Thursday, July 2, 2015

कल आयेंगे, मिल लेना जी भर....

कल आयेंगे, मिल लेना जी भर....


कलम से ____

शाम होने की भनक मिलते ही
बाहर हम चले आये
छितरे छितरे जो पड़े थे
कुछ मुस्कुराये
कहने लगे बस आज नहीं
कर लो कुछ और इंतजार
कल आयेंगे, मिल लेना जी भर....

©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/

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