Saturday, April 25, 2015

सुर लहरी पर तुम आ जाओ ........... आ जाओ !!


सुर लहरी पर
तुम आ जाओ
........... आ जाओ !!




कलम से ____

24th April, 2015/Kaushambi, Ghaziabad

रात्रि प्रहर है
है चंद्र धवल
नदप्रवाह है प्रबल,
मन में है
ऊथल-पुथल,
वेग हो रहा प्रबल,
शान्त है मन नहीं
रहा है, खूब मचल !!

 सुर लहरी पर
तुम आ जाओ
........... आ जाओ !!

©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/

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