कलम से _____
लौ उम्मीद की मुझे अब, तब दिखती है
जिदंगी ज़द्दोज़हद में ही सही, रफ्ता रफ्ता चलती रहती है !!
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http:// spsinghamaur.blogspot.in
लौ उम्मीद की मुझे अब, तब दिखती है
जिदंगी ज़द्दोज़हद में ही सही, रफ्ता रफ्ता चलती रहती है !!
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
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