कुछ कहीं, कुछ अनकही !
Thursday, July 2, 2015
झोंपड़ी के टक्कर में हवेली हार जाती है !!!
जिंदगी कहीं जीतते जीतते हार जाती है
जिदंगी कहीं हारते हारते जीत जाती है
कमरों में रहने वाले बेफिक्र सुख़नवर
झोंपड़ी के टक्कर में हवेली हार जाती है !!!
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://
spsinghamaur.blogspot.in/
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