कलम से____
देख लो ऐसी
छोटी सी ही सही
दुनियां अपनी भी हो सकती है
दूर नहीं
आसपास में
अपने ही जहान में
छोटी सी ही सही
दुनियां अपनी भी हो सकती है
दूर नहीं
आसपास में
अपने ही जहान में
सबकुछ है
छोटा सा घर
एक अदद तरणतारण ताल भी
सागर पांव धोता हुआ
हैं हरे भरे खेत भी
मीठे पानी का स्रोत भी
सुनहरी खिली खिली धूप
शांति है फैली हुई चहुँओर
कुछ और नहीं चाहिए
तो फिर चलते हैं वहाँ
बोलो हो तैयार
छोटा सा घर
एक अदद तरणतारण ताल भी
सागर पांव धोता हुआ
हैं हरे भरे खेत भी
मीठे पानी का स्रोत भी
सुनहरी खिली खिली धूप
शांति है फैली हुई चहुँओर
कुछ और नहीं चाहिए
तो फिर चलते हैं वहाँ
बोलो हो तैयार
बहुत कहते थे न
लगता नहीं है
जी अब इस दयार में
ढूंढ लो अब कोई एक नया जहां
रह सकें सुकून में वहाँ
देखो मिल गया है
ठीक वैसा ही
छोटा सा एक जहां.......
लगता नहीं है
जी अब इस दयार में
ढूंढ लो अब कोई एक नया जहां
रह सकें सुकून में वहाँ
देखो मिल गया है
ठीक वैसा ही
छोटा सा एक जहां.......
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
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