कलम से____
रुपये की कीमत गिरती कभी है सवंरती
इन्सान की असली कीमत जरूर बढ़ गई।
पालिटीकल पार्टी को नज़र आने लगा
वोट की कीमत अचानक जो बढ़ गई।
अगले इलैक्शन तक देखना क्या होगा
जो न हो बस वो काम कम ही होगा।
एक एक के पीछे पार्टी वर्कर लगे रहेंगे
वोट डालने वालों के ठाठ बड़े रहेगें।
पैसे का है खेल गुरू तब तक देखना
अवमूल्यन हो जाएगा कितना देखना।
देशहित के नाम पर व्यापार हो रहा है
बेवकूफ़ बनाने का काम चल रहा है।
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http:// spsinghamaur.blogspot.in/
रुपये की कीमत गिरती कभी है सवंरती
इन्सान की असली कीमत जरूर बढ़ गई।
पालिटीकल पार्टी को नज़र आने लगा
वोट की कीमत अचानक जो बढ़ गई।
अगले इलैक्शन तक देखना क्या होगा
जो न हो बस वो काम कम ही होगा।
एक एक के पीछे पार्टी वर्कर लगे रहेंगे
वोट डालने वालों के ठाठ बड़े रहेगें।
पैसे का है खेल गुरू तब तक देखना
अवमूल्यन हो जाएगा कितना देखना।
देशहित के नाम पर व्यापार हो रहा है
बेवकूफ़ बनाने का काम चल रहा है।
©सुरेंद्रपालसिंह 2015
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