कलम से____
आज मन कुछ
लिखना नहीं चाहता
गुरू की वाणी
बस सुनना है चाहता !!
कागा सुबह सुबह
आकर कह गया
सुनना बस आज
सुनने का दिन
है आ गया !!
दिन भर आज
सुनूँगा सबकी
अपनी न कहूँगा
कई दिनों से कह रहा हूँ
आज अपने गुरू की सुनूँगा !!!
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
http://spsinghamaur.blogspot.in/
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