कलम से____
सुबह सुबह से
सुन रहा हूँ
देख भी रहा हूँ
आज बजट में क्या होगा
कोई कह रहा है
यह होगा
कोई कह रहा है
वो होगा
एक पीने वाला
हरिवंशराय बच्चन की
मधुशाला को पढ़ने वाला
जीने वाला पीने वाला
है परेशान
कि शाम का प्याला
उसका सस्ता होगा
या महँगा होगा
देश आगे होगा
या पीछे होगा
इधर से निकालो
और उधर ड़ालो
बस होगा
और
कुछ नहीं होगा.....
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http:// spsinghamaur.blogspot.in/
सुबह सुबह से
सुन रहा हूँ
देख भी रहा हूँ
आज बजट में क्या होगा
कोई कह रहा है
यह होगा
कोई कह रहा है
वो होगा
एक पीने वाला
हरिवंशराय बच्चन की
मधुशाला को पढ़ने वाला
जीने वाला पीने वाला
है परेशान
कि शाम का प्याला
उसका सस्ता होगा
या महँगा होगा
देश आगे होगा
या पीछे होगा
इधर से निकालो
और उधर ड़ालो
बस होगा
और
कुछ नहीं होगा.....
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
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