Sunday, November 30, 2014

मैंने जब यह स्लाइड देखी

कलम से_____

मैंने जब यह स्लाइड देखी
     खुश हुआ
लगा जीवन का मूल मंत्र मिल गया
जैसे जैसे दिन बीतता गया
असर स्लाइड का कम होता गया
अक्सर ऐसा ही होता है
जब मन को
कुछ भाता है
बहुत अच्छा वह लगता है
मिल जाता है
लगता है खुदा की नेमत मिल गई
 न मिले तो लगता है
दुनियां ही उजड़ गई
खासतौर पर यह बात
खरी उतरती है
जो कभी धीरे धीरे 
    या फिर
अचानक अच्छे लगने लगते हैं
जो हमारे आसपास ही रहते हैं
कुछ तो अपनों में से ही होते हैं

जब हम दिल की सुनते हैं
 कामयाब होते हैं
नहीं सुनते हैं दिल की
इधर उधर की सुनते हैं
बात जिन्दगी की है नहीं बनती
  बिगड़ती है 
बिगड़ती ही चली जाती है

करो यार मन की
सुनो अपने दिल की
     बात है असली यह पते की

//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//

  http://spsinghamaur.blogspot.in/

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