Thursday, January 23, 2020

बा अदब बा मुलाहिजा होशियार ---एस पी सिंह

"बा _ अदब बा_मुलाहिज़ा होशियार"

एपिसोड 1
...एक रात पता नहीं क्यों उपरोक्त जुमला मुझे मेरे सपने में आकर सताता रहा? सपने तो सपने होते हैं जिनके न तो हाथ होते हैं और न पाँव होते हैं। वास्तव में वह एक भटकाव की परिस्थिति होती है। कुछ अपने बीते हुए जीवन के उन पलों की जिनको लेकर आप कभी बहुत प्रसन्न रहे हों अथवा मन विचलित हुआ हो।
स्वप्न देखते - देखते यकायक जब मैं मनकापुर पहुंच गया तो मैंने स्वयं को मनकापुर कोट के राजा साहब के सानिध्य में पाया। उन्ही से बातों - बातों में जब चर्चा पुराने ज़माने की बातों पर होने लगी तो तमाम वे मुद्दे सामने आए जिन्हें अब लोग भूल चुके हैं जैसे कि कोर्निश करना, राजा महाराजाओं के दरबार में आने के पहले की वह गर्जना जो उनके आने की सूचना देता था - "बा _ अदब बा_ मुलाहिज़ा होशियार" फलां - फलां राज्य के राजा अथवा महाराज पधार रहे हैं, कचहरी में अर्दली की वह आवाज़ कि फलां फलां मुलज़िम में हाज़िर हों इत्यादि।
घूम फिर के उसी जुमले पर आते हुए मुझे यह बताते हुए न जाने आज अंडर स्कोर ( _ ) की याद क्यों सता रही है? जब से कंप्यूटर्स और मोबाईल पर लिखते समय अथवा अपनी मेल आईडी बनाते समय उपरोक्त ( _ ) का इस्तेमाल होता है उसी के संदर्भ में यह बताना है कि जब शब्द 'बा _ अदब बा _ मुलाहिज़ा होशियार' लिखने की बात आई तो पता नहीं क्यों राजा साहब मनकापुर ने मुझे मज़बूर किया कि मैं 'बा' शब्द के बाद अंडर स्कोर का प्रयोग करके ही बाकी जुमले को पूरा करूँ।
जब मेरी आँख खुली तो मैंने बार - बार सोचा वह क्या खास बात रही होगी जिसकी वजह से अंडर स्कोर के इस्तेमाल पर राजा साहब ने इतना जोर दिया चूंकि साधारणतया 'बा _ अदब बा - मुलाहिज़ा होशियार' तो शायद उर्दू भाषा की शब्दावली है। विषयवस्तु के गहन अध्ययन से मुझे तो यही प्रतीत होता है कि हम जब अपने जीवन में कोई नई चीज अपनाते हैं तो उसकी हनक मस्तिष्क में लंबे समय तक बनी रहती है। मैंने अपनी मेल आईडी चेक कीं जो बहुत सालों पहले बनाई थीं जिसमें अंडर स्कोर का प्रयोग किया गया था। अब तो इस तरह के कंप्यूटर आइटम्स लोग पासवर्ड बनाने के लिए भी खूब इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे उनके एकाउंट्स अधिक सिक्योर्ड रहें। इसलिए 'बा _ अदब बा _ मुलाहिज़ा होशियार' जुमले में भी अंडर स्कोर के इस्तेमाल पर जोर बना रहा होगा।
बहरहाल मेरे लिए यह जुमला "बा _ अदब बा _ मुलाहिज़ा होशियार" अब महत्वपूर्ण बन चुका है। देखते हैं कि इसका क्या प्रयोग हो सकता है।
एस पी सिंह
24/01/2020

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