पर आने के लिये कहती हूँ फिर देखते हैं कि आगे का प्रोग्राम बनता है”, मारिया ने कह कर सिद्धार्थ को फोन किया और उससे कहा, “हाइ क्या कर रहे हो”
“कुछ भी नहीं कोई खास काम नहीं। तुम कहो”, सिद्दार्थ कपूर ने मारिया से पूछा।
“मैं और तनिष्का आज अपने सिटी सेंटर वाले ऑफिस में जा रहे थे अगर तुम फ्री हो तो हम से वहीं मिलते हैं”
“ठीक है मैं दो घंटे बाद तुम्हें आकर मिलता हूँ”
“लो सिड हमसे मिलने आ रहा है। तनिष्का आज तुम ध्यान से एक बात नोटिस करना कि सिड जब अपने फिटनेस कैम्प की फिटनेस ट्रेनर्स से मिलता है तो उसका क्या रिएक्शन होता है। वहाँ एक से एक बढ़ कर हॉट एंड अट्रेक्टिव फ़िगर वाली लड़कियाँ उसे दिखाई देंगी”
“इसमें कौन सी खास बात है हर अच्छी दिखने वाली चीज को देखकर आजकल के बॉयज थोड़ी देर उनके ख्यालों में खो जाते हैं”
“चलो देखते है कि उसकी निगाह किस पर आकर टिकती है”, मारिया ने कहा।
बातों-बातों में उनकी कार सिटी सेंटेर के पास वाली ग्लोब राउंड अबाउट क्रोसिंग पर रेड लाइट होने के कारण रुकी। ग्रीन लाइट होते ही तनिष्का ने एक्सीलेटर को दबाया और सिटी सेंटर की अंडरग्राउंड पार्किंग में कार खड़ी करके वे दोनों फिटनेस सेंटर की ओर बढ़ चलीं। नैरोबी की स्काई लाइन पिछले तीस चालीस साल में इस तेजी से बदली कि जहाँ सिंगल स्टोरी बिल्डिंग्स हुआ करतीं थीं अब उनकी जगह मॉडर्न आउट लुक की चमकदार शीशों से ढकी हुई चम-क चम करतीं हुई मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स खड़ीं हुईं थीं। मारिया ने तनिष्का का बायां हाथ अपने हाथ में लिया और वे दोंनों पेफ़ा चर्च सिटी सेंटर वाली मल्टीस्टोरी हॉफमैन बिल्डिंग की ओर बढ़ चलीं। मारिया का फ़िटनेस सेंटर और ऑफिस चौदहवीं मंज़िल पर था इसलिए वे दोनों अन्य लोगों के साथ एलीवेटर नंबर तीन के गेट में जाकर दो मिनट में ही अपने सेंटर में थीं।
सेंटर में पहुँचने पर मारिया से सेंटर इंचार्ज सोफ़िया मिलने आई जिसकी मुलाकात मारिया ने तनिष्का से यह कह कर कराई कि आजकल वह अपना सारा समय तनिष्का के फ़िटनेस रेजीम पर दे रही है और उसने यह चैलेंज स्वीकार किया है कि वह तनिष्का को तीन महीने में एक अव्वल दर्ज़े की बॉडी लाइन्स की मलिका बनाकर ही रहेगी। सोफ़िया ने तनिष्का से आगे बढ़कर हाथ मिलाया और उसके बारे में बातचीत की कि वह नैरोबी में कहाँ रहती है और उसके परिवार में और कौन-कौन है वगैरह वगैरह।
शुरआती दौर के बाद सोफ़िया ने तनिष्का को अपने साथ लिया और उसे अपना सेंटर घुमाया। तनिष्का यह देखकर बहुत प्रभावित हुई कि फ़िटनेस सेंटर में वह हर इक्विपमेंट मौजूद था जो आजकल के मॉडर्न फ़िटनेस सेंटर्स में होता है। सेंटर में एक्टिविटी भी जोर शोर से चल रही थी। वहाँ काले गोर दोनों प्रजातियों के लड़के और लड़कियाँ ट्रेनिंग ले रहे थे। सोफ़िया तनिष्का की मुलाक़ात वहाँ के ट्रेनर्स भी कराती जा रही थी। सोफ़िया ने जब तनिष्का की मुलाक़ात अनातालिया नाम की नई रुस्सियन ट्रेनर से कराई तो पल भर के लिए तनिष्का उसकी ओर देखती रह गई। सोफ़िया ने तनिष्का को अनातालिया के बारे में बताते हुए कहा, "अनातालिया हमारी सबसे खूबसूरत दिखने वाली इंटरनेशनल रेपुटेशन वाली ट्रेनेट है जिसको हर कोई अपनी ट्रेनर बनाना चाहता है”
