Thursday, January 8, 2015

बहुत करली हैं बरदाश्त तेरी बदगुमानियां हो जा तैयार आ रही हैं फौजी टुकड़िया।



कलम से____

बहुत करली हैं बरदाश्त तेरी बदगुमानियां
हो जा तैयार आ रही हैं फौजी टुकड़िया।

कर्ज है मेरे माथे पर उतारकर ही दम लूँगा
लांस नायक हेमराज के बदले तेरा सिर लूँगा।

घात लगाकर हमले में मारा था चाकू पीठ में
सामने से चुनौती देकर ले जाऊँगा शीश मैं।

एक एक मौत का बदला लेना है अभी बाकी
भारत माँ का सपूत हूँ पहनी है मैंने खाकी।

हो जा अब तैयार जै भवानी बोल मैं आया
काटूँगा शीश चढ़ सीने पर देख मैं ये आया।

जै भवानी जै अम्बे जै दुर्गा माई दे तू साथ मेरा
दुश्मन का सिर काटने चला आज यह सपूत तेरा।

जै भारत माता। जै भवानी।

©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/

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