कलम से _ _ _ _
आना है तो आओ,
चादं छिपने के पहले आओ,
चादंनी सिमटने के वक्त तक,
तुम ठहर भर जाओ।
देखना क्या फिर होगा,
होगा वही जो पहले न हुआ है,
बाहों मे मेरी तुम झूल जाओ,
सदा के लिए मेरी तुम हो जाओ।
आना है तो आओ___
नजरें मिलाकर बस इतना कहदो,
तुम हो मेरी मैं तुम्हारा सदा के लिए।
आना है तो आओ,
कभी न वापस जाने के लिए।
आना है तो आओ________
//surendrapal singh//
07192014
http://1945spsingh.blogspot.in/2014/07/blog-post.html
and
http://spsinghamaur.blogspot.in/
आना है तो आओ,
चादं छिपने के पहले आओ,
चादंनी सिमटने के वक्त तक,
तुम ठहर भर जाओ।
देखना क्या फिर होगा,
होगा वही जो पहले न हुआ है,
बाहों मे मेरी तुम झूल जाओ,
सदा के लिए मेरी तुम हो जाओ।
आना है तो आओ___
नजरें मिलाकर बस इतना कहदो,
तुम हो मेरी मैं तुम्हारा सदा के लिए।
आना है तो आओ,
कभी न वापस जाने के लिए।
आना है तो आओ________
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