कलम से____
सोचने से क्या होगा
काम कुछ करना ही होगा
आज कुछ और नहीं है
चलो अपने से ही बातें करते हैं
अपने गुजरे वक्त से
कुछ कीमती छण निकालते हैं !!!
काम कुछ करना ही होगा
आज कुछ और नहीं है
चलो अपने से ही बातें करते हैं
अपने गुजरे वक्त से
कुछ कीमती छण निकालते हैं !!!
याद आ रहे हैं
बचपन के दिन
जब पहले पहल स्कूल गये थे
क्या हसीन पल थे
कई नये साथी बन गये थे
खेलते कूदते दिन
कट जाते थे
आज वक्त काटे नहीं कटता
पल एक एक भारी सा लगता !!!
बचपन के दिन
जब पहले पहल स्कूल गये थे
क्या हसीन पल थे
कई नये साथी बन गये थे
खेलते कूदते दिन
कट जाते थे
आज वक्त काटे नहीं कटता
पल एक एक भारी सा लगता !!!
बचपन बीता
यौवन आया
खेलकूद में वक्त खूब बिताया
किसी ने कुछ ऐसा कर दिया
जो आज तक भुलाया न गया
बस मीठी सी याद है जो रह गई
उस वक्त के कुछ लोग आज भी
जब मिलते हैं फूल गुलशन में
फिर से खिलने लगते हैं !!!
यौवन आया
खेलकूद में वक्त खूब बिताया
किसी ने कुछ ऐसा कर दिया
जो आज तक भुलाया न गया
बस मीठी सी याद है जो रह गई
उस वक्त के कुछ लोग आज भी
जब मिलते हैं फूल गुलशन में
फिर से खिलने लगते हैं !!!
जीवन की आपाधापी में
वक्त सरकता गया
मारा-मारी करते
न जाने कहाँ से कहाँ आ गया !!!
वक्त सरकता गया
मारा-मारी करते
न जाने कहाँ से कहाँ आ गया !!!
इस राकिंग चेयर पर बैठकर
अच्छे बुरे की याद कर लेता हूँ
कुछ और नहीं तो
यादों के सहारे जी लेता हूँ !!!
अच्छे बुरे की याद कर लेता हूँ
कुछ और नहीं तो
यादों के सहारे जी लेता हूँ !!!
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
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