सुर लहरी पर
तुम आ जाओ
........... आ जाओ !!
तुम आ जाओ
........... आ जाओ !!
कलम से ____
24th April, 2015/Kaushambi, Ghaziabad
रात्रि प्रहर है
है चंद्र धवल
नदप्रवाह है प्रबल,
मन में है
ऊथल-पुथल,
वेग हो रहा प्रबल,
शान्त है मन नहीं
रहा है, खूब मचल !!
सुर लहरी पर
तुम आ जाओ
........... आ जाओ !!
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http:// spsinghamaur.blogspot.in/
24th April, 2015/Kaushambi, Ghaziabad
रात्रि प्रहर है
है चंद्र धवल
नदप्रवाह है प्रबल,
मन में है
ऊथल-पुथल,
वेग हो रहा प्रबल,
शान्त है मन नहीं
रहा है, खूब मचल !!
सुर लहरी पर
तुम आ जाओ
........... आ जाओ !!
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
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