Agra Smart City
Smart Cities in UP(India): Agra
हक़ अगर किसी का था तो वो अपने आगरे का था कि मोदी सरकार इसे हिन्दोस्तान का पहला Smart City बनाये। आखिर राजधानी रहा है हिन्दोस्तान का अपना आगरा। गौरवशाली इतिहास है इसका। आज भी दुनियां का tourist आता है तो सबसे पहले अपने आगरे में ही ताजमहल देखने। वक्त ने करवट ली और शाहजहां ने दिल्ली का लालकिला क्या बनबा दिया कि सल्तनत फिर आगरे और दिल्ली से होती रही।लोग भूल गये देखने के लिए बहुत कुछ है यहाँ एक ताजमहल के सिवा।
ऐतमाउद्दौला का मकबरा
सिकंदरा अकबर का मकबरा
लालकिला
जामा मस्जिद
रामबाग
दयालबाग
शाहजहां गार्डन
और भी तमाम ऐतिहासिक इमारतें बिखरी पडीं आगरे भर में।
पूड़ी कचौड़ी और चाट देशी घी के बने खाने पीने के सामान पेठे और दालमोंठ का केन्द्र है अपना आगरा।सेठ गली की चाट और मेंगोशेक।
नान वैज का ऐसा कोई खास पकवान नहीं जिसे आगरे की पहचान बताया जा सके।हाँ खानापीना सस्ता इतना कि हिन्दुस्तान में इससे सस्ता और कहीं हो नहीं सकता। बहरहाल जूते का कारोबार खूब चला। सोने और चांदी के वर्क का काम भी खूब होता है यहाँ।
इलाज और सस्ते इलाज के लिए जाने वाला आगरा अब Health Care में पिछड़ने लगा है।
कुछ सालों में बिजली तो ठीक हुई है लेकिन पानी को लेकर चिंतायें बढ़ गईं हैं।
किनारी बाज़ार की रौनक और सेव के बाज़ार की ठसक आज भी अपनी जगह बना लेती है यहाँ आने जाने वाले के दिल में।आगरे का पागलखाना भी फेमस है।
चलो देर आयद दुरुस्त आयद। अब भी यहां कुछ हो जाये तो बड़ी बात है।
बृजभाषा चप्पे चप्पे पर मिल जायेगी सुनने को। लखनऊ वालों को खटकती है यहाँ के रहने वालों के दिल में बसती है।
आगरा का मूल निवासी कभी आगरा नहीं कहेगा। उसके मुँह से आगरे ही निकलेगा। आ+गिरे तब जाके बना आगरे।
बहुत उम्मीद है कि आगरे का कुछ होगा।मेट्रो चलेगी ट्रैफिक कुछ ठीक ठाक होगा। तब तक सड़क और चौराहों पर जूतमपैजार होता ही रहेगा। और नहीं अब अपना आगरा भी smart होगा।
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http:// spsinghamaur.blogspot.in/
हक़ अगर किसी का था तो वो अपने आगरे का था कि मोदी सरकार इसे हिन्दोस्तान का पहला Smart City बनाये। आखिर राजधानी रहा है हिन्दोस्तान का अपना आगरा। गौरवशाली इतिहास है इसका। आज भी दुनियां का tourist आता है तो सबसे पहले अपने आगरे में ही ताजमहल देखने। वक्त ने करवट ली और शाहजहां ने दिल्ली का लालकिला क्या बनबा दिया कि सल्तनत फिर आगरे और दिल्ली से होती रही।लोग भूल गये देखने के लिए बहुत कुछ है यहाँ एक ताजमहल के सिवा।
ऐतमाउद्दौला का मकबरा
सिकंदरा अकबर का मकबरा
लालकिला
जामा मस्जिद
रामबाग
दयालबाग
शाहजहां गार्डन
और भी तमाम ऐतिहासिक इमारतें बिखरी पडीं आगरे भर में।
पूड़ी कचौड़ी और चाट देशी घी के बने खाने पीने के सामान पेठे और दालमोंठ का केन्द्र है अपना आगरा।सेठ गली की चाट और मेंगोशेक।
नान वैज का ऐसा कोई खास पकवान नहीं जिसे आगरे की पहचान बताया जा सके।हाँ खानापीना सस्ता इतना कि हिन्दुस्तान में इससे सस्ता और कहीं हो नहीं सकता। बहरहाल जूते का कारोबार खूब चला। सोने और चांदी के वर्क का काम भी खूब होता है यहाँ।
इलाज और सस्ते इलाज के लिए जाने वाला आगरा अब Health Care में पिछड़ने लगा है।
कुछ सालों में बिजली तो ठीक हुई है लेकिन पानी को लेकर चिंतायें बढ़ गईं हैं।
किनारी बाज़ार की रौनक और सेव के बाज़ार की ठसक आज भी अपनी जगह बना लेती है यहाँ आने जाने वाले के दिल में।आगरे का पागलखाना भी फेमस है।
चलो देर आयद दुरुस्त आयद। अब भी यहां कुछ हो जाये तो बड़ी बात है।
बृजभाषा चप्पे चप्पे पर मिल जायेगी सुनने को। लखनऊ वालों को खटकती है यहाँ के रहने वालों के दिल में बसती है।
आगरा का मूल निवासी कभी आगरा नहीं कहेगा। उसके मुँह से आगरे ही निकलेगा। आ+गिरे तब जाके बना आगरे।
बहुत उम्मीद है कि आगरे का कुछ होगा।मेट्रो चलेगी ट्रैफिक कुछ ठीक ठाक होगा। तब तक सड़क और चौराहों पर जूतमपैजार होता ही रहेगा। और नहीं अब अपना आगरा भी smart होगा।
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
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