Sunday, January 19, 2020

उम्रदराज इंसान की परेशानियां और निदान। -------एसपी सिंह

उम्रदराज इंसान की परेशानियां और निदान।

जब आप उम्रदराज़ होते जाते हैं तो चेहरे पर बदलाव आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया होती है। इस बदलाव को आप जितनी प्रसन्नता पूर्वक और सहजता से स्वीकारें उतना ही यह आपके लिए श्रेयस्कर है। हर कोई अमिताभ बच्चन नहीं हो सकता जो अपनी उम्र को पछाड़ कर अभी भी बहुत एक्टिव जिंदगीं जी पा रहे हैं। हर किसी के पास काम हो ऐसा भी नहीं होता। कुछ काम की तलाश करते हैं और इच्छापूर्ति न होने पर जीवन के प्रति उदासीन हो जाते हैं। ऐसे व्यक्ति वास्तव में हार मान लेते हैं। इस दुनियां में काम बहुत हैं जो बढ़ती हुई उम्र में भी स्वीकारे जा सकते हैं बस शर्त यह है कि आपमें जीवंत जीवन जीने की इच्छा हो। हर किसी को बस ढूंढना यह पड़ता है कि वह कर क्या सकता है? दिक़्क़तें हो सकतीं है, आपकी राह में रोड़ा बन कर आ भी सकतीं हैं, बस आपकी सोच यह रहे कि आपको उन पर विजय पाना ही है। यही मनोयोग जीवन में आगे बढ़ने का मूलमंत्र है। आप क्या कर सकते हैं? आपकी क्या सामर्थ्य है? यह तो आपको स्वयं तलाशना होगा। बस जीवन में निरीह महसूस न करें। सदा अपने आसपास पॉजिटिविटी को बनाये रहें। जैसे - जैसे समय गुजरता जाएगा आप अकेले और अकेले होते जाएंगे। कुछ अपना हाथ खींच लेंगे, कुछ हाथ छोड़कर चले जायेंगे।
मैंने तो कम से कम अपने लिए यही राह चुनी है, कुछ लिखना पढ़ना और एक्टिव रहना। मैं इसीलिए लिखता हूँ जो मुझे अच्छा लगता है चाहे उसे पढ़ने वाला कोई मिले या न मिले। मैं उदास नहीं होता हूँ जब कोई मेरे किये हुए काम की तारीफ़ न करे। बस लिखते रहना अभी तो यही शौक़ जीवन में पॉजिटिविटी बनाये हुए है। दूसरा मुझे ड्राइविंग बहुत पसंद है इसलिए बीच - बीच में अपने गांव चला जाता हूँ। 300 किमी की दूरी एक जगह बीच में चाय नाश्ता करके ख़ुशी - ख़ुशी पूरी करता हूँ। दो एक दिन अपने फार्म पर हरे भरे खेतों के बीच रहकर उतनी ऑक्सिजन फेफड़ों में भर कर दिल्ली लौट आता हूँ जिससे कुछ महीने आराम से कट जाएं। फेसबुक और ट्विटर पर एक्टिव रहता हूँ। किसी भी तरह की नीरसता अपने आसपास नहीं फटकने देता हूँ।
आप भी कुछ ऐसा करिये जिससे आपके जीवन में समरसता बनी रहे और आप स्वस्थ मन से रह सकें।
धन्यवाद।

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