कलम से____
जब भी मिली मुझे अल्हड सी दिखी
कभी तू चर्च में थी
कभी सजदे में थी
न तू उसके बस में थी
न तू मेरे बस की थी
तू अपने ही मन की थी
इसी वज़ह तू मुझे बेहद पसंद थी !!!
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http:// spsinghamaur.blogspot.in/
जब भी मिली मुझे अल्हड सी दिखी
कभी तू चर्च में थी
कभी सजदे में थी
न तू उसके बस में थी
न तू मेरे बस की थी
तू अपने ही मन की थी
इसी वज़ह तू मुझे बेहद पसंद थी !!!
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
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