Friday, August 29, 2014

कार ड्राइव करते हुए बिन्डशील्ड पर दो एक बूँद दिख गईं ।

सुप्रभात दोस्तों।
Good morning friends
08 30 2014

कार ड्राइव करते हुए
बिन्डशील्ड पर दो एक बूँद दिख गईं
धीरे धीरे दो चार और गिर गईं
मैं भी सोच रहा था
जाते जाते भी
दो बदली की टुकडीं
आखिर रंग दिखा ही गईं !!

मुझे याद हो आई
गौरवर्ण गौरी की
श्यामवर्ण श्यामप्यारी की
गौरी हँस कर बोली
रोले थोड़ा कुछ रोले
अब तुझे पिया मिलेगें
बिछोह के हैं आसूँ अखियों से बह जाने दे
सजन तुझे अब शीघ्र मिलेगें !!

श्यामप्यारी वोली मेरी तू बात न कर
तू भी चल अपने सजना घर
गौरवर्ण तेरा मन उनका ललचाएगा
भागा भागा कोई पीछे तेरे आएगा
मै दूर खड़ी देखूँगी
सजन तेरे क्या करते हैं
उन्हें अचानक पाकर नयन तेरे हसँते या रोते हैं !!

सखी दोनों कभी हसँती
कभी रोतीं थीं
पानी की बूंदें बन
टपका करती थीं !!

दोनों बदली बन उड़ चली
पिया के देश
यह कर
फिर आयेगें तब बरसेंगें
उमड़ धुमड़ कर इतरायेंगे
तब अपनी नेहबारिश कर जाएगें !!

मैनें वाइपर चालू कर
बिन्डशील्ड साफ किया
उसे चलता छोड़
छोटी छोटी बूंदों को
इकट्ठा हथेली पर कर
रसपान किया !!

जाओ प्यारी जाओ अपने देश
आना फिर जब आना दिखाना असली भेष !!!

//surendrapalsingh//

http://spsinghamaur.blogspot.in/

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