सरदी का मौसम है
दिल्ली की सर्दी है
एक कम्बल से
कुछ नहीं होगा
सोने का बहाना
यूँ न करो
दिल्ली की सर्दी है
एक कम्बल से
कुछ नहीं होगा
सोने का बहाना
यूँ न करो
उजाले में लोग
करवटें बदलते रहते हैं
करवटें बदलते रहते हैं
नींद आ रही हो तो
चिराग गुल कर लो।
चिराग गुल कर लो।
शुभ रात्रि......
हम कल मिलेंगे। तड़के सुबह सुबह........
हम कल मिलेंगे। तड़के सुबह सुबह........
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