कलम से____
जिन्दगी को इस मुकाम
तक लाने के बाद भी
कभी यह नहीं समझ पाये
सादगी से हट कर भी
कोई और सलीका होगा
इसे जीने का,
समझने का
जो आया उसे गले लगा लिया
जो मिल गया
हाले दिल उसको बता दिया
उसका हाल है क्या
यह जान लिया।
हमने तो
जिन्दगी को इस तरह
करीब से
जी लिया।
अब कैसे कहें
लोगों ने हमें जीने नहीं दिया
जिन्दगी हमें मिली
हर मोड़ पर मुस्कुराती हुई
हमने भी उसे मुस्कुराते हुए
गले लगा लिया।
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
http:// spsinghamaur.blogspot.in/
जिन्दगी को इस मुकाम
तक लाने के बाद भी
कभी यह नहीं समझ पाये
सादगी से हट कर भी
कोई और सलीका होगा
इसे जीने का,
समझने का
जो आया उसे गले लगा लिया
जो मिल गया
हाले दिल उसको बता दिया
उसका हाल है क्या
यह जान लिया।
हमने तो
जिन्दगी को इस तरह
करीब से
जी लिया।
अब कैसे कहें
लोगों ने हमें जीने नहीं दिया
जिन्दगी हमें मिली
हर मोड़ पर मुस्कुराती हुई
हमने भी उसे मुस्कुराते हुए
गले लगा लिया।
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
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