एक धड़कन दूजे से मिल असरदार हो जाती है,
कलम से .......
22nd April, 2015/ Kaushambi, Ghaziabad
ऐसा कैसे होता है,
जिंदगी देखते-देखते किसी और की हो जाती है,
एक धड़कन दूजे से मिल असरदार हो जाती है,
ऐसा कैसे होता है,
जिंदगी देखते-देखते किसी और की हो जाती है।
खाते है कसम ऐसा न होने देंगे,
जिंदगी वेबस्ता मुश्किलात मे बदल जाती है,
ऐसा कैसे होता है,
जिंदगी देखते-देखते किसी और की हो जाती है।
मौत आने से पूँछेंगे दुबारा आना कब होगा,
जबाब मिल जाए तो अच्छा न मिले तो भी अच्छा,
कहने को तो होगा यही,
चलो अच्छा हुआ जो भी हुआ,
मौत को आना ही था एक दिन,
अब ए जिंदगी उनकी हुई जाती है,
22nd April, 2015/ Kaushambi, Ghaziabad
ऐसा कैसे होता है,
जिंदगी देखते-देखते किसी और की हो जाती है,
एक धड़कन दूजे से मिल असरदार हो जाती है,
ऐसा कैसे होता है,
जिंदगी देखते-देखते किसी और की हो जाती है।
खाते है कसम ऐसा न होने देंगे,
जिंदगी वेबस्ता मुश्किलात मे बदल जाती है,
ऐसा कैसे होता है,
जिंदगी देखते-देखते किसी और की हो जाती है।
मौत आने से पूँछेंगे दुबारा आना कब होगा,
जबाब मिल जाए तो अच्छा न मिले तो भी अच्छा,
कहने को तो होगा यही,
चलो अच्छा हुआ जो भी हुआ,
मौत को आना ही था एक दिन,
अब ए जिंदगी उनकी हुई जाती है,
ऐसा कैसे होता है,
जिंदगी देखते-देखते
किसी और की हो जाती है...जिंदगी देखते-देखते
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