Wednesday, July 22, 2015

वक़्त ने कहा.....

वक़्त ने कहा.....
काश थोड़ा और सब्र होता!!!
सब्र ने कहा....
काश थोड़ा और वक़्त होता!!!
सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...।।
आराम कमाने निकलता हूँ, आराम छोड़कर।।

"हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है
और
"किस्मत" महलों में राज करती है!!
"शिकायतें तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हूँ कि, जो भी दिया तूने,
वो भी बहुतों को नसीब नहीं होता"...

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