कुछ कहीं, कुछ अनकही !
Tuesday, May 5, 2015
रात कल तुम फिर बरस गये
कलम से ____
रात कल तुम फिर
बरस गये
बिनु बुलाये से आये
आवाज भी न की
और वापस चले गये...
यह कैसा खेल
खेल रहे हो प्रभु
कुछ तो बोलो
अब तो कुछ बोलो...
NCR में रात फिर बारिश हुई।
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://
spsinghamaur.blogspot.in/
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