आगे सफर था और पीछे हम-सफर था....
रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हम-सफर छूट जाता...
मंजिल की हसरत थी और उनसे मोहब्बत भी थी..
ए दिल तू ही बता...
उस वक्त मैं कहाँ जाता...
मुद्दत का सफर भी था और बरसों का हमसफर भी था
रुकते तो बिछड़ जाते और चलते तो बिखर जाते....
रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हम-सफर छूट जाता...
मंजिल की हसरत थी और उनसे मोहब्बत भी थी..
ए दिल तू ही बता...
उस वक्त मैं कहाँ जाता...
मुद्दत का सफर भी था और बरसों का हमसफर भी था
रुकते तो बिछड़ जाते और चलते तो बिखर जाते....
ए दिल तू ही बता क्या कर जाते
पाप जिससे जीवन के कट जाते !!
पाप जिससे जीवन के कट जाते !!
No comments:
Post a Comment