तनिष्का से अनातालिया से हाथ मिलाते हुए कहा, “मेरा भी मन कर रहा है कि मेरी बॉडी लाइन्स भी ठीक अनातालिया की तरह हो जाएं और मैं जिधर से निकलूँ तो एक बार लोग पलट कर मुझे गई देखें”
सोफ़िया ने तनिष्का से कहा, “दुनियां में ऐसी कौन सी चीज है हो अगर इंसान चाहे तो पा नहीं सकता बस दृढ़ इच्छाशक्ति की आवश्यकता है और मुझे लगता है कि आपने अभी तक जितना समय मारिया मैम के साथ बिताया है वह आपके लिए सर्वश्रेष्ठ समय रहा होगा”
तनिष्का ने सोफ़िया की बातों के उत्तर में कहा, “ओह यस मेरी और मारिया की अब बहुत अच्छी पटरी खाती है और वह मुझसे क्या चाहती है मैं उसके इशारे भर से समझ जाती हूँ”, सोफ़िया के साथ तनिष्का ने सेंटर बहुत पैनी नज़रों से देखा और जब वह मारिया के ऑफिस में दाख़िल हई तो पूरी तरह ख़ुश नज़र आ रही थी।
तनिष्का को अंदर आते देख मारिया ने पूछा, “कैसा लगा हमारा यह सेंटर”
“एकदम लाजवाब”
“उस नई रुस्सियन ट्रेनर से मुलाक़ात हुई भी कि नहीं जिसके बारे में मैंने तुम्हें बताया था”
“हुई न। क्या गज़ब का फ़िगर है मैं तो अनातालिया की दीवानी हो गई हूँ”
बाद में तनिष्का मारिया के साथ बैठ कर गप शप कर रही थी कि उसी समय सिद्दार्थ कपूर भी वहीं मारिया के ऑफिस में आ गया। मारिया ने उसे आगे बढ़ कर अपने गले लगाया और उसके चीक्स पर हल्के से किस किया। सोफ़िया भी वहीं थी इसलिए उससे सिद्दार्थ कपूर की मुलाक़ात यह कह कर कराई, “सोफ़िया इनसे मिलो ये है सिड और मेरी सबसे अधिक नायाब चीज जो मेरे दिल के सबसे क़रीब है। आई लव हिम”
सोफ़िया ने सिद्दार्थ की ओर देख कर मुस्कुराते हुए उसका अपने सेंटर में स्वागत किया और उसके बाद वह ऑफिस से बाहर चली गई। सिद्दार्थ ने तनिष्का को देखकर कहा, “हाइ तनिष्का कैसी हो सिड से मुलाक़ात हुई कि नहीं”
तनिष्का सिद्दार्थ कपूर की बात सुनकर कुछ कहती उससे पहले ही मारिया बोली, “सिड तो तनिष्का का दीवाना हो गया है”
“तनिष्का है ही ऐसी वह किसी को भी दीवाना बना सकती है”, सिद्दार्थ कपूर बोला।
“बस तुम अपनी निग़ाह मुझ पर रखो किसी और की ओर नहीं”, मारिया ने सिद्दार्थ के पीठ पर हल्के से हाथ से थपकी देते हुए कहा।
क्रमशः
अपनी बात: आप लोगों ने देखा कि कल सिद्धार्थ मारिया के सिटी सेंटर वाले फ़िटनेस सेंटर पर पहुँचा तो उसकी मुलाकात मारिया से हुई। मारिया के पास पहले ही से वहाँ सोफ़िया और तनिष्का बैठीं हुई बातचीत कर रहीं थीं। बस उसके आगे—
तनिष्का
एक धारावाहिक
20-05-2018
एपिसोड 27
सिद्धार्थ कपूर के मारिया के केबिन में आते ही सोफ़िया और तनिष्का उठ कर चलने लगे तो मारिया ने कहा, “बैठो न क्या हुआ”
सोफ़िया बोली, “कुछ भी नहीं। मुझे कुछ काम याद आ गया”
“…और तुम्हें तनिष्का?”
