कुछ कहीं, कुछ अनकही !
Sunday, July 12, 2015
जी भर के बरस भी लो.........
कुछ न बोलूँगा आज
जितना भी कहना कह ड़ालो
बहुत बरसाया नीर आँखों से
जितना बरसना है इन बरसातों में
जी भर के बरस भी लो.........
— with
Puneet Chowdhary
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