कुछ कहीं, कुछ अनकही !
Tuesday, November 4, 2014
चलो चलें यहाँ की सैर करें !
कलम से____
चलो चलें यहाँ की सैर करें !!
चलो भी न
ऐसी खूबसूरत जगह
कौन ले जाएगा?
यह तो मैं हूँ ...
अब चलो भी न
बांधो बोरिया बिस्तरा !!!
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
http://spsinghamaur.blogspot.in/
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