Thursday, January 30, 2020

छोटे छोटे ख्वाब हैं


छोटे-छोटे ख़्वाब हैं
ख़्वाबों में आप हैं
आप में हैं हम
हम में आप हैं
छोटे-छोटे ख़्वाब हैं

तुम मन-मीत हो
मेरी तुम प्रीत हो
चाहत हो तुम मेरी
कैसे पुकारूँ मैं
पा जाऊँ जो मैं

छोटे-छोटे ख़्वाब है
ख़्वाबों में प्रीत है
प्रीत में मीत है
कैसे मैं पुकारूँ तुझे
पा जाऊँ मैं तुझे

छोटे-छोटे ख़्वाब हैं
जिसके सहारे हूँ मैं
तेरी मैं बनके रहूँ मैं
यही बस ख़्वाब है
छोटे-छोटे ख़्वाब हैं......

एस. पी. सिंह@2020

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