कुछ कहीं, कुछ अनकही !
Tuesday, December 30, 2014
"मैं आजकल इन्सानों का मुक़ाबला नहीं कर पा रहा हूँ, ....... रंग बदलने में"......
घर के सामने वाले पेड़ पर एक "गिरगिट" ने आत्महत्या कर ली है।
पुलिस तहकीकात में लगी है। एक नोट मिला है।
सुसाइड नोट में लिखा है......
"मैं आजकल इन्सानों का मुक़ाबला नहीं कर पा रहा हूँ, .......
रंग बदलने में"......
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
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