Friday, December 5, 2014

यह दरख्त इतनी सुन्दर गर हो सड़क






कलम से____

यह दरख्त
इतनी सुन्दर गर हो सड़क
कौन न जाना चाहेगा
मंजिल तक
उस पर साथ हो
तेरा
होगा सोने पर
सुहाना।

चलो निकल चलें
शनिवार
की छुट्टी को
सार्थक करें
मौसम का
आनंद लें।

Good morning dear friends.
सुप्रभात मित्रों।

//सुरेंद्र पाल सिंह//

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