अक्सर हम हार मान लेते हैं
यह जानकर कि उम्र हो गई है
उम्र तो होती रहती है
यह मानकर जियें
तो जिन्दगी का मतलब ही बदल जाता है
जो लोग आपको
अंकल या आंटी कहकर बुलाने लगते हैं
कहने को मज़बूर होजाते हैं
जिन्दादिल हैं यारो
जिन्दगी जिन्दादिली से जी है
इसी को जिन्दगी जीना कहते हैैं........
पैसों का जिक्र मत करना यहाँ
बात खराब होती है
जेब खाली है अगर
बात तुम्हीं पर आकर गिरती है
अब हाल जैसा भी है
वह अपना बनाया हुआ है
उसके लिए दोष दूसरे को देना बुरा है
जो खुद नहीं कर पाये
वह कोई और न करेगा
भगवान के दरवाजे से भी
खाली हाथ आना पड़ेगा
रोज़ रोज़ भीख मांगना छोड़ो अब
कैसे कहूँ भरोसा
अपने पर करना सीखो तुम.....
लंबी है डगर हिम्मत से चल तू
हौसले बुलंद रख
मन से न टूटे तू
नब्बे का नहीं हुआ
है अभी पच्चीस का तू...........
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
http://spsinghamaur.blogspot.in/
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