कलम से____
मौसम बेईमान हो गया !
अबके मौसम बेईमान हो गया
बादल बे मौसम ही बरस गया
सर्द रातों को ठिठुरता छोड़ गया
फूलों को खिलने से मना कर गया
मौसम बेईमान हो गया !
किसान के पेट पर लात मार गया
फसल पकी तैयार थी नष्ट कर गया
बिटिया के मण्डप को भिगो गया
अखिंयन में आँसू अपार दे गया
मौसम बेईमान हो गया !
त्योहारों के रंग फीके कर गया
होली के रंग बेरंग कर गया
टेसू न खिलें कुछ ऐसा कर गया
गुजिया की मिठास कम कर गया
मौसम बेईमान हो गया !
सब कुछ उल्टा पुल्टा कर गया
बयार बसंती मन पुलकित न करे
जाड़ा चैत्र में सताये रजाई छोड़ी न जाये
ज्योतिष व्याकरण को गलत कर गया
मौसम बेईमान हो गया !
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http:// spsinghamaur.blogspot.in
मौसम बेईमान हो गया !
अबके मौसम बेईमान हो गया
बादल बे मौसम ही बरस गया
सर्द रातों को ठिठुरता छोड़ गया
फूलों को खिलने से मना कर गया
मौसम बेईमान हो गया !
किसान के पेट पर लात मार गया
फसल पकी तैयार थी नष्ट कर गया
बिटिया के मण्डप को भिगो गया
अखिंयन में आँसू अपार दे गया
मौसम बेईमान हो गया !
त्योहारों के रंग फीके कर गया
होली के रंग बेरंग कर गया
टेसू न खिलें कुछ ऐसा कर गया
गुजिया की मिठास कम कर गया
मौसम बेईमान हो गया !
सब कुछ उल्टा पुल्टा कर गया
बयार बसंती मन पुलकित न करे
जाड़ा चैत्र में सताये रजाई छोड़ी न जाये
ज्योतिष व्याकरण को गलत कर गया
मौसम बेईमान हो गया !
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
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