कुछ कहीं, कुछ अनकही !
Monday, August 24, 2015
तेरे आने के खयाल भर से
तेरे आने के खयाल भर से
इन आँखों में चमक आ जाती है
यादें ही हैं जीने का सहारा मेरा,
जब भी आतीं हैं, रुला जातीं हैं।
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