कलम से____
हम सें कैसे छिपोगी मेरी राधा रानी
नहीं चलेगी तुम्हारी कोई मन मानी
कर सोलह श्रंगार पहिन धानी चुनरिया
आइ जइय्यो बजेगी जब मेरी बांसुरिया.....
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http:// spsinghamaur.blogspot.in/
हम सें कैसे छिपोगी मेरी राधा रानी
नहीं चलेगी तुम्हारी कोई मन मानी
कर सोलह श्रंगार पहिन धानी चुनरिया
आइ जइय्यो बजेगी जब मेरी बांसुरिया.....
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
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