कुछ कहीं, कुछ अनकही !
Thursday, November 6, 2014
इतना सुंदर घाट काश अपना होता गंगा किनारे।
कलम से____
इतना सुंदर घाट काश अपना होता
गंगा किनारे
उम्मीदेवफ़ा बढ़ा बहुत दीं हैं
देखना है
होता है क्या क्या आगे आगे....
(मोदी जी की बनारस यात्रा पर)
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
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