Friday, April 10, 2015

तेरे बिन हम अधूरे हैं, बिन मेरे तेरी जिन्दगी अधूरी है....


तेरे बिन हम अधूरे हैं
बिन मेरे तेरी जिन्दगी अधूरी है....


कलम से____

11th April
Kaushambi

ये शाम अधूरी है
ये ज़ाम अधूरा है
तुमसे दिल की बात अधूरी है
ये चाँद अधूरा है
ये रात अधूरी है
मचलते जज्बात अधूरे हैं
तरसते ख्वाब अधूरे हैं
तड़पती तन्हाई अधूरी है
दिल की ख्वाहिशें अधूरी है
ये जुस्तजु अधूरी है
उमड़ते अरमान अधूरे हैं
पैगामे-मोहब्बत अधूरी है
तेरे बिन हम अधूरे हैं
बिन मेरे तेरी जिन्दगी अधूरी है....

©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/

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