Friday, January 16, 2015

चलो हम फिर से प्यार करें ग़म दुनियाँ के भूल चल हम साथ चलें........



कलम से____

फिर से प्यार करें रिश्तों में दरार जो आ गई थी उसे दूर करें

फटे हाल हो बिताये हैं कुछ दिन मालामाल हो गये चल ग़म ग़लत करें 

चलो हम फिर से प्यार करें ग़म दुनियाँ के भूल चल हम साथ चलें

ज़माने की ओर न देख इसने कब चाहा लोग यहाँ मिल कर चलें

यह तो हम थे अच्छे बुरे वक्त में भी साथ रहे चलो चाँद की सैर करें

चलो हम फिर से प्यार करें ग़म दुनियाँ के भूल चल हम साथ चलें........

©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/

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