Tuesday, January 13, 2015

कनहाई को देखो कभी सीधे न दिखेंगे टेढ़े हैं हमेशा टेढ़े ही रहेंगे।


कलम से____

बहुत अच्छा बदलाव आ रहा है
संसार में वेजिटेबल्स
का चलन आ रहा है
लोगां के दो कोर्स
वेजिटेरियन हो गए हैं
एक हम इन्डियन
नये नये
नान वेजिटेरियन बन रहे हैं।

हैं शौक निराले
अपोजिट चलने का मजा
अपना है
जब जग चले दाहिने
तो हम बाएं चलते हैैं
कहीं ब्रिटिश कहीं अमेरिकी ट्रेन्ड्स
कहीं धोती कहीं जीन्स
आइसक्रीम कहीं कुल्फी
का मजा ही अपना है
सब घूमें
क्लाकवाइज़ तो एन्टीक्लाकवाइज़
का मज़ा ही अपना है
सामने से धक्का मारने
और पीछे से धक्का खाने
में मज़ा दोगुना है।

हम न सुलझे हैं
न सुलझेंगे
धागे उलझाने का मज़ा दूसरा है
उड़ती पतंग को लगंड़ से गिराना
हो लडाई किसी की
टांग फसाने में मज़ा अपना है।

टेढ़े रहने का मज़ा अपना है
कनहाई को देखो कभी सीधे न दिखेंगे
टेढ़े हैं हमेशा टेढ़े ही रहेंगे।

फिर भला हम कैसे सीधे रहेंगे....

©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/

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