Thursday, April 9, 2015

कौन सोता है रात को



कौन सोता है रात को


कलम से____

कौन सोता है
रात को
रात कहती है
जागता रह मेरे लिए
करीब आ पास आ
अंधेरों के परे भी
एक दुनियां है
चमचमाती हुई
चमकते तारों की
जुगनुओं सी
दिखती है
आकाशगंगा।

एक दीप जलाकर
बैठा हूँ मैं
अंधकार है
जो मेरे आसपास
मेरे भीतर
उसे मिटाने के लिए।

रात ऐसे ही
गुजर गई
सुबह तक
तेरे इंतजार में....

©सुरेंद्रपालसिंह 2015

http://spsinghamaur.blogspot.in/

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