कलम से_____
आपाधापी जीवन की
समाप्ति पर जब आती है
सही मायने में
जिन्दगी तब शुरू होती है !!
आराम से रहना
हमें आता नहीं
रोने रुलाने से
फुर्सत है मिलती नहीं !!
कुछ नहीं होता
हम अगल बगल से
दुख उधार ले लेते हैं
खुशियों से दूर भागते रहते हैं !!
वक्त की राह चलो यारो
जो कुछ है पास तुम्हारे
बांट कर उसे देखो यारो
कभी जंगल की ओर चलो यारो
पहाड़ पर चढ़ सीना खोल हँसो यारो
बचीखुची है जोभी अब
यह मान जियो यारो
आना है अब दुबारा यहाँ नहीं
जो भी है उसको जियो यारो !!!
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
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