Thursday, April 30, 2015

अब कहाँ है वो पीपल ?




मेरे गाँव का एक पीपल 
मेरी माँ की दुआओं से सजा पीपल 
मेरी तमन्ना और मन्नतों का पीपल 
अब कहाँ है वो पीपल ?

जिस पीपल पर मोहल्ला पूरा
अर्पण करता था गुड़, बतासे, चीनी के शक्कर पाले
कच्चा दूध, लौह बाण धूप,
तेल से भरे दीपक की सौग़ात लेकर भी ख़ुश था पीपल
लाल धागों लिपटी मन्नतों को परवान चढ़ाता था पीपल
कभी जो प्रेम पत्र के छिपाने का गवाह रहा पीपल
अब कहाँ है वो पीपल ?

घर होने की दुआ पूरी कर गया पीपल
बेटी की बिदाई के गीत सुनकर भी साथ था पीपल
माँ का बताया “भूत” भी छुपाये रखा पीपल
यक्ष, गंधर्व, विष्णु सहित देवताओं का ठिकाना पीपल
सैकड़ों फ़ैसलों की अदालत बना पीपल
अब कहाँ है वो पीपल ?

मिश्रा सर के ऑक्सिजन वाला पेड़ पीपल
गुड्डी के आईस-पाईस में छुपने का पेड़ पीपल
अब कहाँ है वो पीपल ?

तरक्की के रास्ते हम यूँ चले कि
कभी ये जाना ही नहीं
अब कहाँ है वो पीपल ?
गर तुमको पता हो तो बता दो
अब कहाँ है वो पीपल ?

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