Thursday, January 22, 2015

परछाईं सा रहूँगा सदैव तुम्हारे साथ....


कलम से____

मत घबराना कभी
तुम,
साथ तुम्हारा कभी न छोडूँगा
थामा जो है
यह हाथ,
हमेशा थामे रहूँगा

चाहे आए
आंधी,
चाहे आए
बरसात,
उजाला
हो या
रात

परछाईं सा रहूँगा
सदैव तुम्हारे साथ....

©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/

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