कलम से_____
मैंने जब यह स्लाइड देखी
खुश हुआ
लगा जीवन का मूल मंत्र मिल गया
जैसे जैसे दिन बीतता गया
असर स्लाइड का कम होता गया
अक्सर ऐसा ही होता है
जब मन को
कुछ भाता है
बहुत अच्छा वह लगता है
मिल जाता है
लगता है खुदा की नेमत मिल गई
न मिले तो लगता है
दुनियां ही उजड़ गई
खासतौर पर यह बात
खरी उतरती है
जो कभी धीरे धीरे
या फिर
अचानक अच्छे लगने लगते हैं
जो हमारे आसपास ही रहते हैं
कुछ तो अपनों में से ही होते हैं
जब हम दिल की सुनते हैं
कामयाब होते हैं
नहीं सुनते हैं दिल की
इधर उधर की सुनते हैं
बात जिन्दगी की है नहीं बनती
बिगड़ती है
बिगड़ती ही चली जाती है
करो यार मन की
सुनो अपने दिल की
बात है असली यह पते की
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
http://spsinghamaur.blogspot.in/
मैंने जब यह स्लाइड देखी
खुश हुआ
लगा जीवन का मूल मंत्र मिल गया
जैसे जैसे दिन बीतता गया
असर स्लाइड का कम होता गया
अक्सर ऐसा ही होता है
जब मन को
कुछ भाता है
बहुत अच्छा वह लगता है
मिल जाता है
लगता है खुदा की नेमत मिल गई
न मिले तो लगता है
दुनियां ही उजड़ गई
खासतौर पर यह बात
खरी उतरती है
जो कभी धीरे धीरे
या फिर
अचानक अच्छे लगने लगते हैं
जो हमारे आसपास ही रहते हैं
कुछ तो अपनों में से ही होते हैं
जब हम दिल की सुनते हैं
कामयाब होते हैं
नहीं सुनते हैं दिल की
इधर उधर की सुनते हैं
बात जिन्दगी की है नहीं बनती
बिगड़ती है
बिगड़ती ही चली जाती है
करो यार मन की
सुनो अपने दिल की
बात है असली यह पते की
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
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