भूली बिसरी यादें,
किसी को सताती है,
किसी को याद भी नहीं आती है
किसी को सताती है,
किसी को याद भी नहीं आती है
कलम से....
भूली बिसरी यादें,
किसी को सताती है,
किसी को याद भी नहीं आती है,
दूसरे कैटेगरी के लोग ही प्र॓कटीकल कहलाते है,
पहली वाले, संटीमेनटल और बेकार जाने जाते है ।
जो वक्त के साथ बदल जाते है,
केवल वही प्रगतिशील कहलाते है।
दोस्तों, फैशन का जमाना है,
हर रोज, एक नयी चीज को आना है,
कुछ दिन तक दुपटटे-सलवार का जमाना था,
दुपटटे को मारो गोली,
अब जीनस-पैनट को अपनाना है ।
हवा मे उडता जाए,
मेरा लाल दुपपटा मलमल का,
एक सुन्दर बीते युग का गाना है,
लेकिन न सुहाये अब नौजवानों को उनको लगता ए पुराना है ।
वक्त बदलता रहता है,
खुश रहता वो जो हर हालात को जीना जाने है ।
भूली बिसरी यादें,
किसी को सताती है,
किसी को याद भी नहीं आती है,
दूसरे कैटेगरी के लोग ही प्र॓कटीकल कहलाते है,
पहली वाले, संटीमेनटल और बेकार जाने जाते है ।
जो वक्त के साथ बदल जाते है,
केवल वही प्रगतिशील कहलाते है।
दोस्तों, फैशन का जमाना है,
हर रोज, एक नयी चीज को आना है,
कुछ दिन तक दुपटटे-सलवार का जमाना था,
दुपटटे को मारो गोली,
अब जीनस-पैनट को अपनाना है ।
हवा मे उडता जाए,
मेरा लाल दुपपटा मलमल का,
एक सुन्दर बीते युग का गाना है,
लेकिन न सुहाये अब नौजवानों को उनको लगता ए पुराना है ।
वक्त बदलता रहता है,
खुश रहता वो जो हर हालात को जीना जाने है ।
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/
http://spsinghamaur.blogspot.in/
No comments:
Post a Comment