Sunday, June 7, 2015

अगर हम " तुझे " समझ लेते तो इतनी मुश्किल में न पड़ते !!!

जो दूर चले जाते हैं


कलम से____

6th June, 2015/Kaushambi

छोड़कर वो गर न गये होते

तो गम़ जुदाई का कैसे समझते
आँख से आँसू न गिरते
याद आते हैं अपने कैसे समझते
गरमी इस कद़र न पड़ती
बारिशों की कीमत कैसे समझते
गुलाब में कांटे न होते
ख़ुशबू कैसी होती है कैसे समझते
जिदंगी मुश्किल न होती
जिदंगी को कैसे समझते

समझने समझाने में ही कट गई
यूँही ये जिंदगी.....
अगर हम " तुझे " समझ लेते
तो इतनी मुश्किल में न पड़ते !!!

©सुरेंद्रपालसिंह 2015

http://spsinghamaur.blogspot.in/

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