Thursday, May 28, 2015

कोई प्यार से पूछे तो उसे हम क्या कहें

शब के होते होते दोनों ही जल गये
किसको समझें शमा-ये-महफिल किसको दीवाना कहें !



कलम से____

27th May, 2015/ Kaushambi

कोई प्यार से पूछे तो उसे हम क्या कहें
हम तो वो हैं जिसे अपने भी बेगाना कहें !

क्या कहके पुकारे जायेंगे हम जैसे वहाँ
होश वालों को जहाँ लोग दीवाना कहें !

तनहाई में आज फिर आँख से टपके हैं आँसू
बहलाने को जी आज हम अपना अफसाना कहें !

उनसे बनी हुई है रौनक कत्ले-निगाह की
कहने वाले मुझे बेकार ही उनका दीवाना कहें !

शब के होते होते दोनों ही जल गये
किसको समझें शमा-ये-महफिल किसको दीवाना कहें !

©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/

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