तनिष्का बोली, “मैं अनातालिया से मिलकर कुछ टिप्स लेना चाह रही थी कि मैं उसकी तरह कैसे बन सकती हूँ”
“ओके, जाओ खाली अनातालिया से ही नहीं सेंटर में और भी खूबसूरत लड़कियाँ हैं उनसे भी बात कर लेना”
तनिष्का को जाते देख सिद्धार्थ भी उठ खड़ा हुआ और तनिष्का के साथ ही जाने लगा तो मारिया ने पूछा, “ए मिस्टर तुम कहाँ जा रहे हो। चुपचाप यहीं बैठो मुझे तुमसे बहुत सी बातें करनी हैं”
“मुझे लगा कि तुम मुझसे भी कह रही हो कि मैं भी जाकर उन खूबसूरत लड़कियों से मिल लूँ”
“बैठ जाओ, तुम्हें तो मैं अभी देखती हूँ”
मारिया को गुड लक कहकर सोफ़िया और तनिष्का दोनों ही मारिया की केबिन से बाहर आ गए। जब वे बाहर चले गए तो मारिया अपनी सीट से उठी और सिद्धार्थ के पास आकर बोली, “खड़े हो जाओ…” और जैसे ही सिद्धार्थ खड़ा हुआ तो मारिया एक भूखी शेरनी की तरह सिद्धार्थ की ओर बढ़ी और उसे अपनी बाहों में लेते हुए बोली, “सिड आई नो दैट मर्दों को अपनी गर्ल फ्रेंड के अलावा और भी गर्ल्स अच्छी लगतीं हैं आज तुम अपने मन की बात मुझे बताओ कि मेरी तुम्हारी ज़िंदगी में क्या जगह है?”
“वही जो एक सच्चे प्यार की होनी चाहिये”, सिद्धार्थ ने जवाब में कहा।
“मुझे धोखा देने की कोशिश न करना”
“कभी नहीं, मैं तुम्हें दिलो जान से अधिक चाहता हूँ”
इतना सुनते ही मारिया ने सिद्धार्थ को अपने आगोश में लेकर उसके होंठों पर एक पैशनेट किस किया। कुछ देर बाद जब वे दोंनो अलग हुए तो वे अपनी-अपनी सीट पर बैठ गए। कुछ ही देर में मारिया ने अपने सेंटर की स्टाफ़ कैंटीन में से कॉफ़ी भिजवाने के लिए कहा और फिर सिद्धार्थ से मुखातिब होते हुए बोली, “सिड मैं अब कुछ ही दिनों में साल्वाडोर चली जाऊँगी क्योंकि मेरा यहाँ का काम कुछ दिनों में पूरा हो जाएगा। मैं चाहती हूँ कि तुम भी मेरे साथ चलो और मेरी लाइफ और मेरी फ़ैमिली मेंबर्स से मिलो। मैं अब लाइफ में धीरे-धीरे सेटल होना चाहती हूँ। इधर उधर भागते हुए ज़िंदगी यूँ ही गुज़रती जा रही है”
सिद्धार्थ ने मारिया की आँखों में झाँकते हुए कहा, “मैं भी अब अपनी लाइफ को एक दिशा देना चाहता हूँ। एक काम करो क्या तुम आज शाम को डिनर पर मेरे घर आ सकती हो। मैं तुम्हारी मुलाकात अपनी मॉम और डैड से कराना चाहता हूँ”
“मुझे उनसे मिल कर ख़ुशी होगी”, मारिया ने जवाब दिया।
इसके बाद मारिया और सिद्धार्थ में एक लंबी बातचीत हुई और दोनों ने यह उम्मीद जताई कि वे अब अगला स्टेप लेने के लिए तैयार हैं। इधर दूसरी ओर तनिष्का ने सोफ़िया और अनातालिया के साथ एक लंबा वक़्त गुजारा। तनिष्का सेंटर की दूसरी फ़िटनेस ट्रेनर से भी मिली। तनिष्का ने उनसे भी बातचीत में महत्वपूर्ण फिटनेस टिप्स प्राप्त किए। जब बहुत समय बीत गया तो वह मारिया की केबिन की ओर आई। तनिष्का ने केबिन के दरवाजे पर नॉक किया और जब मारिया ने कहा, “कम इन” तो तनिष्का अंदर आ सिद्धार्थ के बगल वाली सीट पर बैठ गई तो सिद्धार्थ ने उससे पूछा कि सिद्धार्थ से मिले हुए उसे कितने दिन हो गए। तनिष्का ने शरारत भरे स्वर में कहा, “मैं तो सिद्धार्थ से आज ही मिली थी और अभी भी उसके साथ हूँ”
मारिया ने बीच में पड़ते हुए कहा, “तनिष्का वह मेरे वाले सिड की नहीं वह तेरे वाले सिड की बात कर रहा है”
“उससे तो मैं उस रात जब वह मेरे घर आया था उसके बाद फिर नहीं मिली”
“चलो मैं तुम्हारी मीटिंग फ़िक्स करता हूँ तुम आज रात क्या कर रही हो”
“कुछ खास नहीं”, तनिष्का ने जवाब में कहा।
“तो ऐसा करना कि तुम भी शाम को मारिया के साथ डिनर के लिये मेरे घर आ जाना मैं वहीं सिद्धार्थ को भी बुला लूँगा”
मारिया ने तनिष्का दोनों ने सिद्धार्थ कपूर को आज शाम को इनवाइट करने के लिए थैंक्स कहा और कुछ देर वहाँ बिता कर वे सब अपने-अपने घर लौट आये।
क्रमशः
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