कलम से____
सुर हैं सरगम के
या है यह कोई और
जो उठा रहा है, मुझे नींद से......
या है यह कोई और
जो उठा रहा है, मुझे नींद से......
(आज भर के लिए इतना ही, वाकी कल मिलते हैं, न।
शुभ रात्रि। शब्बाखैर। Good night)
शुभ रात्रि। शब्बाखैर। Good night)
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
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