कलम से _ _ _ _
याद बहुत आओगे तुम याद बहुत आओगे,
काम अधूरे बहुतेरे छूटे पूरे करने कब आओगे,
याद बहुत तुम आओगे-----
सादगी से खुद रहे साथ लेकर सबको चले,
दिन न देखा न देखी रात रहे हमेशा साथ,
याद बहुत तुम आओगे----
आओ फिर बैठो साथ निभाना जैसे निभाया साथ रे,
बिन तुम्हारे न कट पाएगा जीवन बन गया है श्राप रे,
याद बहुत तुम आओगे----
श्रीकांत की कीर्ति इस जग में रहे बनी सदा,
प्रभु पूरी करदो मेरी आस वो रहें पास मेरे सदा,
याद बहुत तुम आओगे'----
//surendrapal singh//
07192014
http://1945spsingh.blogspot.in/2014/07/blog-post.html
and
http://spsinghamaur.blogspot.in/
याद बहुत आओगे तुम याद बहुत आओगे,
काम अधूरे बहुतेरे छूटे पूरे करने कब आओगे,
याद बहुत तुम आओगे-----
सादगी से खुद रहे साथ लेकर सबको चले,
दिन न देखा न देखी रात रहे हमेशा साथ,
याद बहुत तुम आओगे----
आओ फिर बैठो साथ निभाना जैसे निभाया साथ रे,
बिन तुम्हारे न कट पाएगा जीवन बन गया है श्राप रे,
याद बहुत तुम आओगे----
श्रीकांत की कीर्ति इस जग में रहे बनी सदा,
प्रभु पूरी करदो मेरी आस वो रहें पास मेरे सदा,
याद बहुत तुम आओगे'----
//surendrapal singh//
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