कलम से____
सुबह हो गई
मुर्गे की बांग
कानों में आकर कह गई
उठ कर खड़ा हो गया
बिस्तर कब का छोड़ दिया
हरिहर भाई को राधे राधे कर लिया
सलीम मियां को सलाम कर दिया
अब क्या करूँ
समझ आता नहीं
इस धुंये भरी सुबह
में बाहर घर से निकला जाता नहीं
करने को जब है कुछ और नहीं
करूंगा परेशान आपको
नाराज न होइयेगा
इल्तिजा है इतनी सी
बस खुश रहियेगा
भले ही सेहत का कर ख्याल
इनडोर ही रहियेगा
चाय की चुस्की पर
याद इस नाचीज
को जरूर करियेगा !!!!
इस मौसम में ज़रा
बच कर रहियेगा !!!!!!!!!!!!!!
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
http://spsinghamaur.blogspot.in/
Life in NCR is he'll becoz of heavy smog around.
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